मेयर कार्यकाल के दौरान ४६ लाख रुपये की आर्थिक सहायतें दिए जाने मामला
शिवहरे वाणी नेटवर्क (14/01/2018)
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रहीं पूर्व मेयर श्रीमती समीक्षा गुप्ता (शिवहरे) को तगड़ा झटका लगा है। ग्वालियर नगर निगम में 46 लाख रुपये की आर्थिक सहायता बांटने के विवादित मामले में नगरीय विकास विभाग ने आदेश जारी कर समीक्षा गुप्ता पर तीन साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। आदेश में पूर्व नेता प्रतिपक्ष शम्मी शर्मा और पार्षद डा. अंजनि रायजादा पर भी यही रोक लगाई है।
नगरीय विकास आयुक्त के इस फैसले से समीक्षा गुप्ता के समर्थकों में असमंज की स्थिति है। कुछ लोग समीक्षा गुप्ता को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए पार्टी में उनके विरोधी खेमे पर प्रपंच रचने का आरोप लगा रहे हैं। आदेश के कानूनी पहलुओं पर भी विचार किया जा रहा है। सवाल यह भी है कि क्या ऐसे मामलों के आरोपी को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। फिलहाल इस आदेश पर समीक्षा गुप्ता की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। खास बात यह है कि आदेश ऐसे वक्त आया है जब ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से समीक्षा गुप्ता भाजपा में टिकट की प्रबल दावेदार के रूप में उभर रही है।
क्या है मामला
समीक्षा गुप्ता वर्ष 2009 से लेकर 2014 तक ग्वालियर की मेयर रही थीं। इस दौरान समीक्षा गुप्ता ने आर्थिक सहायता के मामलों में धनराशि बांटे जाने की सिफारिश की थी जिस पर इन राशियों के चैक तीन तत्कालीन निगमायुक्तों ने जारी किए थे। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष शर्मा ने इन मामलों में गड़बड़ी का मुद्दा परिषद में उठाया था, जिस पर जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। साथ ही लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में भी शिकायत की गई थी। नवंबर 2017 में लोकायुक्त ने उक्त सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसी आधार पर नगर विकास आयुक्त ने समीक्षा गुप्ता के साथ ही शम्मी शर्मा और डा. रायजादा को तीन साल तक चुन लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया।
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