November 23, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शख्सियत

इसलिए मिसाल हैं आगरा वाले…विजय शिवहरे के बहाने समाज और सियासत के रिश्तों का सच

सोम साहू
बीते दिनों आगरा में हुए मेधावी छात्र-छात्रा सम्मान समारोह में तशरीफ लाए एक अतिथि ने बताया कि आगामी कुछ दिनों में वाराणसी में एक बड़ा प्रोग्राम करने की तैयारी है जिसमें कलचुरी समाज के पांच लाख लोग एक जगह एकत्र होंगे और विभिन्न राजनीतिक  दलों पर आम चुनाव में समाज के लोगों को अधिक से अधिक टिकट देने का दवाब बनाएंगे। यह बताते वक्त वह खासे उत्साहित थे मगर मेरे गले बात उतर नहीं रही थी। मेरे लिए यह यकीन कर पाना बहुत मुश्किल है कि इस तरह की सियासत से समाज का कोई उत्थान हो पाएगा। हां, इतना तय है कि चंद और चुनिंदा लोगों को इसका लाभ जरूर मिल जाएगा। ऐसे तमाम उदाहरण हैं जब नेता अपने समाज या जाति का लाभ लेकर ऊपर तो उठा, लेकिन इससे उनकी जातियों को कोई लाभ नहीं मिला। सियासत का सच तो यह है कि कोई भी समाज या जाति  किसी को अपने कंधे पर बिठाकर नेता नहीं बना सकती, नेता समाज में स्वतः पैदा होता है और अपनी स्वीकार्यता बनाता है। एक काबिल नेता तो हमेशा अपने समाज से जुड़ा रहता है, और तब समाज स्वतः उससे जुड़ जाता है। 
आगरा के भाजपा महानगर अध्यक्ष श्री विजय शिवहरे का जन्मदिन (12 जुलाई) कल ही गुजरा है, और मैं दावे से कह सकता हूं कि भाजपा कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने जिस उत्साह से उनका जन्मदिन सेलिब्रेट किया, इस पद पर आसीन किसी व्यक्ति के जन्मदिन को लेकर लोगों में इतना जोश कम ही देखने को मिलता है। उन्हें बधाई देने का सिलसिला एक दिन पहले से शुरू हुआ और एक दिन बाद यानी आज भी जारी है। भाजपा के छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं के साथ ही सभी जाति-धर्म और वर्गों के लोगों ने श्री विजय शिवहरे का जन्मदिन सेलिब्रेट किया। युवा भाजपा नेता श्री अमित शिवहरे (ताजगंज) ने उनके जन्मदिन पर आगरा के कुष्ठाश्राम में पौधारोपण कराया, तो वहीं शिवहरे समाज एकता परिषद की युवा टीम के साथ ही समाज के वरिष्ठ लोगों ने श्री विजय शिवहरे को उनके आवास पर जाकर बधाइयां दीं। समाज के अन्य वरिष्ठ एवं सम्मानित जनों ने भी अपनी-अपनी तरह से उन्हें बधाइयां प्रेषित की। 

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क्या हैं विजय शिवहरे? भाजपा के महानगर अध्यक्ष ही तो हैं! यह कोई ऐसा पद तो नहीं जिसके बल पर वह किसी को कोई बड़ा लाभ दे सकें, फिर भी उनके जन्मदिन पर लोगों में इस कदर उत्साह क्यों? मैंने जवाब तलाशने की कोशिश की। 1996 से मैं आगरा की सियासत में विजय शिवहरे की यात्रा का गवाह हूं। उन्हें भाजयुमो का महानगर अध्यक्ष बनते देखा, महानगर और ब्रज प्रांत भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर वह रहे। इस बीच कितने ही नेता आए, उठे और लुप्त भी हो गए, लेकिन विजय शिवहरे मंथर गति से अपनी अलग तरह की शैली के साथ सियासत करते रहे, आगे बढ़ते रहे। उनकी तेज गरजती हुई आवाज और वक्तव्य शैली के साथ ही प्रभावशाली व्यक्तित्व जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को प्रभावित करता रहा, वहीं उनकी सह्रदयता और हमदर्दी कार्यकर्ताओं और आमलोगों के दिल में उतरती गई। कार्यकर्ता व्यक्तिगत तौर से उनके साथ जुड़ाव महसूस करने लगे। आज भाजपा के ज्यादातर युवा कार्यकर्ता विजय शिवहरे को अपना गार्जियन मानते हैं, तो इसमें कहीं न कहीं तारीफ विजय शिवहरे की भी है। हाल में अमित शाह के आगरा दौरे को जिस अनुशासित और व्यवस्थित तरीके से श्री विजय शिवहरे के नेतृत्व में अंजाम दिया गया, उससे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच सर्वसमाज के एक मजबूत नेता के रूप में उनकी छवि और मजबूत हुई है। 
विजय शिवहरे ने कभी अपने समाज (शिवहरे कलचुरी) से यह नहीं चाहा कि वह उनका साथ दे या उनके लिए लामबंद हो जाए, लेकिन समाज के काम आने में वह पीछे भी नहीं रहे और समाज की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर शिरकत हैं। दो साल पहले विजय शिवहरे जब भाजपा महानगर अध्यक्ष बनाए गए, तब अन्य समाजों के साथ शिवहरे समाज ने भी उनका जोरदार स्वागत किया। एक नेता और उसके समाज के बीच संबंध की यही आदर्श स्थिति होती है। आगरा के शिवहरे समाज ने इसकी एक मिसाल पूरे देश के कलचुरी समाज के समक्ष प्रस्तुत की है। 
मेधावी छात्र-छात्रा सम्मान समारोह में आए उन अतिथियों से कहना चाहता हूं कि अपने सजातीय नेताओं और समाज के लोगों के बीच सहयोग का यही सिलसिला बनना चाहिए। किसी विचारशील और प्रगतिशील समाज से यह उम्मीद कभी नहीं की जानी चाहिए कि वह किसी पार्टी के पक्ष में एकजुट हो या किसी पार्टी को एकजुट होकर वोट दे, न ही ऐसा करने के लिए कहना चाहिए। समाज की ताकत दिखाकर पार्टियों से टिकट मांगना भी व्यवहारिक नहीं है। इस तरह की संकीर्णता अपने ही नेता का दायरा सीमित कर सकती है, उसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके बरक्स, सजातीय नेताओं और निर्वाचित सजातीय जनप्रतिनिधियों से मजबूत अपील की जानी चाहिए कि वे अपने समाज के हित में काम करें, अपनी स्थिति में रहते हुए समाज को यथासंभव लाभ पहुंचाएं। और, समाज को अपने इन नेताओं की तरक्की पर गर्व करना चाहिए। 
मैं श्री विजय शिवहरे को जन्मदिन की बधाई देता हूं, और शिवहरे वाणी को दिए उनके सहयोग व समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए उनकी दीर्घायु की कामना करता हूं। 

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