November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाज

राधाकृष्ण मंदिर में 20 से प्रवाहित होगी से ज्ञान, आनंद और आस्था की त्रिवेणी

शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
26 अप्रैल, 2012 वह दिन था, जब लोहामंडी में शिवहरे समाज की धरोहर मंदिर श्री राधाकृष्ण के जीर्णोद्धार का पहला चरण पूर्ण होने भगवान राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापना एवं प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी। कलशयात्रा के साथ सात दिवसीय भागवत कथा समारोह में आस्था और श्रद्धा की जो पवित्र भाव-गंगा प्रवाहित हुई थी, उसके आनंद स्मृतियां अब भी समाजबंधुओं के जेहन में होगी। ज्ञान और आनंद प्रदान करने वाले ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए। मौजूदा दौर में, जबकि व्यक्ति मिथ्या आकर्षणों की होड़ में लगा है, अत्यधिक चिंताओं ने मनों को अशांत कर रखा है, ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता और बढ़ जाती है। तो महानुभावों इतिहास दोहराने का वक्त आ गया है। आस्था और श्रद्धा की वह पवित्र भाव-गंगा एक बार प्रवाहित होने वाली है मंदिर श्री राधाकृष्ण में, जिसमें डुबकी लगाकर आप स्वयं को धन्य समझेंगे। 20 मई रविवार को मंदिर परिसर में ‘संगीतमय श्री भागवत कथा ज्ञान-यज्ञ’ शुरू होने जा रहा है।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, 19 मई शनिवार को दोपहर 2 बजे से देवा स्थापना पूजन होगा और अगले दिन 20 को प्रातः 8 बजे से कलशयात्रा के साथ ही ‘संगीतमय श्री भागवत कथा ज्ञान-यज्ञ’ का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा। 101 कलशों की यह मंगलयात्रा मंदिर श्री राधाकृष्ण से शुरू होकर लोहामंडी चौराहा, लोहिया बाजार, सब्जीमंडी होते हुए वापस मंदिर लौटेगी। मंदिर श्रद्धालुओं के लिए नाश्ते एवं शीतल पेय की व्यवस्था होगी। 

admin
अमेरिका से लौटे प्रकांड विद्वान भागवताचार्य पं. श्री अनिल शास्त्री चतुर्वेदी सोमवार 21 मई से शनिवार 26 मई तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से सायं 6 बजे तक श्रीमद भागवत के विभिन्न स्कंधों एवं प्रसंगों का बहुत रोचक और सारपूर्ण वर्णन करेंगे। रविवार 27 मई को पुरुषोत्तम यज्ञ एवं भंडारे का आयोजन होगा। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री अरविंद शिवहरे ने शिवहरे वाणी को यह जानकारी देते हुए अपनी कार्यकारिणी की ओर से आगरा के समस्त शिवहरे समाज से उपरोक्त कार्यक्रमों में पधारकर भागवत ज्ञान-लाभ लेने का आग्रह किया है।
यह आयोजन मंदिर श्रीराधाकृष्ण के जीर्णोद्धार के द्वितीय चरण के पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। इसके तहत मंदिर के आंगन पर छत डाली गई है। इस तरह बेसमेंट के हॉल के ऊपर उसी साइज का एक और हॉल तैयार हो गया है जिससे मंदिर परिसर समाजबंधुओं के मांगलिक, पारिवारिक एवं सामाजिक कार्यों की दृष्टि से अब और अधिक उपयोगी हो चला है। अभी कुछ काम बचा है लेकिन मंदिर प्रबंध समिति की इच्छा थी कि जीर्णोद्धार के द्वितीय चरण की पूर्णता के उपलक्ष्य में 26 अप्रैल को ही भागवत कथा समारोह कर इतिहास दोहराया जाए। लेकिन, कुछ अपरिहार्य कारणों से वह कार्यक्रम टालना पड़ा था।
 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video