शिवहरे वाणी नेटवर्क
इंदौर। (07/01/2018)
सुश्री निधि जायसवाल ने महज 21 साल की उम्र में सहायक अधीक्षक भू-अखिलेख बनने का गौरव हासिल किया है। इंदौर में खंडवा रोड स्थित बाइग्राम की रहने वाली निधि जायसवाल ने पहले ही प्रयास यह सफलता हासिल की है। निधि बाइग्राम की पहली बेटी हैं जो अधिकारी बनी हैं।
निधि ने 2016 में ग्रेजुएशन कर डिप्टी कलक्टर परीक्षा की तैयारी लेकिन कामयाबी 27 अंक से फिसल गई। इसके बाद परीक्षा की तैयारी के लिए इंदौर आ गईं। इंदौर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों की लंबी कतार देखकर एक बारगी तो हताश हो गईं, लेकिन तब उनके पिता श्री सुरेश जायसवाल ने हौसला बंधाया। पिता पेशे से किसान हैं, गांव के सरपंच भी हैं। अधिक पढ़े-लिखे भले ही नहीं हैं, लेकिन शिक्षा के महत्व को जानते हैं। निधि को अफसर बनाने का ख्वाब उन्होंने देखा था औऱ आज बेटी को उस मुकाम पर पहुंचा कर ही उन्होंने दम लिया। जैसा कि निधि बताती हैं, गांव में लड़कियों को पढ़ने-लिखने की आजादी नहीं है। गांव में दोनों सिरों पर घाट है जिससे परिजन अपनी बेटियों को बाहर पढ़ने भेजना नहीं चाहते। गांव के जर्जर स्कूल में ही निधि ने पढ़ाई लिखाई की। निधि बताती हैं कि पिता ने नौंवी की पढ़ाई के बाद इंदौर भेजा तो कहा, मैं चाहता हूं कि तुम लाल बत्ती की गाड़ी में गांव आओ और मैं तुम्हारा स्वागत करूं। आज निधि को खुशी है कि उन्होंने पापा का सपना पूरा कर दिखाया, महज 21 साल की उम्र में।
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