शिवहरे वाणी नेटवर्क
भोपाल।
मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां चरम पर हैं। 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। सभी राजनीतिक दल और उनके नेता प्रचार में पूरी ताकत झोंके हुए हैं। हर दल मतदाताओं के सामने वादों की थाली परोस रहा है, उन्हें लुभाने को हर जतन कर रहा है। इसी चुनावी शोरगुल के बीच एक आवाज ऐसी भी है जो वोटरों को सचेत कर रही है, नेताओं के सच और झूठ को उनके सामने ला रही है, और उन्हें उनके मताधिकार के महत्व को समझाते हुए असल मुद्दों का भी ध्यान दिला रही है। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच की संयोजक रोली शिवहरे की।
रोली शिवहरे ने इन चुनावी दिनों में जनता के बीच मताधिकार को लेकर जो जागरूकता अभियान चलाया है, उसने धनबल और बाहुबल की राजनीति करने वाले नेताओं की नींद उड़ा दी है। वह मतदाताओं को न केवल वोट देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, बल्कि उन सामने उन असल मुद्दों को भी रखा जा रहा है जो आरोप-प्रत्यारोप के शोर में दबे रह जाते हैं।
रोली शिवहरे के संयोजन में इलेक्शन वॉच और एडीआर द्वारा हाल में भोपाल में निकाली गई अनोखी हैलोवीन रैली खासी चर्चा में रही। 'अच्छे को चुनें, सच्चे को चुनें' की थीम benr इस रैली में विभिन्न कॉलेजों व विवि के 200 युवा भूतों के गेटअप में शामिल हुए। उन्होंने लोगों को संदेश दिया कि जाति या दल की बजाय ऐसा उम्मीदवार चुनें, जिसकी छवि साफ हो।
यही नहीं, आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता रोली शिवहरे की नजर चुनावी प्रक्रिया की गड़बड़ियों पर भी रहती है। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से प्रत्याशियों द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे अधूरे और अस्पष्ट होने की शिकायत की है। साथ ही ऐसे 108 मामलों का उन्होंने उल्लेख किया है।
विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के पहले से ही इलेक्शन वॉच और एडीआर विधायकों की आय, उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि जैसी जानकारियां प्रस्तुत करती रही हैं, जिन्हें तैयार करने में रोली शिवहरे की अहम भूमिका रही। रोली ने आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को टिकट दिये जाने के खिलाफ उन्होंने अभियान छेड़ रखा है। वह राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार के दायरे में लाए जाने की मांग भी काफी समय से कर रही हैं।
कुल मिलाकर रोली शिवहरे लोकतंत्र की एक सजग प्रहरी के रूप में काम कर रही हैं। 'एक व्यक्ति, एक वोट' ही भारतीय लोकतंत्र का आधार है, और इसका पूर्ण उचित उपयोग होना भी बेहद जरूरी है। आज लोकतंत्र खतरे मे होने की बातें कई हलकों से उठ रही हैं, लेकिन रोली शिवहरे जैसे सजग प्रहरियों के रहते भारतीय लोकतंत्र की महानता कभी खतरे में नहीं हो सकती।
मध्य प्रदेश में कटनी निवासी व्यवसायी श्री ओमप्रकाश शिवहरे एवं एडवोकेट श्रीमती सुषमा शिवहरे की पुत्री रोली ने कृषि कॉलेज जबलपुर से बीटेक की उपाधि प्राप्त की। लेकिन रोली ने कोई जॉब करने के बजाय समाज में असमानता के खिलाफ संघर्ष राह चुनी। इसमें उन्हें जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत का साथ मिल जो उनके पति हैं।
रोली कई समाचार-पत्रों एवं पत्रिकों में सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर लेखन भी करती हैं। भ्रष्टाचार के सवाल पर लिखे गए उनके आलेख को एशियन ह्यूमन राइट्स कमीशन, हांगकांग द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित किया।
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