शिवहरे वाणी नेटवर्क
ग्वालियर।
आत्म-निर्भर जीवन जी रही नेहा शिवहरे उर्फ शिल्पी खुशकिस्मती से दहेज दानवों के चंगुल में फसने से बाल-बाल बच गई। सुमित शिवहरे के साथ उसकी वरमाला हो चुकी थी, स्टेज पर दोनों के साथ रिश्तेदारों के फोटो सेशन भी हो चुके थे। लेकिन फेरे से ऐन पहले सुमित के अंदर छिपा दहेज दानव अपने क्रूरतम रूप में सामने आ गया। एक बुलेट बाइक और एसी के लिए दो लाख रुपये की मांग को लेकर सुमित और उसके घरवालों की घटिया हरकत से इंसानियत भी शर्मसार हो गई। दूल्हे सुमित और उसके परिजनों ने दुल्हन नेहा के माता-पिता के साथ मारपीट की। नेहा बचाव करने दौड़ी तो उसे धक्का दे दिया जिससे वह बेहोश हो गई। इसी दौरान, सुमित के साथियों ने दनादन फायर कर दिये। एक बारगी तो ऐसा लगा मानो शादी समारोह में बाराती के वेश में डाकू घुस आए हों। इससे भी अधिक शर्मसार करने वाली बात यह है कि दूल्हा भारतीय सेना में जवान है, जिस पर हम नाज करते हैं।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दूल्हे सहित अन्य परिजनों को थाने ले आई। नेहा जिसे सुबह ससुराल में होना था, अस्पताल में थी। मेहंदी रचे हाथों में ड्रिप लगी थी। होश आने पर वह थाने पहुंची और पुलिस में अपने बयान दर्ज कराए। इस बीच खुद को फंसता देख सुमित मौका पाकर थाने से रफूचक्कर हो गया। पुलिस दहेज एक्ट में केस दर्ज कर सुमित को तलाश रही है।
घटना गोला का मंदिर थाना क्षेत्र में भिंड रोड स्थित द्वारिका गार्डन की है। शुक्रवार-शनिवार की रात को यहां नेहा उर्फ शिल्पी (26) की शादी गोरमी के सुमित पुत्र मुल्लूचंद्र शिवहरे के साथ होनी थी। अमलतास कालोनी निवासी नेहा के पिता मुल्लूप्रसाद शिवहरे आर्मी से रिटायर हैं और अपना एक प्लॉट बेचकर बेटी की शादी कर रहे थे। सुमित भारतीय सेना में जवान है और फिलहाल अमृतसर में तैनात है। शादी में नेहा के पिता ने 8 लाख रुपये कैश और एक बाइक देने का वादा वर पक्ष से किया था। पुलिस को दी गई जानकारी के मुताबिक, 7 मई को हुए लगुन में वरपक्ष ने अचानक मांग बढ़ा दी तो मुल्लू प्रसाद ने बेटी की खुशी की खातिर अपने वादे और हैसियत से बढ़कर 11.35 लाख रुपये कैश, सोने की चेन और अंगूठी भी दे दी।
शुक्रवार 11 मई की रात को द्वारिका गार्डन में हुए शादी समारोह में सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन तड़के करीब 3 बजे फेरे से ठीक पहले वरपक्ष 2 लाख रुपए नकद की मांग पर अड़ गए। सुमित ने मांग पूरी न होने पर फेरे से इनकार कर दिया। नेहा के माता-पिता उनके आगे गिड़गिड़ाए तो वरपक्ष के लोगों ने उनके साथ मारपीट कर दी। नेहा को भी धक्का देकर गिरा दिया।
नेहा के लिए यह प्रकरण एक दुःस्वप्न की तरह है। पोस्ट ग्रेजुएट नेहा प्राइवेट जॉब करती थी, और आत्मनिर्भर जीवन जी रही थी। सुमित के साथ शादी को लेकर जो सपने नेहा ने संजोये थे, उनके टूटने से उसका दुखी होना लाजिमी है, लेकिन नेहा के नजदीकी रिश्तेदारों का कहना है कि शुक्र है जो ये सब शादी से पहले हो गया, शादी के बाद ये होता तो नेहा की पूरी जिंदगी पर भारी पड़ता है। नेहा बाल-बाल बच गई।
वुमन पॉवर
दहेज दानवों के चंगुल में फंसने से बाल-बाल बची नेहा
- by admin
- October 29, 2016
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- 8 years ago
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