November 23, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाज

फिरोजाबाद में शिवहरे समाज का बड़ा ऐलान; ओबीसी सर्टिफिकेट नहीं बने तो हमसे वोट न मांगे भाजपा

फिरोजाबाद।
फिरोजाबाद का शिवहरे समाज इन दिनों एक बड़ी चिंता से जूझ रहा है। अफसरों की हठधर्मिता समाज को उसके हक से वंचित कर रही है…., स्वजातीय बच्चों के ‘ओबीसी सर्टिफिकेट’ नहीं बनाए जा रहे हैं, जो उनके भविष्य से गंभीर खिलवाड़ है। उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थानीय शिवहरे समाज ने अब अपने हक की लड़ाई को पूरी ताकत के साथ लड़ने का ऐलान करते हुए संघर्ष की रूपरेखा तय की है। उन्होंने साफ कहा कि प्रदेश की योगी सरकार इन अफसरों के रवैये में सुधार करे और फिरोजाबाद के शिवहरे समाज के बच्चों को ‘कलार जाति’ के ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किए जाएं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो सत्तारूढ़ भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में शिवहरे समाज से वोटों की उम्मीद बिल्कुल न करे। 
बता दें कि वैश्य समाज के उपवर्ग कलाल, कलार, कलवार को वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने पिछड़ी जाति का दर्जा दिया था। पिछड़ा वर्ग की अनुमन्य सूची में प्रविष्टि 79 में उल्लेख है कि वैश्य समाज के उपवर्ग जो शिवहरे, गुलहरे, पोरवाल,  जायसवाल लिखते हैं,  इनको कलाल, कलार, कलवार के अंतर्गत शामिल किया गया है। वर्ष 2000 से इसी आधार पर वैश्य समाज के उक्त उपवर्गो को पूरे प्रदेश में पिछड़ी जाति के जाति प्रमाणपत्र जारी किये जा रहे हैं। लेकिन, फिरोजाबाद एक अनोखा जिला हो गया है कि जहां कई सालों से शिवहरे समाजबंधुओं को ओबीसी प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। 
स्थिति यह है कि बीते दिनों तहसील कार्यालय पर खासे हंगामे के बाद भी एक डेंटल चिकित्सक का ओबीसी प्रमाणपत्र नहीं बनाया गया जिसकी वजह से वह एम्स (दिल्ली) में नौकरी के आवेदन में अपना ओबप्रमाण पत्र संलग्न नहीं कर सके। और तो और,  ताजा मामला यह है कि फिरोजाबाद में शिवहरे समाज के एकमात्र और शीर्ष संगठन ‘शिवहरे समाज एकता समिति’ के कोषाध्यक्ष श्री सोनू शिवहरे और उनके परिवार के सदस्यों के आवेदन भी निरस्त कर दिए गए हैं। 

  
फिरोजाबाद के शिवम रेस्टोरेंट में शिवहरे समाज एकता समिति के अध्यक्ष श्री कमल गुप्ता एडवोकेट की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्थिति पर गहरी चिंता जताई गई। समिति के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से तय किया कि समाज का एक प्रतिनिधिमंडल इस मामले में जल्द ही जिलाधिकारी से भेंट करेगा। हालात तब भी नहीं सुधरे तो लखनऊ में सीधे सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष यह शिकायत रखी जाएगी, और हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। बैठक में मनोज कुमार गुप्ता, सुगम शिवहरे, सोनू शिवहरे, गोपाल गुप्ता, रामजीलाल गुप्ता, विनोद कुमार शिवहरे और शिवकुमार गुप्ता (मन्नू) समेत कई समाजबंधु उपस्थित रहे। 
समिति के अध्यक्ष श्री कमल गुप्ता एडवोकेट ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि तहसीलदार और लेखपालों की हठधर्मिता अब बर्दाश्त से बाहर है। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार को मामले में तत्काल दखल देते हुए फिरोजाबाद के प्रशासनिक अफसरों को निर्देशित करना चाहिए। यदि शिवहरे समाज को ओबीसी सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए तो शिवहरे समाज सत्तारूढ़ भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में वोट नहीं देगा।
शिवहरेवाणी ने जब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री श्री विजय शिवहरे के इस बारे में बात की तो उन्होंने समाज की पीड़ा को जायज बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार में हर समाज के हक पूरी तरह सुरक्षित हैं, अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया सरकार को बदनाम करने की साजिश प्रतीत होता है। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि फिरोजाबाद के शिवहरे बंधु डीएम से मिलें, यदि तब भी प्रमाण-पत्र बनने चालू नहीं हुए तो वह स्वयं उनके साथ कमिश्नर से मिलेंगे। इसके बाद उ.प्र. पिछड़ा वर्ग आयोग में शिकायत करने और सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के विकल्प भी खुले हुए हैं। । उन्होंने भरोसा दिलाया कि योगी सरकार के न्यायपूर्ण शासन में शिवहरे समाज या किसी भी समाज को उनके हक से वंचित नहीं रखा जाएगा।
सिरसागंज नगर पालिका के चेयरमैन श्री सोनी शिवहरे ने स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रशासन की हठधर्मिता काफी समय से शिवहरे समाज के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। वह इस मामले में स्थानीय समाजबंधुओं को साथ लेकर उच्च अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। वहीं आगरा में राधाकृष्ण मंदिर (शिवहरे समाज) समिति के अध्यक्ष श्री अरविंद गुप्ता ने कहा फिरोजाबाद के शिवहरे समाज के इस संघर्ष में आगरा का समाज उनके साथ खड़ा है। 
लखनऊ में अखिल भारतीय सर्ववर्गीय महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अजय कुमार जायसवाल ने शिवहरेवाणी से बातचीत में फिरोजाबाद के शिवहरेबंधुओं के आक्रोश को जायज ठहराते हुए कहा कि प्रमाण-पत्र नहीं बनने की तो कोई वजह नहीं हो सकती। आवेदक सुनिश्चित करें कि आवेदन में उनकी तरफ से कोई गलती तो नहीं हो रही है, जाति के कॉलम में उन्हें ‘कलार’ लिखना है, और तमाम साक्ष्यों के साथ एक स्वप्रमाणित हलफनामा भी संलग्न करना है। इसके बावजूद यदि प्रमाणपत्र नहीं बन रहा है तो यह गंभीर चिंता का विषय है। 

 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video