शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा/बाराबंकी।
सामाजिक क्षेत्र में आने के लिए यूं तो किसी प्रकार की शैक्षणिक अथवा किसी अन्य योग्यता की आवश्यकता नहीं होती, फिर भी निःस्वार्थ भाव से सेवा करने की प्रबल भावना ऐसे किसी भी कार्य के लिए एक बेहद जरूरी शर्त होती है। ये भाव और भावना जिन लोगों के व्यक्तित्व का हिस्सा होती है, वे हमेशा ही सामाजिक सेवा में सक्रिय रहते हैं, और फिर कभी न कभी उन्हें औपचारिक रूप से काम करने का मौका भी मिल ही जाता है। मूल रूप से आगरा की रहने वाली और यहीं पढ़ी-लिखी श्रीमती बबिता शिवहरे जायसवाल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। उन्होंने उम्र के उस पड़ाव पर सामाजिक क्षेत्र में कदम रखा है, जब पारिवारिक जिम्मेदारियों से उन्हें कुछ फुर्सत महसूस होने लगी है।
श्रीमती बबिता शिवहरे जायसवाल को वीरांगना वाहिनी हिंदू जागरण मंच की बाराबंकी का नगर अध्यक्ष चुना गया है। हालांकि इस संगठन में वह पिछले तीन साल से थीं, लेकिन संगठन नेतृत्व ने उनकी शैक्षणिक योग्यता के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में काम करने की उनकी प्रबल इच्छा का सम्मान करते हुए उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। हाल मे हुए बाराबंकी नगर इकाई के पुनर्गठन में श्रीमती राधिका को नगर उपाध्यक्ष बनाया गया है। संगठन का एक प्रादेशिक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने वाला है, जिसमें श्रीमती बबिता शिवहरे जायसवाल भी होंगी।
श्रीमती बबिता बीते दिनों अपने आगरा स्थित अपने मायके आई हुई थीं, जहां शिवहरे वाणी से उनकी वार्ता हुई। सिकंदरा में वयोवृद्ध समाजसेवी श्री सुरेशचंद्र शिवहरे की पुत्री श्रीमती बबिता शिवहरे जायसवाल मनोविज्ञान से स्नातकोत्तर हैं, और शुरू से ही सामाजिक क्षेत्र में काम करने की प्रबल इच्छा उनके मन में थी। लेकिन बाराबंकी में विवाह होने के बाद परिवार की जिम्मेदारियों ने उन्हें मोहलत नहीं दी। अब उनका बेटा दीपेश जायसवाल बीसीए कर चुका है और व्यापार में पापा का हाथ भी बंटाने लगा है, तो उन्हें भी कुछ फुर्सत मिली है। पिता श्री सुरेशचंद्र शिवहरे की प्रेरणा से उन्होंने कुछ मन का काम करने की ठानी और वीरांगना वाहिनी में आ गईं।
श्रीमती बबिता शिवहरे जायसवाल बाराबंकी नगर अध्यक्ष के रूप में महिलाओं के साथ अन्याय और अनाचार की घटनाओं पर संगठन की ओर से पुरजोर आवाज उठाएंगी। साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें हर लिहाज से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सकारात्मक कार्य भी करना चाहती हैं।। इस मामले पर उनकी सांसद श्रीमती प्रियंका रावत और वाहिनी की प्रदेश महामंत्री श्रीमती सुमन श्रीवास्तव से बात हो चुकी है।
वीरांगना वाहिनी दरअसल हिंदू जागरण मंच का ही महिला संगठन है। संगठन का उद्देश्य हिंदू समाज में अपनी संस्कृति महापुरुषों और देवी-देवताओं के प्रति गौरव का भाव जगाना है। लिहाजा वीरांगना वाहिनी भारतीय संस्कृति से जुड़े त्योहारों और पर्वों को सामूहिक रूप से मनाने के साथ ही पूरे साल में चार विशेष आयोजन करती है, जो इतिहास में अपने शौर्य से जगह बनाने वाली वीरांगनाओं की स्मृति में होते हैं। इनमें 4 अप्रैल को झलकारी बाई का जन्मदिन, 18 जून क रानी लक्ष्मीबाई का वीरगति दिवस, 7 अक्टूबर को महान क्रांतिकारी दुर्गा भाभी जयंती और 12 जनवरी को माता जीजाबाई जयंती के रूप में मनाया जाता है।
वुमन पॉवर
बबिता शिवहरे जायसवाल…भाव और भावना से होती है सेवा
- by admin
- October 29, 2016
- 0 Comments
- Less than a minute
- 8 years ago
Leave feedback about this