शिवहरे वाणी नेटवर्क
झांसी।
तीन दिन और तीन पड़ाव में कलचुरी धाम यात्रा कर झांसी लौटे तीर्थयात्री अब मंगलवार 28 अगस्त को यहां के सहस्त्रबाहु मंदिर में अपने कुलदेवता राजराजेश्वर भगवान सहस्त्रबाहु भगवान के चरणो मे नमन कर अपनी तीर्थयात्रा को पूर्णता प्रदान करेंगे। इसी दिन सुंदरकांड और भंडारा भी किया जाएगा। फिलहाल झांसी के इन तीर्थयात्रियों पर अपनी यात्रा के अदभुत अनुभवों का खुमार तारी है। हर जगह समाज के लोगो का जो सानिध्य मिला, सम्मान और प्यार मिला, उसे आसानी से भुलाया भी कैसे जा सकता है भला। खासतौर पर इंदौर में स्वजातीय बंधुओं द्वारा किये गए स्वागत ने झांसी के तीर्थयात्रियों को अभिभूत ही कर दिया।
कलचुरी कलवार समवर्गीय समाज झांसी के श्री सालिगराम राय ने शिवहरे वाणी को बताया कि 55 महिला-पुरुषों और 25 बच्चों की तीर्थयात्रा के लिए जो धनराशि एकत्र की गई थी, जिसमे प्रति व्यक्ति करीब 200 रुपये शेष है। सभी तीर्थयात्रियों के समक्ष खुला विकल्प रखा गया है कि वे या तो अपनी बची हुई धनराशि वापस ले लें अथवा उसका उसका उपयोग सुंदरकांड एवं भंडारे के आयोजन में करने की सहमति प्रदान करें। उनके मुताबिक, लगभग सभी ने यात्रा के इस अंतिम आयोजन के लिए सहमति प्रदान कर दी है। यह कार्यक्रम झांसी में गुदरी स्थित शंकर सिंह का बगीचा में सहस्त्रबादु मंदिर में होगा।
बता दें कि तीर्थयात्रा झांसी से 18 अगस्त को रवाना हुई थी और अगले दिन 19 अगस्त को ओंकारेश्वर पहुंची जहां होटल श्री राधाकृष्ण में सभी यात्री विश्राम-स्नान और नाश्ते के बाद मंदिर के दर्शन किये। होटल में लंच के बाद विश्राम और इवनिंग टी के बाद मंदिर और आसपास के स्थलों के भ्रमण किया। होटल में ही डिनर के बाद रात्रि विश्राम भी किया।
अगले दिन 20 अगस्त की सुबह नाश्ते के बाद यात्रा कलचुरी धाम यानी महेश्वर धाम के लिए रवाना हो गई। सभी तीर्थयात्रियों ने "राजराजेश्वर भगवान की जन्म स्थली महेश्वर धाम "के दर्शन लाभ लिया और नर्मदा गंगा मैय्या का आशीर्वाद लिया। दर्शन के बाद सभी ने लंच किया और इंदौर के लिए रवाना हो गए।
20 अगस्त की शाम को सभी यात्री इंदौर में अपने पूर्व निर्धारित विश्राम स्थल जवाहर मार्ग स्थित जायसवाल गेस्ट हाउस पहुंचे जहां "म०प्र० जायसबाल कलचुरि महासभा, इंदौर"की कार्यकारिणी के साथ ही राय समाज इंदौर ने अप्रत्याशित रूप से सभी तीर्थ यात्रियों को जोरदार स्वागत किया। इंदौर में रात्रि विश्राम कर यात्रा अगले दिन यानी 21 अगस्त की सुबह नाश्ते के बाद उज्जैन नगरी प्रस्थान किया।
उज्जैन में सभी ने महाकालेश्वर धाम में श्री जय महाकाल , श्री कालभैरव , संदीपनी आश्रम, व श्री मंगलनाथ मन्दिर के दर्शन कर झांसी के लिए वापसी कर दी और 22 अगस्त की सुबह झांसी पहुंच गए।
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