November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

मां की इच्छा का सम्मान करना ही सच्चा भागवत ज्ञान..शिवहरे गली में भागवत कथा की अमृत वर्षा

शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
सनातन धर्म में माना जाता है कि श्रीमद्भागवत कथा को सुनना और उसे सुनाना, दोनों ही कार्य समान रूप से पुण्यकारी हैं और आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाते हैं। जिस स्थान पर जब तक इस मुक्ति ग्रंथ का वाचन होता है या इसे सुनाया जाता है, तब तक उस स्थान पर समस्त देवताओं का वास रहता है। आगरा में नाई की मंडी के हल्का मदन स्थित शिवहरे गली इन दिनों एक पावन वीथिका बन गई है, जो प्राचीन कुआं वाला मंदिर (खरैड़ा) तक ले जाती है जहां भागवत कथा की अमृत-वर्षा हो रही है। वरिष्ठ समाजसेवी श्री सतीशचंद्र शिवहरे (ठेकेदार) एवं उनके छोटे भाइयों ने पुत्रधर्म निबाहते हुए अपनी माताजी श्रीमती कपूरी देवी शिवहरे की इच्छा को आदेश मानकर इस भागवत कथा का सुंदर आयोजन किया है। पूज्य माताजी बनी हैं परीक्षित, कथा सुना रहे हैं पं. मुकेशचंद्र पाराशर और कथा-अमृत का रसपान कर रहा है शिवहरे समाज। 
कहा जाता है कि अपने पितरों की शांति के लिए  भागवत कथा का आयोजन हर किसी को करना चाहिए। प्रतिष्ठित शिवहरे परिवार के लिए सौभाग्य है कि इन दिनों पितृ-पक्ष चल रहे हैं, और ऐसे में सुनाने वाले, सुनने वालों और सुनवाने वालों (आयोजक), सभी के लिए भावगत कथा कहीं अधिक पुण्यकारी हो जाती है। गत 20 सितंबर को कलश शोभायात्रा एवं मंगलाचरण के साथ आरंभ हुए भागवत सप्ताह के चार दिन बीत चुके हैं। खरैड़ा में लगवाए गए सुदंर पांडाल को हर दिन प्रसंग के अनुरूप थीम दी जा रही है। 
प्रतिदिन अपराह्न 1 बजे से सायं 5 बजे तक हो रही इस कथा में पंडित मुकेश चंद्र पाराशर अब तक शुक चरित्र से लेकर श्रीकृष्ण जन्म एवं नन्दोत्सव की कथा का बहुत सुंदर एवं जीवंत वर्णन कर चुके हैं। बीच-बीच में संगीतमय भजनों और उनकी धुन में रमे श्रद्धालुओं का भक्तिभाव से परिपूर्ण नृत्य वातावरण को आध्यात्मिक दिव्यता प्रदान कर रहा है। आज मंगलवार 24 सितंबर को श्री कृष्ण बाल लीला, गोवर्धन पूजा के वर्णन के साथ छप्पन भोग के अदभुत दर्शन भी होंगे। 

admin
श्रीमती कपूरी देवों के सभी पुत्रों एवं पुत्रवधुओं श्री सतीश चंद्र शिवहरे एवं श्रीमती छाया शिवहरे, श्री कमलकांत शिवहरे एवं श्रीमती कमिनी शिवहरे, श्री विमल शिवहरे एवं श्रीमती संध्या शिवहरे, श्री धर्मेंद्र शिवहरे एवं श्रीमती किरन शिवहरे और श्री देवेंद्र शिवहरे (गोर्की) एवं श्रीमती अनीता शिवहरे ने समाजबंधुओं से कथा का श्रवण-लाभ प्राप्त करने का निवेदन किया है। किशनचंद्र-शकुंतला, रमेशचंद्र, विनोद, मिथलेश देवी और शशीराज-कमलेश आगंतुकों की आवभगत के लिए तत्पर हैं। 
विष्णुकांत-नीतू, अजयकांत-आरती, सुगम-नेहा, साजन-पूनम, सावन-अर्चना, आकाश-प्रियंका, शिवम, सत्यम, सुंदरम, कृष्णम और सुभाष अपनी दादी के प्रति पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ पूरी ऊर्जा से आयोजन संबंधी व्यवस्थाओं को अंजाम दे रहे हैं। मोहन बाबू, मंजू-रवि बाबू, अंजु-दिलीप, रश्मि-तरूण, काजल-सुमित, अनामिका-नीलेश, सिमरन और सुनयना की उपस्थिति दादी की इच्छा को पूर्णता प्रदान कर रही है। 
 

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