November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाज

चलो दाऊजी मंदिर…आज शिवहरे समाज मनाएगा हनुमान जन्मोत्सव

शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा। 
आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज में शुक्रवार (19 अप्रैल) को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार रुद्रावतार हनुमानजी के जन्मोत्सव पर शुक्रवार को सायं पांच बजे से सुंदरकांड के पाठ के साथ हवन होगा, शाम सात बजे महाआरती, और फिर प्रसाद वितरण (भंडारा) होगा। श्री दाऊजी मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप शिवहरे एवं समस्त कार्यकारिणी ने समाजबंधुओं से हनुमान जन्मोत्सव में भाग लेने का अनुरोध किया है। 
वैसे ये आग्रह आपके ही भले के लिए है, क्योंकि  मंगल देव हनुमानजी की आराधना कई कष्टों का निवारण करती है। ये भी याद रखना चाहिए, कि हनुमानजी ही हमारी धरोहर (मंदिर श्री दाऊजी महाराज, सदरभट्टी चौराहा, आगरा) के सबसे प्राचीन देव हैं, रक्षक हैं। लगभग 128 वर्ष पहले जब दाऊजी मंदिर की स्थापना हुई थी, उस समय यहां एक अखाड़ा हुआ करता था जिसमें हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित थी। आज भी मंदिर में वही हनुमानजी विराजमान हैं।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी का जन्म, आज से लगभग एक करोड़ पचासी लाख उनसठ हज़ार एक सौ चौदह वर्ष पहले, मंगलवार के दिन, चैत्र पूर्णिमा को मेष लग्न और चित्रा नक्षत्र में प्रातः 6:03 बजे एक गुफा में हुआ था । यह गुफा भारत के झारखंड राज्य में स्थित छोटे से जिले गुमला के अंजन नामक छोटी पहाड़ी ग्राम में स्थित है । हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था, इसलिए उन्हें केसरी नंदन कहा जाता है । पवन देव के मुंह बोले पुत्र होने की वजह से मारुति नंदन भी कहते है । महावीर, संकचमोचक, कपीश समेत 108 नाम हैं उनके। 
ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी को यमदेव से चिरंजीवी होने का आशीर्वाद प्राप्त है। कलयुग में भी हनुमान जी धरती पर भगवान श्री राम की भक्ति में लीन रहेंगे और अपने भक्तों पर हमेशा कृपा दृष्टि बनाए रखेंगे । हनुमान के अलावा केवल छह अन्य को चिरंजीवी माना जाता है, इनमें राजा बलि, परशुराम, विभीषण, ऋषि व्यास, अश्वत्थामा और कृपाचार्य शामिल हैं। 
कहा जाता है कि जिन लोगो की कुंडली में मंगल दोष होता है, खासकर जो नव युवक हैं नव युवतियां हैं, उनके विवाह में बार बार बाधा आती है। ऐसे लोगों के लिए आज की तिथि बहुत महत्वपूर्ण हो जाती हैं। ऐसे लोग अपने परिवार के गुरु या आचार्य द्वारा सुझाई विधि से हनुमानजी की आराधना कर मंगल दोष को नियंत्रित कर सकते हैं। तो आइये हनुमान जन्मोत्सव पर सर्वशक्तिमान की पूजा अर्चना करें और हनुमान जयंती पूरा पूरा लाभ उठाएं।
 

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