मंगलुरु।
कलबुर्गी स्थित ब्रह्मश्री नरायाण गुरु शक्तिपीठ के पीठाधीश स्वामी श्री श्री प्रवणानंदजी के नेतृत्व में कर्नाटक के कलवार समाज (एडिगा, बिल्लवा, एजवा, गुट्टेदार, नामधारी, नाडर समेत 26 उपवर्ग) की पदयात्रा शुक्रवार 6 जनवरी से शुरू हो गई है। मंगलुरु के कुदरौली मंदिर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री बी. जनार्दन पुजारी ने पदयात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। कलवार समाज के राजनीतिक और आर्थिक उत्थान से जुड़ी मांगों को लेकर ‘आर्य एडिगा राष्ट्रीय महामंडली’ बैनर तले निकाली गई यह पदयात्रा 40 दिन में 658 किलोमीटर का रास्ता तय कर बंगलुरू के फ्रीडम पार्क पर समाप्त होगी, जिसके बाद उसी जगह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू हो जाएगी।
कुदरौली मंदिर से पदयात्रा के रवाना होने से पूर्व एक विशाल जनसभा हुई। स्वामी श्री श्री प्रणवानंदजी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक की भाजपा सरकार ‘बांटों और राज करो’ की नीति से बाज आए। सरकार अपनी प्रतिशोध की राजनीति के लिए समुदाय के युवाओं को बलि का बकरा बना रही है। क्षेत्र में अब तक बिल्लवा समुदाय के 21 युवाओं की राजनीतिक हत्याएं की जा चुकी हैं। यदि आगामी विधानसभा चुनाव में इस समुदाय के लोगों को टिकट नहीं दिए गए तो हमें वैकल्पिक निर्णय पर विचार करना पड़ेगा।
स्वामी श्री श्री प्रणवानंदजी की प्रमुख मांगेः-
- ब्रह्मश्री नारायण गुरु निगम का गठन किया जाए जिसके बाद सरकार की ओर से इसे 500 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाए।
- प्रदेश में ताड़ी दोहन के व्यवसाय को अनुमति दी जाए, जोकि बिल्लवा, एडिगा और नामधारी समुदायों का पैतृक व्यवसाय है।
- सरकार एडिगा समुदाय द्वारा संचालित सिंगदूर चौदेश्वरी मंदिर की प्रशासन समिति के उत्पीड़न पर रोक लगाए। (आरोप है कि सरकार इस मंदिर के प्रबंधन को उच्च जातियों के हवाले करने का षडयंत्र रच रही है।)
- प्रदेश के प्रमुख केंद्रों और हर जिले में बिल्लवा समुदाय के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण शुरू करे।
- आगामी विधानसभा चुनाव में दक्षिण कन्नड, उत्तर कन्नड, उडुपी, शिवमोगा जैसे तटीय जिलों में एडिगा, बिल्लवा, नामधारी समुदाय के लिए 14 सीटें आरक्षित की जाएं।
- बिल्लवा समुदाय का रिजर्वेशन कोटा बढ़ाया जाए। एक व्यापक सर्वे कराकर बिल्लवा समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। इससे पूरे समुदाय के राजनीतिक प्रतिनिधित्व में भी वृद्धि होगी।
तेलंगाना के पर्यटन मंत्री श्रीनिवास गौड़ा ने कहा कि सरकार को समुदाय की विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री वसवराज बोम्मई ने ब्रह्मश्री नारायण गुरु निगम के गठन की घोषणा तो की है लेकिन इसे लेकर कोई डिटेल साझा नहीं की। हम इस तरह बहलने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी दस मांगें हैं और जब तक ये सभी दस मांगें मान नहीं ली जाती, तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे।
इससे पूर्व मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर जनसभा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अतिथियों ने एक पत्रिका का विमोचन भी किया। विशाल मंच पर स्वामी श्री श्री प्रणवानन्दजी के साथ बी. जनार्दन पुजारी, तेलंगाना के पर्यटन मंत्री श्रीनिवास गौड़ा, शिवगिरी से आए स्वामी श्री श्री विशुदानंदजी, स्वामी श्री श्री संगमानंजी, स्वामी श्री बासव कुमबारा गुंडय्याजी, स्वामी श्री निश्चल निरंजनजी (डोद्दाबल्लापुरा), राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल, साउथ फिल्मों के स्टार अभिनेता सुमन तलवार, एमएलसी हरीश कुमार, बिल्लवा नेता राजाशेखर कोटियनस, एचएस साईराम, पदमराज, एचआर श्रिनाथ, पूर्व मेयर कविता सानिल समेत समाज की कई जानी-मानी शख्सियते मौजूद थीं। जनसभा के अंत में अतिथियों ने झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया।
हर दिन 20 किलोमीटर का सफर
जानकारी के मुताबिक, पदयात्रा प्रतिदिन 20 किलोमीटर का सफर तय करेगी। रास्ते में जगह जगह पदयात्रियों का स्वागत स्थानीय समाजबंधुओं की ओर से किया जाएगा। इस तरह पदयात्रा 40 दिन में राजधानी बंगलुरु पहुंचेगी, जहां फ्रीडम पार्क पर पदयात्रा का समापन होगा और अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की जाएगी।
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