पाली।
कलाल समाज की मातृ-शक्ति के लिए अशोभनीय और आपत्तिजनक जातिसूचक शब्दों वाले गानों के खिलाफ कलाल समाज लामबंद नजर आ रहा है। बीते रोज पाली कलाल समाज के सभी उपवर्गों के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और 25 से अधिक सामाजिक संगठनों व संस्थाओं की ओर से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन संभागीय आयुक्त को सौंपे गए जिनमें ऐसे अपमानजनक गानों पर तत्काल रोक लगाने की पुरजोर मांग की गई है। उदयपुर, कोटा, अलवर समेत कई अन्य जिलों में भी कलाल समाज की ओर से भी ज्ञापन दिए गए। पाली के संभागीय आय़ुक्त ने समाज के प्रतिनिधिमंडल को उचित कार्रवाई का भरोसा देते हुए कहा कि भविष्य मे कहीं भी ऐसा गाना सुनाई दे, तो तत्काल उन्हें सूचित करें।
क्या है विवाद
दरअसल यह विवाद ‘ढक्कन खोल दे कलाली थारी बोतल की दारूड़ौ पिला दे..’ गाने को लेकर चल रहा है जो इन दिनों राजस्थान के हर जिले में सार्वजनिक समारोह, निजी मांगलिक कार्यक्रमों के सोशल मीडिया खासकर यूट्यूब पर रील्स में धड़ल्ले से बजाया जा रहा है। जयपुर की कंपनी चेतक कैसेट्स ने इस गाने के ऑडियो और वीडियो रिलीज किए थे, जिसे लेकर कलाल समाज में लंबे समय से रोष है। राजस्थान में कई जगह इस गाने पर रोक लगाने की मांग कलाल समाज के विभिन्न मंचों से की जा चुकी है लेकिन अब तक कोई उपयुक्त कार्रवाई नहीं हुई है।
पाली की सड़कों पर नारे
ऐसे में कलाल समाज का सब्र जवाब दे गया और बीते रोज पाली में सैकड़ों की संख्या में कलाल समाज की महिलाओं और पुरुषों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए जोरदार रैली निकाली। रैली में शामिल महिलाओं और पुरषों के हाथों में तख्यितां थीं। जिस पर महिलाओं का अपमान नहीं सहेगा राजस्थान’ जैसे नारे लिखे हुए थे। रैली रजतनगर में गांव रोड स्थित मेवाड़ा समाज भवन से शुरू होकर लोर्डिया पाल, अंबेडकर सर्किल, सूरजपोल, अहिंसा सर्किल, कलक्ट्रेट होते हुए डाक बंगले स्थित संभागीय आयुक्त के दफ्तर पहुंची, जहां समाज के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम 25 से अधिक सामाजिक संगठनों के ज्ञापन संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह को सौंपा।
संभागीय आय़ुक्त ने दिया कार्रवाई का भरोसा
प्रतिनिधिमंडल ने संभागीय आयुक्त से साफ कहा कि कहा कि इन गानों को सुनने से कलाल समाज की भावनाएं आहत हो रही हैं, इस इन गीतों को बंद किया जाए, और सोशल मीडिया साइट्स से भी हटाया जाए। कोई किसी समारोह मे इन गानों को बजाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। ऐसा नहीं होता है तो आने वाले दिनों में मेवाड़ा समाज आंदोलन करेगा औऱ चुनाव का बहिकार करेगा। संभागीय आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को इस मामले में शासन और प्रशासन के स्तर से उपयुक्त कार्रवाई करने का भरोसा देते हुए कहा कि आगे कभी ऐसा गाना कहीं बजते दिखे, तो तत्काल उनको सूचित करें। वह प्राथमिकता से कार्रवाई करवाएंगी।
प्रतिनिधिमंडल में ये रहे शामिल
प्रतिनिधिमंडल में श्री मेवाड़ा क्षेत्रिय कलाल विकास संस्था जिला पाली की महिला जिला अध्यक्ष ऊषा मेवाड़ा, महामंत्री रेखा मेवाड़ा, जिलाध्यक्ष बाबूलाल मेवाड़ा, महामंत्री हेमंत मेवाड़ा, पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, सुमरेपुर से कांग्रेस नेता हरिशंकर मेवाड़ा, पूर्व सभापति मेहंद्र बोहरा, लाटूराम मेवाड़ा, चंपालाल मेवाड़ा, छगनलाल मेवाड़ा, श्याम मेवाड़ा शामिल हुए। इसके साथ ही अखिल भारतीय क्षत्रिय मेवाड़ा कलाल युवा महासभा के अध्यक्ष कमलेश मेवाड़ा, राष्ट्रीय महामंत्री भूपेश मेवाड़ा, कोषाध्यक्ष महेंदर् मेवाज़ा, सचिव श्याम सुंदर मेवाड़ा. महिला प्रदेश अध्यक्ष मंजू मेवाड़ा, श्री क्षत्रिय मेवाड़ा कलाल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष दौलतरज सिंह मेवाज़ा, कोषाध्यक्ष भूपेश मेवाड़ा, सचिव किशोर सिंह मेवाड़ा, मेवाड़ा कलाल विकास समिति बासनी परगना से अध्यक्ष बाबूलाल मेवाड़ा, सचिव घनश्याम मेवाड़ा, कोषाध्यक्ष ताराचंद मेवाड़ा सहित मेवाड़ा कलाल समाज के लगभग 2000 लोग मौजूद रहे।
