शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज में स्थापित गणपति के दरबार में रविवार शाम को भगवान दाऊजी महाराज का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बर्थडे केक काटा गया। साथ ही भंडारा भी किया गया जो देर रात तक चला।
मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने बताया कि रविवार को हल-षष्ठी थी, जिसे हलधर भगवान बलराम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलराम को बलदाऊ कहते थे, जिन्हें अब श्रीदाऊजी महाराज भी कहा जाता है और आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर के वही प्रमुख ईष्ट हैं, लिहाजा उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर प्रबंध समिति के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।
खास बात यह है कि आधुनिक और वैज्ञानिक सोच वाले हलधारी बलराम के जन्मदिन का आयोजन भी आधुनिकता लिये हुए था। बाकायदा बर्थडे केक काटा गया, हालांकि यह मिल्ककेक का बना था। हैप्पी बर्थडे के सुर यहां भी गूंजे। इसके साथ ही गणपति की संध्या आरती और भोग के बाद भंडारा शुरू हुआ जिसमें भक्तों ने पूड़ी-सब्जी के साथ ही स्वादिष्ट खीर का आनंद भी लिया। इस अवसर पर आशीष शिवहरे (जिज्ञासा पैलेस), संतोष शिवहरे, महेश शिवहरे, प्रमोद गुप्ता, अमित शिवहरे, अनूप शिवहरे, शैलेश शिवहरे, अमित शिवहरे समेत कई लोग उपस्थित रहे।
आपको बता दें कि बलराम के जन्म से लेकर इनके जीवन की पूरी कहानी उस दौर में उन वैज्ञानिक परिकल्पनाओं की उपस्थिति को दर्शाती हैं जो आज प्रयोगसिद्ध हो चुकी हैं। मसलन मां देवकी के गर्भ से इनको खींचकर यानि कर्षण कर माँ रोहणी के गर्भ में प्रतिस्थापित किया गया। इसलिए इनको "संकर्षण" भी कहा जाता है। इतना जानकर निश्चित रूप से आपको भी सरोगेट मदर और टेस्टयूटब बेबी जैसे शब्द ध्यान में आ गए होंगे।
श्री दाऊजी महाराज को विश्व का पहला कृषि वैज्ञानिक माना जाता है। उन्होंने ही सबसे पहले किसानों को खेती सिखाई थी और खेती में नए-नए अविष्कार लेकर आए थे। यह बलराम जी की सेवा का ही परिणाम था कि स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने पूर्व जन्म में इनकी सेवा की इच्छा प्रकट की थी। जो सेवा करना जानता है, भगवान भी उसके बनकर रह जाते हैं। बलराम जी अपने पास हल रखा करते थे, जो हमें संदेश देता है कि समस्या मत बनो, समस्या का हल बनो।
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