शिवहरे वाणी नेटवर्क
झांसी।
getting old is mandatory, feeling old is optional.
इस वाक्य को कई लोगों ने अपने जीवन का मूलमंत्र बनाया है। ऐसे लोगों की सक्रियता कभी कम नहीं होती, बढ़ती उम्र में भी वे पूरे उत्साह से नए-नए क्षेत्रों में हाथ आजमाते हैं और सफल होते हैं। झांसी की डा. कमलेश शिवहरे की शख्सियत भी कुछ ऐसी ही है। वह सरकारी अस्पताल में अपनी जॉब करते हुए, घर-परिवार संभालने के साथ ही समाजसेवा व सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हुए सौंदर्य स्पर्धाओं में कामयाबी हासिल कर रही हैं। बीते डेढ़ वर्ष के अंदर विभिन्न स्पर्धाओं में वह मिसेज टैलेंटेड, ब्यूटी विद पर्पज, मिसेज इंडिया वेस्ट यूपी जैसे खिताब हासिल कर चुकी हैं। ताजा जानकारी यह है कि डा. कमलेश आगामी 20 जून को दिल्ली में होने वाली मिसेज इंडिया यूनीवर्स स्पर्धा में भाग लेने जा रही हैं, और वह आत्मविश्वास से लबरेज हैं कि 23 जून को होने वाले ग्रैंड फिनाले भी जीतेंगी। यदि ऐसा हुआ तो संभवतः मिसेज इंडिया यूनीवर्स का खिताब जीतने वाली सबसे उम्रदराज महिला होने का रिकार्ड उनके नाम हो सकता है, और साथ ही उन्हें दीवालीसियस मिसेज यूनीवर्स में भाग लेने का मौका मिलेगा जो एक इंटरनेशनल ब्यूटी कंटेस्ट है।
झांसी के महूरानीपुर के सरकारी अस्पताल में चिकित्सक श्रीमती डा. कमलेश शिवहरे की लोकप्रियता डा. केश गुप्ता के नाम से है। मूल रूप से ग्वालियर की डा. कमलेश ने बीएचएमएस की डिग्री की। 1991 में उनका विवाह झांसी के डा. दयासागर गुप्ता (डा. डीएस गुप्ता) से हुआ जो सरकारी चिकित्सक हैं। विवाह के बाद डा. कमलेश का चयन भी प्रांतीय चिकित्सा सेवा में हो गया। विभिन्न जगहों पर पोस्टिंग के बाद 2000 में दोनों का तबादला झांसी में हो गया। झांसी आने के बाद वह सामाजिक कार्यों में सक्रिय हुईं। उन्होंने कलचुरी महिला सभा बनाई जिसमें आज करीब 50 महिलाएं जुड़ी हुई हैं और समय-समय पर सामाजिक कार्य करती रहती हैं। वह उत्तर प्रदेश जायसवाल समवर्गीय महासभा (लालचंद गुप्ता) की महिला इकाई की सचिव भी हैं। उन्होंने कई सालों तक आर्मी झांसी कैंटोनमेंट में 21 कोर होम्योपैथिक की निःशुल्क सेवा प्रदान की। वर्तमान में मानव विकास संस्थान की चेयरपर्सन हैं और उसके द्वारा केंद्र सरकार के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को आगे बढ़ा रही हैं। साथ ही ‘जल ही जीवन’ अभियान से जुड़कर पानी की बचत के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रही हैं। जल्द ही इन दिनों वह एक गांव गोद लेकर वहां तालाब का निर्माण कराने का प्रयास कर रही हैं।
सौंदर्य स्पर्धाओं में डा. केश गुप्ता की भागीदारी एक इत्तेफाक ही है। दिसंबर 2016 में झांसी में स्मार्ट सिटी वुमन में उन्होंने एक लोकल समाचार पत्र के संपादक के आग्रह पर भागीदारी की। स्पर्धा में वह रनर अप रहीं, इसी स्पर्धा में उन्हें मिसेज फुल कान्फिडेंट चुना गया। इसके बाद मिसेज झांसी स्पर्धा-2017 में वह रनर अप रहीं। बीते वर्ष आगरा में इलाइट मिसेज यूपी स्पर्धा में वह मिसेज टेलेंटेड, ब्यूजी विद पर्पज और मिसेज इंडिया वेस्टर्न यूपी खिताब जीतने में सफल रहीं। जल्द ही आगरा के सूरसदन में होने वाले एक कार्यक्रम में वह हैंडीकेप्ट बच्चों के साथ कैटवॉक करेंगी।
डा. केश गुप्ता मानती हैं कि उम्र तो महज एक गिनती है, अंदर से हम सब हमेशा समान उम्र के होते हैं। हमारी पॉजिटिव सोच ही हमें सक्रिय रखती है। और सच तो यह है कि एक्टिव होने की वजह से ही वह सौंदर्य स्पर्धाओं में भाग ले पाईं। डा. केश गुप्ता ने शिवहरे वाणी से बातचीत में कहा कि चूंकि वह डाक्टरी पेशे से हैं, और यह अपने आपमें एक सोशल वर्क है। इसीलिए उन्हें सामाजिक कार्यों में उनकी पारिवारिक एवं व्यावसायिक जिम्मेदारियां कभी आड़े नहीं आईं। वह मानती हैं कि भारतीय नारी दुनिया की किसी भी अन्य किसी भी देश की महिलाओं के मुकाबले अधिक सुंदर होती हैं, क्योंकि उन्हें भारतीय संस्कार मिले होते हैं। विषम परिस्थितियों में भी मुस्कराते रहना ही एक भारतीय महिला का सौंदर्य की कसौटी है ।
फिलहाल, इतना सब करते हुए डा. कमलेश शिवहरे अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी अंजाम दे रही हैं। उनकी बड़ी बेटी बीटेक और एमबीए करने के बाद दिल्ली में जॉब कर रही है। छोटी बेटी बीएससी कर रही है और बेटा 12वीं कक्षा में है।
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