इन संगठनों ने दिए ज्ञापन
प्रतिनिधिमंडल ने जिन संगठनों के ज्ञापन सौंपे, उनमें श्री क्षत्रिय मेवाड़ा कलाल विकास संस्थान पाली, श्री मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल विकास संस्था जिला पाली, श्री मेवाड़ा (क्षत्रिय) कलाल न्याति संघ पाली, श्री मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल न्याति संस्था पाली, मेवाड़ा क्षत्रिय समाज जालोर, श्री क्षत्रिय मेवाड़ा कलाल जगदंबा मां मंदिर विकास समिति पाली, श्री मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल सभा एवं शिक्षा सदन ट्रस्ट संचालन समिति पाली, श्री क्षत्रिय मेवाड़ा कलाल समाज विकास संस्था सोजत परगना पाली, श्री मेवाड़ा कलाल समाज महिला मंडल ब्यावर, श्री मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल विकास संस्था बर जैतारण परगना पाली, आल इंडिया कलवार कलाल कलार एसोसिएशन (आईका), श्री क्षत्रिय मेवाड़ा (कलाल) कुडी बासनी जोधपुर विकास समिति बासनी (जोधपुर), मेवाड़ा कलाल विकास समिति बासनी (जोधपुर), श्री मेवाड़ा क्षत्रिय कलाल वेलफेयर सोसायटी जोधपुर, अखिल भारतीय क्षत्रिय मेवाड़ा कलाल युवा महासभा संस्था जोधपुर, श्री कलाल सेवा समिति अहमदाबाद, सुहालका (कलाल) महासभा जयपुर, श्री मेवाड़ा क्षत्रिय समाज जोधपुर, अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार महासभा दिल्ली, क्षत्रिय झालावाड़ कलाल (पुर्बिया) परिषद झाडोल, अखिल भारतीय जायसवाल (कलाल) युवा महासभा राजस्थान अलवर, हैहय क्षत्रिय कलाल संस्थान (सभा) कोटा, कलाल रॉयल वुमन सोसायटी उदयपुर, सहस्त्रबाहु नारी शक्ति उदयपुर, पुर्बिया कलाल समाज ओगणा इकाई उदयपुर, अखिल भारतीय वेगड़ा कलाल समाज संस्था उदयपुर, श्री पुर्बिया कलाल समाज थुर-मदार उदयपुर समेत कई अन्य संगठन भी शामिल थे।
चेतक कैसेट्स को लीगल नोटिस
पाली के स्वजातीय अधिवक्ता रघुनंदन मेवाड़ा इस मामले को कोर्ट ले गए हैं। उनकी ओर से गाना रिलीज करने वाली कंपनी को कानूनी नोटिस भी जारी किया गया है। जयपुर आधारित चेतक कैसेट्स को जारी नोटिस में कहा है कि कंपनी अपनी ओर से तत्काल इस गाने पर रोक लगाए अन्यथा आईपीसी की उपयुक्त धाराओं में उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
उदयपुर, कोटा, बांसवाड़ा में भी ज्ञापन
उदयपुर, कोटा और बांसवाड़ा में भी स्वजातीय प्रतिनिधिमंडल में संभागीय आयुक्तों से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। उदयपुर में
अखिल भारतीय क्षत्रिय मेवाड़ा कलाल युवा महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कलक्ट्रेट में संभागीय आयुक्त को सौंपा। महासभा के सूर्यप्रकाश सुवालका ने कहा कि कलाल समाज नारी की अस्मिता से खिलवाड़ सहन नहीं करेगा। उनके साथ लोकेश चौधरी, सत्यनारायण टांक, नरेश पुर्बिया, चुन्नीलाल कलाल, बालकृष्ण सुहालका, राणा जायसवाल, राजा चौधरी, जगदंबा प्रसाद सुहालका, मदन चौधरी, मनीष जायसवाल, भरतकिशोर सुहालका समेत चौधरी, मेवाड़ा, सुहालका, पुर्बिया, टांक, जायसवाल, वेगड़ा, पटेल समेत सभी वर्गों के समाजबंधु उपस्थित थे। बांसवाड़ा में मेवाड़ा कलाल समाज समिति ने संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। कलाल समाज विकास समिति जिला झालावाड़ ने कोटा के संभागीय आयुक्त को ज्ञापन दिया। अजमेर के पुष्कर में राजस्थान सर्ववर्गीय कलाल समाज मंदिर एवं धर्मशाला समिति ने भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
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