शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को अपनी चार माह की योगनिद्रा से जागे भगवान विष्णु के स्वागत में शिवहरे महिलाओं ने कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर यमुना नदी में प्रदीपित दीपों की कतारें प्रवाहित की।
यमुना में प्रवाहित प्रदीपित दीपों की कतार दूर से ऐसे आभास दे रही थीं, मानों इन महिलाओं की घर-परिवार, समाज और मानव कल्याण की मनोकामना को लेकर असंख्य नौकाएं देवलोक के लिए प्रस्थान कर रही हों।
आगरा में बल्केश्वर स्थित यमुना तट पर दीपदान का यह अध्यात्मिक नजारा देखते ही बनता था। नवगठित श्रीराधाकृष्ण महिला समिति ने कार्तिक माह और भगवान सहस्त्रबाहु जयंती पर दीपदान की दोहरी परंपरा का निर्वाह किया।
सभी सदस्य महिलाओं ने 32-32 दीप यमुना में प्रवाहित किए हैं। इस दौरान श्रीराधाकृष्ण महिला समिति की अध्यक्ष पूनम शिवहरे, सुनीता शिवहरे, साधना, मिथलेश, रजनी, रिंकी, अर्चना, नीमा, प्रीती, रचना, स्वीटी शिवहरे समेत सभी सदस्यों ने भाग लिया।
महिलाओं ने शिवहरे वाणी को बताया कि उनकी समिति लोहामंडी में शिवहरे समाज की धरोहर मंदिर श्री राधाकृष्ण की सेविकाओं का संगठन है। ज्यादातर महिलाएं लोहामंडी की हैं जो नियमित रूप से इस मंदिर जाती रही हैं। इसीलिए इसका नाम श्रीराधाकृष्ण महिला समिति रखा गया है।
हालांकि मंदिर श्री राधाकृष्ण की अरविंद शिवहरे की अध्यक्षता वाली मौजूदा प्रबंध समिति की ओर से मंदिर के नाम पर किसी महिला समिति की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
वहीं महिलाओं का कहना है कि उन्होंने दो महीने पहले इस समिति का गठन किया था, लेकिन समिति के बैनर तले यह पहला कार्यक्रम था। वे आगे भी इस तरह के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन करती रहेंगी।
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