शिवहरे वाणी नेटवर्क
जबलपुर।
ध्वज संहिता में यह जरूरी नहीं कि राष्ट्रीय ध्वज को सभी दिनों में सार्वजनिक इमारतों पर फहराया जाए। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रमुख गांधीवादी कार्यकर्ता श्री श्याम नारायण चौकसे की एक याचिका को खारिज करते हुए यह निर्णय दिया है।
श्याम नारायण चौकसे ने अपनी याचिका में राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने को लेकर कुछ सुझाव देते हुए हाईकोर्ट से उपयुक्त आदेस जारी करने की मांग की थी। याचिका में उन्होंने निम्न सुझाव दिए थे-
1. किसी भी चुनाव में मतदान वाले दिन हर मतदान केंद्र यानी पोलिंग बूथ पर तिरंगा फहराया जाना चाहिए।
2. कुछ खास दिनों में स्कूलों और प्रमुख सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना चाहिए। मसलन, 30 जनवरी (जब महात्मा गांधी की हत्या की गई थी), 13 अप्रैल (जिस दिन पंजाब के जालियावाला बाग के नरसंहार में 379 लोग शहीद हुए थे), 23 मार्च (जिस दिन शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी।
3. इसके अलावा संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों और प्रमुख हस्तियों के निधन पर भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना चाहिए।
अदालत ने श्री चौकसे की याचिका को खारिज करते हुए वेके नासवा बनाम भारतीय संघ वाद का हवाला दिया जिसमें उल्लेख है कि ऐसी कोई ध्वज संहिता नहीं है जिसमें सार्वजनिक इमारतों पर दिन तिरंगा फहराया जाना अनिवार्य किया गया हो।
बता दें कि भोपाल निवासी श्री श्याम नारायण चौकसे वह शख्स हैं जिनकी याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने का आदेश दिया था। हालांकि बाद में सुप्रीमकोर्ट ने इस आदेश को वापस ले लिया था। श्री चौकसे ने दिल्ली में महात्मा गांधी के समाधिस्थल राजघाट की देखरेख में लापरवाही का मामला भी सुप्रीमकोर्ट में उठाया था जिस पर अदालत ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए आदेश जारी किए थे।
समाचार
हर रोज तिरंगा फहराया जाना जरूरी नहीं…चौकसे की याचिका खारिज
- by admin
- October 29, 2016
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