शिवहरे वाणी नेटवर्क
उरई।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सेना के काफिले पर आतंकी हमले में 44 जवानों के शहीद होने की घटना ने शायद 14 साल के अर्पित शिवहरे को व्यथित कर दिया था। शनिवार को वह भारत मां की सेवा करने के इरादे से घर छोड़कर चला गया। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी, सोशल मीडिया पर उसकी गुमशुदगी के मैसेज भी चल गए। रविवार दोपहर को अर्पित के लखनऊ में होने की सूचना फोन पर मिली। परिजन उसे लेने लखनऊ रवाना हो गए हैं।
उरई के कोतवाली कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला राजेंद्रनगर हाथी मंदिर के पास रहने वाले राजकुमार शिवहरे का 14 वर्षीय पुत्र अर्पित शिवहरे शहर के ही एसआर इंटर कालेज में कक्षा 8 का छात्र है। राजकुमार शिवहरे अपने काम के सिलसिले में अक्सर कोंच के धनौरा गांव मे रहते हैं, जबकि यहां घर में उनकी पत्नी राधा और दोनों बेटे अर्पित और हर्षित रहते हैं।
अर्पित शनिवार को सुबह 8 बजे रोज की तरह घर से स्कूल जाने के लिए निकला था। लेकिन दोपहर को काफी समय बाद नहीं लौटा, तो राधा को चिंता होने लगी। वह स्कूल गई, फिर आस-पड़ोस में खोजबीन की लेकिन अर्पित नहीं मिला। तब राधा ने फोन पर पति राजकुमार को इसकी जानकारी दी।
खबर मिलते ही राजकुमार शिवहरे घर पहुंचे। उन्होंने अर्पित की अलमारी खंगाली, तो उसका लिखा एक पत्र उन्हें मिला। पत्र में लिखा था कि वह पढ़ाई छोड़कर भारत मां की सेवा के लिए जा रहा है। आप लोग मेरी कहीं तलाश न करना और न ही परेशान होना।
राजकुमार ने पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू कर दी। इस बीच शुभचिंतकों ने सोशल मीडिया पर अर्पित के फोटो के साथ गुमशुदगी का एक मैसेज भी चला दिया गया। रविवार दोपहर को फोन पर सूचना मिली कि अर्पित लखनऊ के रेलवे स्टेशन पर मिल गया है। इसकी जानकारी मिलते ही परिजन लखनऊ रवाना हो गए।
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