शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
संगीत को कलाओं में श्रेष्ठ माना गया है, और उसमें भी गायन सर्वश्रेष्ठ है। इसलिए कि गायन की कला ईश्वर के विशेष आशीर्वाद से किसी-किसी को मिलती है। दूसर कोई भी कला सीखी जा सकती है। लेकिन सिंगिंग कलाकार के अंदर छिपी होती है। गायन की ट्रेनिंग दरअसल गाना सिखाने के लिए नहीं होती, बल्कि अंदर छिपे गायक को निखारने के लिए होती है। इसीलिए यदि किसी को गाना आता है, तो उसे जरूर गाना चाहिए। जैसे कि, कक्षा दस के छात्र उत्कर्ष शिवहरे ने यूं ही मजे-मजे से गाया, और उन्हें सुरीले गायन के लिए कॉनरेडियन आइडल 2018 चुन लिया गया।
कॉनरेडियन आइडल दरअसल आगरा के प्रतिष्ठित कान्वेंट कालेज सेंट कॉनरेड्स इंटर कालेज का टॉप टेलेंट अवार्ड है जिसके लिए टीवी रियल्टी शो इंडियन आइडल की तर्ज पर कंप्टीशन आयोजित किया जाता है। कालेज के फादर कल्याण पॉल ने उत्कर्ष को सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उन्हें गोल्ड मैडल और ट्रॉफी प्रदान किया।
खास बात यह है कि कालेज के 3000 से अधिक छात्रों के लिए कंप्टीशन में ओपन एंट्री थी। पांच राउंड के इस कंप्टीशन के हर राउंड में उत्कर्ष को टॉप चुना गया। इस बार कंप्टीशन की थीम ओल्ड सांग थी। फाइनल राउंड में लोकप्रिय गीत 'चाहत न होती तो कुछ भी न होता…' गाकर जजों को प्रभावित कर दिया।
इससे पहले सेमीफाइनल और अन्य राउंड में उत्कर्ष ने 'हम आपके प्यार संवरने लगे..' का राहुल जैन वर्जन, जगजीत सिंह के सांग 'चिट्ठी न कोई संदेश…' और अरिजित सिंह के 'तुम ही हो..' जैसे गीतों को अपना सुरीला अंदाज दिया।
सिकंदरा निवासी शिक्षासेवी एवं दवा व्यवसायी श्री सुबोध शिवहरे एवं फैशन डिजाइनर श्रीमती प्रीती गुप्ता के पुत्र उत्कर्ष यूं तो अपने सहपाठियों और टीचर्स के बीच पढ़ाकू छात्र के रूप में जाने जाते हैं लेकिन समय-समय पर अपनी बहुमुखी प्रतिभा से उन्हें चौंकाते भी रहते हैं। कुछ दिन पहले उन्हें कॉनरेड्स का बेस्ट फुटबालर चुना गया था।
उत्कर्ष शिवहरे ने बताया कि उन्होंने कॉनरेडियन आइडल कंप्टीशन के लिए कोई तैयारी, रियाज या ट्रेनिंग नहीं की। इस साल बोर्ड एग्जाम है लिहाजा पूरा फोकस पढ़ाई पर है। उन्हें गाने का शौक शुरू से रहा है लेकिन इस बार सहपाठियों ने ही उन्हें कंप्टीशन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
उत्कर्ष के मुताबिक, सिंगिंग उनका लक्ष्य नहीं है और वह आईआईटी में जाना चाहते हैं। अपने बड़े भाई स्पर्श को आदर्श मानते हैं जो लखनऊ स्थित राममनोहर लोहिया मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। स्पर्श भी बहुत अच्छा गाते हैं और मेडिकल कालेज के किसी भी कार्यक्रम में स्वागत गीत गाने की जिम्मेदारी उन्हीं को दी जाती है।
उत्कर्ष ने बताया कि उन्होंने कभी संगीत की ट्रेनिंग नहीं ली, मम्मी शौकिया तौर पर गाती हैं, अच्छा गाती हैं और उनसे ही गाने की प्रेरणा मिली। उनके फ्रेंड्स उन्हें टीवी रियल्टी शो 'सा…रे..गा..मा..' के दिल्ली ऑडीशन में जाने के लिए प्रेशर बना रहे थे लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ करने का उनका इरादा नहीं है।
उत्कर्ष की उपलब्धि पर उनके पेरेंट्स ने खुशी जाहिर की है लेकिन वे भी चाहते हैं कि उत्कर्ष पहले पढ़ाई पर ध्यान दे। मजे की बात यह कि पिता सुबोध शिवहरे को भी अब तक उत्कर्ष के सिंगिंग टेलेंट का पता नहीं था। मम्मी प्रीती गुप्ता भी यही समझती थीं कि उत्कर्ष बस गुनगुना लेता है, लेकिन स्टेज पर इतने कॉन्फीडेंस के साथ गा पाएगा, ऐसा अनुमान उन्हें नहीं था। उत्कर्ष और उनके भाई हर्ष ट्विन हैं, और एक ही क्लास में पढ़ते हैं।
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