शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
आगरा के वयोवृद्ध समाजसेवी श्री सुरेशचंद्र शिवहरे एवं उनके पुत्र श्री रवि शिवहरे की ओर से श्रीमद भागवत कथा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 9 मई बुधवार से शुरू होने वाले इस 8 दिवसीय आयोजन में 'भागवत भूषण गोवत्स' श्री अरविंद जी महाराज अपनी ओजस्वी अमृतमयी मधुरवाणी से श्रद्धालुओं को श्रीमदभागवत कथा का रसपान कराएंगे। महोत्सव का समापन 16 मई बुधवार को पूर्ण हवन यज्ञ एवं प्रसादी के साथ होगा। श्री सुरेश चंद्र शिवहरे ने इस आयोजन में सभी समाजबंधुओं को विशेष तौर पर आमंत्रित किया है। जैसा कि उन्होंने शिवहरेवाणी से कहा, उनकी दिली इच्छा है कि सभी शिवहरे समाजबंधु जीवन में चिंतन-मनन को नई दिशा देने वाली कथा के श्रवण का लाभ उठाएं। उन्होंने शिवहरे बंधुओं से अनुरोध किया है कि शिवहरे वाणी में प्रकाशित हो रहे इस समाचार को ही उनके व्यक्तिगत निमंत्रण की मान्यता देते हुए अपनी गरिमामयी उपस्थित प्रदान करें।
कथा का आयोजन सिकंदरा में केके नगर के सामने नीरज निकुंज कालोनी में श्री सुरेशचंद्र शिवहरे के आवास 'कुसुम सदन (1-नीरव निकुंज)' पर होगा। श्री रवि शिवहरे ने बताया कि आयोजन स्थल पर विशाल पंडाल लगाने की योजना है ताकि अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु कथा के श्रवण का लाभ प्राप्त कर सकें। साथ ही मौजूदा गर्मी को देखते हुए पंडाल के शीतलन की व्यवस्था भी की जाएगी। कथा प्रतिदिन अपराहन 3 बजे से सायं 6 बजे तक चलेगी।
श्री रवि शिवहरे ने बताया कि आयोजन के पहले दिन 9 मई को श्री गणेश अर्चना के साथ ही कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी। महिलाओं की यह कलश शोभायात्रा प्रातः 9 बजे सिकंदरा स्थित शिवहरे कालोनी से चलकर नीरव निकुंज में कथास्थल पर पहुंचेगी। आयोजन के अंतिम दिन 16 मई को प्रातः 10 बजे से पूर्ण हवन-यज्ञ होगा और अपराह्न 1 बजे से भंडारा एवं प्रसाद वितरण होगा।
संपूर्ण समाज के लिए यह धार्मिक उत्सव स्वयं को जानने और मन के सारे संतापों को दूर करने का एक सुअवसर है। सनातन धर्म के 18 पवित्र पुराण हैं, जिनमें एक भागवत् पुराण भी है। इसे श्रीमद्भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। यह जगत के पालक श्रीविष्णुजी के धरती पर लिए गए 24 अवतारों के साथ उस दौरान उनके जीवन की कथा का भावपूर्ण वर्णन है। 12 खंडों के इस ग्रंथ में 335 अध्याय तथा 18 हजार श्लोक हैं। श्रीमद भागवत का प्रतिपाद्य विषय है कि यह सृष्टि भगवान से हुई है, भगवान में है और भगवान में ही मिल जाएगा। इसके 10वें अध्याय में श्रीकृष्ण का जीवन सार कुछ इस प्रकार वर्णित है कि यह समस्त प्राणियों के लिए सांसारिक जीवन जीते हुए ज्ञान तथा मुक्ति का मार्ग दिखाता है।
आइये हम आपको बताते हैं भागवत कथा सुनने के 11 लाभ, जिन्हें जानकर आप इसके श्रवण के इस अवसर को गंवाना नहीं चाहेंगेः-
1. इसे सुनने मात्र से हजारों अश्वमेघ यज्ञ आयोजनों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
2. गंगा, गया, काशी, पुष्कर या प्रयाग जैसे तीर्थों की यात्रा से भी अधिक पुण्यकारी है भागवत कथा का पाठ या इसे सुनना। इसे सुनने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. इसे सुनने वाले पर स्वयं श्रीहरि विष्णु की कृपा रहती है, इसलिए उसके जीवन की सभी समस्याओं का निवारण होता है।
4. जगत के पालनहार की कृपा दृष्टि मिलने से व्यक्ति के जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं तथा जीवन में प्रगति, खुशहाली तथा समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
5. इसे आयोजित कराने तथा सुनने वाले व्यक्तियों-परिवारों के पितरों को शांति तथा मुक्ति मिलती है। यह व्यक्ति को सभी प्रकार के पितृ-दोषों से निजात दिलाता है।
6. इस कथा को सुनने मात्र से व्यक्ति के जीवन से जुड़ा हर दोष नष्ट होता है, उसकी नकारात्मकता जाती रहती है और हर प्रकार से वह सकारात्मक हो जाता है। उसे स्वास्थ्य, समृद्धि मिलती है तथा भाग्य में वृद्धि होती है।
7. इसे सुनने के क्रम में आत्मिक ज्ञान की प्राप्ति करते हुए आप सांसारिक दुखों से निकल पाते हैं। मनोकामना पूर्ति होती है।
8. श्रीहरि के कृपापात्रों को संसार में कोई भयभीत नहीं कर सकता। इसलिए ऐसे व्यक्तियों को बुरी नजर, भूत-प्रेत बाधा आदि से भी मुक्ति मिलती है। पारिवारिक-मानसिक अशांति, क्लेश का नाश होता है, शत्रुओं पर विजय मिलता है तथा उनका शमन होता है।
9. रोजगार के नए अवसर मिलते हैं तथा समाज में प्रसिद्धि-सम्मान की प्राप्ति होती है।
10. दरिद्रता का नाश, दुर्भाग्य तथा सभी प्रकार से क्रोध-शोक का नाश होता है।
11.भागवत कथा को सुनना जितना पुण्य प्राप्ति का माध्यम है उतना ही इसका आयोजन करना भी। अगर आप खुद इसका आयोजन नहीं कर पा रहे हैं, तो ‘एस्ट्रोस्पीक’ द्वारा उपलब्ध कराई गई इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
समाज
आगरा में श्री अरविंद महाराज की श्रीमद भागवत कथा 9 मई से, मुख्य आयोजक सुरेशचंद्र शिवहरे ने समाज को किया आमंत्रित
- by admin
- October 29, 2016
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