August 4, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
वुमन पॉवर

कलचुरी महिलाओं ने पेश की मिसाल, बेटियों को पढ़ाओ और देश को बढ़ाओ

शिवहरे वाणी नेटवर्क
तेंदुखेड़ा।
देश को गरीबी और अशिक्षा के अंधकार से तभी निकाला जा सकता है, जब हमारी बेटियां सुशिक्षित होंगी। क्योंकि शिक्षित बेटियां  ही देश की भावी पीढ़ी के शिक्षित होने की गारंटी होती हैं। शायद इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' जैसे अभियान को बढ़ावा दिया है। एक जागरूक नागरिक होने के नाते हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हमारे आसपास कोई बेटी ऐसी न रहे जिसे गरीबी की वजह से शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा हो। कलचुरी समाज की महिलाओं ने आज बेटियों की शिक्षा के प्रति अपनी इस बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए दस निर्धन बेटियों को शिक्षा दिलाने में सहायता प्रदान की। 
नरसिंहपुर जिले के तेंदुखेड़ा स्थित शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में गुरुवार को हुए एक समारोह में जिला कलार महिला मंडल नरसिंहपुर एवं नगर कलार महिला मंडल तेंदूखेडा की सदस्यों ने पांच निर्धन छात्राओं को पूरे वर्ष की परीक्षा फीस और पांच बेटियों को स्कूल ड्रेस, स्टेशनरी प्रदान की। कलार महिला मंडल की जिलाध्यक्ष श्रीमति मनीषा राय और नगर अध्यक्ष श्रीमति रागिनी ओमप्रकाश राय के संयुक्त प्रयासों से सभी सदस्य महिलाओ ने आर्थिक सहयोग एवं सामग्री देकर बेटियों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। खास बात यह है कि महिला मंडल की ओर से यह कार्यक्रम लगातार दूसरे वर्ष आयोजित किया गया। महिला मंडल के इस प्रयास की सभी शिक्षक शिक्षिकाओ ने सराहना की। 
जिन बेटियो को परीक्षा फीस दी गई उनके नाम टीना पिता गेंदालाल, कविता पिता प्रताप, सरिता पिता कमलेश ( सभी 12वीं की छात्राएं) एवं प्रियंका पिता राजेश,उषा पिता तुलसीराम (10वीं की छात्राएं) को परीक्षा फीस के लिए 900-900 रुपये की नगद राशि प्रदान की गई। वहीं 12वी कक्षा की प्रियंका, यशवंती और सपना, कखा 10वीं कक्षा की रोशनी औऱ शिवानी को स्कूल ड्रेस एवं स्टेशनरी भेंट की गई। 
कार्यक्रम में श्रीमति गीता राय, रेखा राय, गोमती राय,सुधा मालवीय,सरिता राय,बबीता राय, सुषमा चौकसे,स्मिता राय,तृप्ति राय,रंजना राय,यामिनी राय के साथ-साथ श्रीमति रागिनी/सुदीप राय ने आभार व्यक्त किया। 
वरिष्ठ समाजसेवी श्री किशोर राय ने शिवहरे वाणी को बताया कि मध्य प्रदेश में बेटियों को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है लेकिन परीक्षा शुल्क के रूप में अब तक 500 रुपये लिये जाते थे, जिसे बढ़ाकर 900 रुपये कर दिया गया है। जिन बेटियों को केवल स्कूल ड्रेस और स्टेशनरी प्रदान की गई है, दरअसल वे परीक्षा शुल्क जमा कर चुकी थीं। सहायता पाने वाली सभी बेटियां श्रमिक परिवारों से है औऱ उनके परिवार अत्यंत विपन्नता में जीवन यापन कर रहे हैं। सहायता प्राप्त करने वाली बेटियों के परिजनों ने महिला मंडल का दिल से आभार जताया है। 

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