February 24, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

समाज से मिली सहायता और साहस…आगे बढ़ी सरस्वती देवी के लिए न्याय की जंग

शिवहरे वाणी नेटवर्क
गोंडा। 
गोंडा के बाबूराम जायसवाल की विधवा सरस्वती देवी के दरवाजे पर जब स्वजातीय बंधु मदद लेकर पहुंची, तो वह फूट-फूट कर रो पड़ी। बाबूरामजी अपने परिवार में कमाने वाले अकेले सदस्य थे, और चाट का ठेल लगाकर किसी तरह पांच सदस्यों के परिवार का भरणपोषण कर रहे थे। उनके जाने के बाद सरस्वती के सामने सवाल सिर्फ दो जून की रोटी का नहीं है, सोलह साल की बेटी की सुरक्षा और बच्चों के भविष्य के बड़े सवाल भी हैं, और सबसे बड़ा सवाल है न्याय का, जो गरीबों को अक्सर नहीं मिल पाता। इन सब सवालों पर सरस्वती देवी को लेकर आगे बढ़ी है उत्तर प्रदेश जायसवाल (सर्ववर्गीय) महासभा। 

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बीती 22 अक्टूबर की बात है। गोंडा के सुमेरपुर गांव में रहने वाले बाबूराम जायसवाल से उनकी 16 वर्षीय पुत्री ने शिकायत की कि पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम परिवार का लड़का उसे परेशान करता है। इस पर बाबूराम अपनी पुत्री और पत्नी को लेकर पड़ोसी के यहां शिकायत करने गए। लेकिन,  मुस्लिम परिवार ने अपने लड़के को समझने के बजाय उन तीनों के साथ बुरी तरह मारपीट की। बाबूराम को लोहे के रॉड से पीटा। सरस्वती और उसकी बेटी भी बुरी तरह घायल हुई। आसपास के लोग बाबूराम को गांव के सरकारी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर ने साधारण मलहम – पट्टी कर बाबूराम को घर भेज दिया। उधर पुलिस ने  भी मामूली मारपीट का मामला दर्जकर इतिश्री कर दी। इलाज के अभाव में चार दिन बाद बाबूराम की मौत हो गई। परिवार में मुफलिसी का आलम यह था कि जिस ठेले पर बाबूराम चाट लगाता था, उसकी लकड़ियों से उसका दाह संस्कार करना पड़ा। इस बीच अभियुक्त भी गांव से फरार हो गए। 

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गोंडा के स्वजातीय पत्रकार एवं प्रदेश संगठन मंत्री राजनारायण जायसवाल ने इस प्रकरण की पूरी जानकारी उत्तर प्रदेश जायसवाल (सर्ववर्गीय) महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र जायसवाल, वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार जायसवाल और अटल गुप्ता को दी। उस समय वे सब चित्रकूट में शिवहरे-जायसवाल मंगल मिलन समारोह में थे। चित्रकूट में ही बाबूराम जायसवाल के परिवार की सहायता करने की रूपरेखा तैयार कर ली गई। महासभा की  ‘उत्पीड़न निवारण एवं विधिक सहायता सामिति’ के संयोजक एवं  पूर्व डीआईजी उदय शंकर जायसवाल के नेतृत्व में 30 अक्टूबर को लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, कानपुर, गोंडा के 50 से अधिक स्वजातीय बंधुओं की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची। बाबूराम के परिवार के लिए आर्थिक मदद के लिए एकत्र की गई धनराशि विधवा सरस्वती देवी को सौंपी। सरस्वती देवी ने कल्पना भी नहीं की थी कि मदद इस तरह उसके दरवाजे पर आ जाएगी। फूस की झोपड़ी में रहने वाला एक गरीब परिवार भी अपने समाज के लिए इतनी अहमियत रख सकता है, यह देख उसकी आंखों से अश्रुधारा निकल पड़ी। 

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टीम में शामिल महिला आयोग की सदस्य श्रीमती रश्मि जायसवाल ने सरस्वती को सांत्वना दी। एक टीम सरस्वती देवी को साथ लेकर देवीपाटन मंडल के मंडलायुक्त सुदेश ओझा के आवास पर गई। मंडलायुक्त आवास पर डीआईजी अनिल कुमार राय भी मौजूद थे। दोनों अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से सुना। अभियुक्तों की तत्काल गिरफ्तारी के आश्वासन के साथ उनपर गैंगेस्टर लगाने का भरोसा भी दिया। 

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कमिश्नर ओझा ने तत्काल जिलाधिकारी को फोन कर कल तक पीडित परिवार को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। महासभा के शिष्टमंडल ने उन्हें उन्हें पांच सूत्री मांग-पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र आते हीं तत्काल संस्तुति भेजने का भी उन्होंने वादा किया। तय हुआ कि जल्द ही लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलकर इस प्रकरण की जांच और तत्काल आवश्यक कार्रवाई कराई जाए। 

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इस पूरे मामले में व्यवस्था की खामियों की ओर भी उनका ध्यान आकृष्ट किया गया। मसलन गांव के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की गंभीर लापरवाही..यदि उसने गंभीर घायल बाबूराम को जिला अस्पताल रैफर कर दिया होता तो शायद वह आज हमारे बीच होते, स्थानीय पुलिस का ढुलमुल रवैया, अभियुक्तों को तत्काल गिरफ्तार न करना, जबकि एक अभियुक्त पर बलात्कार का मुकदमा पहले से चल रहा है। अभियुक्तों को भगाने में मदद करना और मामले में हत्या की धारा 302 के स्थान पर 304 लगाना, पास्को एक्ट में गिरफ्तारी न करना। 

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महासभा ने पूरे समाज की मदद से पीड़िता सरस्वती देवी को न्याय दिलाने का संकल्प जताया है। सुमेरपुर पहुंचे स्वजातीय बंधुओं की टीम में अजय कुमार जायसवाल, अटल गुप्ता, कपिल जायसवाल, पत्रकार राजनारायण जायसवाल, झांसी के दयाराम राय, फैजाबाद के मनोज जायसवाल, लखनऊ के दिलीप जायसवाल, इंजी जगमोहन लाल जायसवाल, नवीन प्रकाश सिंह, राजकुमार गुप्ता, कर्नल राकेश जायसवाल,लखनशरण जायसवाल ,रामसुमिरन जायसवाल , सुनील जायसवाल (जिलाअध्यक्ष, बाराबंकी), जीपी जायसवाल, डॉ. आरएस जायसवाल “वैद्यजी” (बाराबंकी) समेत कई लोग शामिल थे। 
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