November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

एडीजे बने नीरज महाजन..वकील पिता की यह अनोखी इच्छा

शिवहरे वाणी नेटवर्क
झांसी।
सफलता के लिए प्रयासों में निरंतरता का होना आवश्यक है, यह निरंतरता धैर्य से आती है, और धैर्य के लिए जरूरी है आत्मविश्वास। उत्तर प्रदेश हायर ज्यूडिशियरी सर्विसेज परीक्षा में झांसी के नीरज महाजन (शिवहरे) की शानदार सफलता दरअसल इन्हीं कड़ियों के जुड़ाव की कहानी है। नीरज महाजन को इस परीक्षा में 23वीं रैंक मिली है और न्यायाधीश के रूप में उनका करियर अपर जिला जज (एडीजे) के रूप में शुरू होगा। नीरज के घर में खुशियों का माहौल है। अब पिता एडवोकेट हुकुमचंद शिवहरे की इच्छा है कि उन्हें भी बेटे की अदालत में जिरह करना का मौका मिले और वह जज के आसन पर विराजमान बेटे से कहें…माय लॉर्ड…!
झांसी के उन्नाव गेट निवासी नीरज महाजन ने 2006 में बुंदेलखंड यूनीवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद अपने पिता एडवोकेट हुकुमचंद शिवहरे के साथ वकालत करते हुए कानून की बारीकियां सीखीं, और साथ ही जज बनने के अपने लक्ष्य का पीछा करते हुए पढ़ाई जारी रखी। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा संचालित हायर ज्यूडिशियरी सर्विसेज की परीक्षा का परिणाम बीते शुक्रवार को जारी किया गया जिसमें नीरज महाजन को सामान्य श्रेणी में 23वीं  रैंक हासिल हुई है। 
शिवहरे वाणी से बातचीत में नीरज महाजन ने कहा, एचजेएस परीक्षा की न्यूनतम आयु ही 35 वर्ष है। यह उम्र का ऐसा पढ़ाव होता है जब शादी और बच्चे भी हो चुके हैं, पढ़ाई या किसी परीक्षा की तैयारी में मन कम ही लगता है और माइंड डायवर्ट होने के अनेक कारण बन जाते हैं। दरअसल यही आपके संकल्प की दृढ़ता की कसौटी होती है कि इन हालात में भी अपने लक्ष्य से भटकें नहीं और धैर्य के साथ निरंतर प्रयास करते रहें। नीरज महाजन इससे पहले पीसीएस-जे की परीक्षा भी दे चुके हैं औऱ तीन बार इंटरव्यू तक क्वालीफाई भी किया। अब एचजेएस में सफलता ने इन असफलताओं के साले मलाल धो दिए है। नीरज कहते हैं कि यदि आप हार न मानें तो हर असफलता आपकी सफलता के मार्ग को प्रशस्त करती है। 
नीरज महाजन अपनी सफलता का श्रेय पिता एडवोकेट श्री हुकुमचंद शिवहरे, माताजी श्रीमती गायत्री देवी के साथ ही अपनी पत्नी श्रीमती पल्लवी शिवहरे को भी देते हैं जिनकी वजह से वह अपनी परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर पाए हैं। दो साल की बेटी तो पापा के लिए प्रेरणा बन गई। नीरज अपने अभिन्न मित्र नरेंद्र कुमार का आभार व्यक्त करना भी नहीं भूलते जो वर्तमान में बिजनौर में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं। 

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