शिवहरे वाणी नेटवर्क
प्रतापगढ़।
प्रतापगढ़ के कोहड़ौर कस्बे के जायसवाल बंधुओं की हत्या के 15 दिन बाद भी पुलिस इस मामले का खुलासा नहीं कर पाई है। पुलिस के आला अफसरों ने 36 घंटे की मोहलत मांगी थी, लेकिन 13 दिन बीत चुके हैं लेकिन हत्यारे अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। ऐसे में दहशत के साये में जी रहे परिजनों का कहना है कि पुलिस पर अब उन्हें भरोसा नहीं है। अगर सीबीआइ से जांच करा दी जाए तो इंसाफ मिलने की उम्मीद है।
कोहड़ौर कस्बे में सीमेंट, सरिया, मोरंग व्यापारी श्याममूरत जायसवाल और श्यामसुंदर जायसवाल की 25 जुलाई की रात हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस द्वारा खुलासा नहीं किये जाने से परिजन इस कदर दहशत में हैं कि दुकान खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। श्यामसुंदर की पत्नी गीता देवी कहती हैं, मेरी तो दुनिया ही सूनी हो गई है। पुलिस पर भी भरोसा नहीं रह गया है। छह मई को रंगदारी मांगी गई थी। तब पुलिस को सूचना दी थी, विधायक संगमलाल गुप्ता भी थाने गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि घटना के समय हंड्रेड डायल पुलिस चंद कदम दूर खड़ी थी। कहने के बावजूद पुलिस ने बदमाशों का पीछा नहीं किया। गीता देवी का कहना है कि पुलिस से उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं। अब मुझे बच्चों की पढाई लिखाई, परवरिश और बेटियों की शादी की ¨चता सता रही है। इसी तरह श्याममूरत की पत्नी ऊषा का कहना था कि डर के कारण बच्चे बाहर नहीं निकल रहे हैं। अब हम लोग एकदम असहाय हो गए हैं। जब से घटना घटी है, बच्चे स्कूल जाने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। बेटी कोमल बीए की छात्रा है, स्वाती बीसीए कर रही है। अंजली हाईस्कूल और बेटा सचिन कक्षा नौ में पढ़ रहा है। बड़ी बेटी नैन्सी इंग्लिश से एमए पास है। वह इंग्लिश से पीएचडी करना चाहती है, लेकिन खौफ इस कदर है कि कॉलेज जाने से घबरा रही है। श्यामसुंदर के बेटे अनुभव और अंकित का कहना था कि पुलिस अब तक कुछ नहीं कर पाई है, सिर्फ जांच चलने की रट लगाए है। अब बेल्हा की पुलिस से कोई उम्मीद नहीं है। अगर सीबीआइ से जांच करा दी जाए तो इंसाफ मिलने की उम्मीद है।
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