सोम साहू
प्रभु कह गरल बंधु ससि केरा। अति प्रिय निज उर दीन्ह बसेरा।।
बिष संजुत कर निकर पसारी। जारत बिरहवंत नर नारी।।
अर्थात भगवान राम कहते हैं कि विष चंद्रमा का बहुत प्यारा भाई है, इसलिए चंद्रमा ने उसे अपने हृदय में स्थान दिया है जिसके कारण चंद्रमा में काला निशान दिखाई देता है। अपनी विषयुक्त किरणों को फैलाकर चंद्रमा वियोगी नर-नारियों को जलाता रहता है।
रामचरित मानस के लंका कांड में दिए इस प्रसंग से स्पष्ट है कि जो पति-पत्नी बिछड़ जाते हैं, तो वियोग के उस काल में चंद्रमा की विषयुक्त किरणें उन्हें अधिक कष्ट देती हैं। इसलिए करवा चौथ के दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा करके यह कामना करती हैं कि उन्हें अपने पति का वियोग न सहन करना पड़े।
यह अलग बात है कि वैज्ञानिक अनुसंधानों ने चंद्रमा के कई रहस्यों को उदघाटित कर दिया है। यह भी कि चंद्रमा पर जो कालेधब्बे या दाग दिखाई देते हैं, वह उसकी उबड़खाबड़ सतह पर बने बड़े गड्ढे या पर्वत हैं और चंद्रमा पर ऐसी ही किसी ऊबड़-खाबड़ सतह पर चंद्रयान-2 मिशन का विक्रम लैंडर औंधा गिरा पड़ा है। लेकिन हम भारतीय हैं, हमें धर्म भी प्यारा है और हमें विज्ञान भी चाहिए। हमारे लिये चंद्रमा एक देवता भी है, ज्योतिषीय प्रभाव वाला एक ग्रह भी और पृथ्वी का एक उपग्रह भी। और, यह अहसास अपनी जगह कि चंद्रमा की चांदनी प्रणय मिलन का सुख बढ़ा देती है, तो वियोग में वहीं चांदनी झुलसाती भी है।
आज 17 अक्टूबर है यानी करवा चौथ का दिन है। करोड़ों हिंदू विवाहिताएं आज 18 घंटे से भी अधिक समय तक भूखी-प्यासी रहेंगी। शाम को सोलह श्रृंगार कर 05.46 बजे से लेकर 07.02 बजे के बीच कुल एक घंटा 16 मिनट के शुभ-मुहू्र्त में पूजा करेंगी, व्रत की कथा सुनेंगी। रात 8.16 बजे के बाद चंद्रमा जब छत पर आ जाएगा, तब इन विवाहिताओं के दमकते सौदर्य से उसका सीधा सामना होगा। महिलाएं चंद्रमा की पूजा अर्चना कर उसे जल अर्पण करेंगी। फिर पति के हाथ से पानी ग्रहण कर चंद्रमा से उनके वैवाहिक जीवन पर अपनी कृपा और चांदनी की शीतलता बनाए रखने की कामना करेंगी…वियोग का ऐसा अवसर जीवन में कभी न आए कि चांदनी बदन झुलसाने लग जाए। ऐसे पतिव्रत धर्म, परायणता, त्याग और सौंदर्य से अभिभूत चंद्रमा भला क्यों नहीं कहेगा… 'तथास्तु!'
समाचार
इस सौंदर्य से अभिभूत चांद भला क्यों नहीं कहेगा…तथास्तु
- by admin
- October 29, 2016
- 0 Comments
- Less than a minute
- 9 years ago


Leave feedback about this