शिवहरे युवाओं की प्रेरक पहल, अब साफ करके ही रहेंगे कैलारस की क्वारी
by Som Sahu November 30, 2017 आलेख, घटनाक्रम 240
क्वारी नदी में घुसकर तल तक सफाई करने में जुटे युवा, सप्ताह मे एक दिन करते हैं नदी की सफाई
तीन मोर्चों पर चल रहा है अभियान, यमुना और चंबल नदियों में साफ-सुथरी होकर मिलेगी क्वारी
शिवहरे वाणी नेटवर्क
कैलारस/मुरैना।
कृषि प्रधान भारत में सिर्फ गंगा नदी को ही मां नहीं कहा जाता, बल्कि हर नदी अपने-अपने बहाव क्षेत्र में वहां के लोगों लिए मां का दर्जा रखती है। ये नदियां अपने जल से खेतों को सींचती है, गांव-शहरों की प्यास बुझाती हैं। और एक हम हैं, जो इन मां समान पवित्र और जीवनदायिनी नदियों को लगातार गंदा कर रहे हैं। इसीलिए कहा जाता है नदियों की सफाई का कोई भी प्रयास या प्रोजेक्ट सक्रिय जनभागीदारी के बगैर सफल नहीं हो सकता। हम फख्र कर सकते हैं कैलारस के शिवहरे युवाओं पर जिन्होंने इस बात न केवल समझा, बल्कि उन तमाम लोगों के सामने अमल की एक तस्वीर भी पेश की जिनकी चिंताएं महज बयानों तक सीमित रहती हैं। अपने संकल्प को पूरा करने के आत्मविश्वास से लबरेज इन नदी-पुत्रों का कारवां अब बड़ भी रहा है, और बढ़ भी रहा है।
किस्सा क्वारी का नदी है जो शिवपुरी और श्योपुर जिले की सीमा से निकलकर मुरैना होते हुए भिंड में काली सिंध नदी से मिलकर पचनदा नाम के स्थान पर यमुना और चंबल नदी से मिल जाती है। लगभग 350 किमी की दूरी तय करने वाली क्वारी इस क्षेत्र में चंबल के बाद दूसरी जीवनदायिनी नदी है। श्योपुर, मुरैना और भिंड जिलों के दर्जनभर शहरों के नाले क्वारी में मिलकर उसे प्रदूषित करते हैं। इस प्रदूषण का स्तर मुरैना में सबसे ज्यादा है। नदी में यहां सबसे अधिक कचरा पहुंचता है जो बहते हुए काली सिंध और जमुना नदी में जा मिलता है। नदीं में प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही थी और प्रशासन का कभी इस ओर ध्यान नहीं गया।
स्थिति की गंभीरता को सबसे पहले कैलारस के शिवहरे युवाओं ने समझा। युवा शिवहरे समाज के लोगों ने देखा कि नदी में कचरा बहने से उसका स्वरूप बदसूरत हो गया है। इसके बाद इन युवाओं ने करीब दो महीने पहले हफ्ते में एक दिन नदी पर काम करने के लिए तय किया। शिवहरे समाज कैलारस के पूरन शिवहरे बताते हैं कि अब तक वे नदी से कई ट्रॉली कचरा निकालकर उसका उचित निदान कर चुके हैं। इस काम में जो भी खर्च होता है, युवा खुद वहन करते हैं।
श्री पूरन शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि पूरा अभियान तीन मोर्चों पर काम कर रहा है:
- पहला है नदी की सफाई। इसके तहत 25-30 युवाओं की टोली क्वारी नदी का एक स्थान निर्धारित कर वहां सफाई को अंजाम देती है। युवा इसके लिए नदी में उतरने से भी गुरेज नहीं करते और तल पर जमा गंदगी को नदी से बाहर निकालते हैं।
- दूसरा है जागरूकता अभियानः इसके तहत बैनर आदि लगाकर लोगों को क्वारी नदी को साफ रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए नुक्कड़ सभाएं भी की गई हैं।
- तीसरा है शहर की सफाईः कैलारस में युवाओं ने विशेष सफाई अभियान चलाया हुआ है। युवाओं ने घी-तेल के सैकड़ों टिन खरीदे और उन्हें दुकानों और बाजारों में रखकर लोगों को उनमें कूड़ा डालने को कहा जाता है। अगले दिन कूड़े के टिनों को सुरक्षित तरीके से खाली करने की जिम्मेदारी नगर पालिका बखूबी उठा रही है।
कैलारस में क्वारी के अभियान में श्री पूरनचंद्र शिवहरे के अलावा शिवहरे समाज के श्री जगदीश शिवहरे, श्री संतोष शिवहरे, अर्पित शिवहरे समेत समाज के कई युवा शामिल हैं। कैलारस के शिवहरे युवाओं के काम से अंबाह के युवा भी संगठित हुए हैं। वहां के युवाओं ने नदियों की सेवा के लिए चंबल सेवा समिति का गठन किया है।
श्री पूरन शिवहरे के मुताबिक, अभी तो शुरुआत है। चार लोगों ने जिस काम को शुरू किया था आज महज दो महीने के अंदर उससे 30 लोग जुड़ चुके हैं। कारवां बढ़ता जा रहा है। एक सवाल पर उन्होंने बताया कि क्वारी की सफाई एक लंबी प्रक्रिया है। अभी हम नदी के तल पर सफाई कर रहे हैं। अगले चरण में तटों को साफ कर उन्हे सुंदर बनाया जाएगा। कैलारस नगर परिषद के सीएमओ भी अभियान को लेकर उत्साहित हैं और युवाओं का सपोर्ट कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि क्वारी नदी जब चंबल और यमुना से मिले, तो स्वच्छ रूप में हो। इस तरह अभियान यमुना और चंबल के साथ ही संपूर्ण भारत में नदियों के नेटवर्क को साफ करने में योगदान कर रहा है।
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