November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

उरई में सामूहिक विवाह..संपन्न परिवार भी भाग लें तभी सफल होगा उद्देश्य

शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
तिलक नहीं दहेज नहीं, शादी कोई व्यापार नहीं, खरीदा हुआ जीवन लड़की को स्वीकार नहीं। 
बेशक माता-पिता का अधिकार है कि वे अपने बेटे-बेटी की शादी में अपनी क्षमता के अनुरूप अपनी इच्छा से खर्च करें। लेकिन, आजकल की अनाप-शनाप खर्चे, शानों-शौकत और दान-दहेज से भरपूर अमीरों की महंगी शादियां आम परिवारों  को उनकी अपनी ही नजरों में हीन बनाने का पाप कर रही है। नतीजा यह है कि आम परिवार भी इस बेमानी होड़ में शामिल नजर आते हैं। कहना ना होगा कि ऐसी महंगी शादियां समाज में महिलाओं की दोयम स्थिति, उनके प्रति हिंसा-अपराध औऱ कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं। ऐसे में सामूहिक विवाहों को इसके आदर्श समाधान के रूप में देखा जाना चाहिए है जहां बहुत साधारण तरीके से और कम खर्च में दहेजरहित विवाह होते हैं।

admin

कलचुरी समाज के लिए सामूहिक विवाह कोई नहीं बात नहीं है, बल्कि यूं कहें कि कलचुरी समाज ऐसे जागरूक समाजों में है जिसने सबसे पहले सामूहिक विवाह को अपनाया औऱ जहां सबसे ज्यादा सामूहिक विवाह आयोजित होते हैं। लेकिन, ऐसे आयोजन गरीब परिवारों तक सीमित होकर रह गए है। जरूरी यह है कि प्रतिष्ठित समाजसेवी और संपन्न वर्ग के लोग भी अपने बच्चों का विवाह सामूहिक विवाहों से करके समाज के सामने एक आदर्श स्थापित करें। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई नगर में श्री शारदा प्रसाद धर्मार्थ सेवा संस्थान के बैनर तले लगातार दूसरी बार परिचय सम्मेलन और सामूहिक विवाह समारोह होने जा रहा है। उरई में जालौन रोड स्थित शिवहरे उत्सव गृह में 2 मई को होने जा रहे इस समारोह में आयोजकों की कोशिश है कि इसमें गरीब परिवारों के साथ संपन्न परिवार भी हिस्सा लेकर दहेजरहित और कम खर्चे की शादियों को बढ़ावा देने का काम करें। 
संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धू शिवहरे की पहल पर पिछले वर्ष 9 मई को पहली बार यहां सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। तब जोड़ों को तलाशने में आयोजकों को खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ा था और अंत में केवल एक जोड़े का विवाह किया गया। सिद्धू शिवहरे ने इस बार अधिक जोड़ों का विवाह करने का संकल्प व भरोसा जताया है। उन्होंने बताया कि इस बार काफी पहले से जो़ड़े की तलाश शुरू कर दी गई है। इच्छुक परिजनों से रजिस्ट्रेशन कराने की सूचना विभिन्न माध्यमों से प्रसारित की जा रही है। रजिस्ट्रेशन शुल्क के तौर पर वर पक्ष के लिए 5100 रुपये और वधु पक्ष के लिए 3100 रुपये की मामूली राशि रखी गई है। 
 

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