मुल्ताई (बेतूल)
बेतूल जिले की पवित्र नगरी मुल्ताई की ईशा शिवहरे का चयन सहकारिता विस्तार अधिकारी के पद पर हुआ है। एमपीपीएससी की राज्य सेवा परीक्षा-2019 का रिजल्ट घोषित होने के बाद से पूरा परिवार बहुत खुश है। खासकर ईशा की मां श्रीमती अनीता शिवहरे को बड़ी खुशी इस बात की है कि बेटी ने उनके स्वर्गवासी पति की इच्छा को पूरा कर दिखाया है।
शिवहरेवाणी से बातचीत में ईशा शिवहरे ने कहा कि आज वह अपने पिता स्व. श्री बबलू शिवहरे को बहुत मिस कर रही हैं, आज वह बहुत खुश होते। ईशा शिवहरे अपनी सफलता का पहला श्रेय भी पिता को देती हैं जिन्होंने बचपन से उन्हें सिविल सर्विसेज में जाने के लिए प्रेरित किया, और उच्च शिक्षा के लिए भोपाल, और फिर सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा। ईशा ने 12वीं तक की पढ़ाई मुल्ताई में ही की, इसके बाद भोपाल में रहकर ग्रेजुएशन किया। सिविल सर्विसेज के लक्ष्य को ध्यान में रखकर हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस और सोशियोलॉजी जैसे सब्जेक्ट चुने। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया, जहां उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए कोचिंग के साथ-साथ एमए (हिस्ट्री) भी किया। एमए के बाद उन्होंने वर्ष 2016 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में प्रि. परीक्षा क्वालीफाई कर मेन्स का एग्जाम दिया। हालांकि अंतिम सफलता नहीं मिली। 2017 में उनके पिता का स्वर्गवास हो गया।
ईशा बताती हैं कि पिता की मृत्यु के बाद उनकी मम्मी श्रीमती अनीता देवी ने उन्हें लक्ष्य से भटकने नहीं दिया। ईशा बताती हैं कि उनकी मैथ्स वीक है, जिसके चलते यूपीएससी में वह सफल नहीं हो पा रही थीं। लिहाजा सेकेंड प्लान के तौर पर उन्होंने एमपीपीएससी का एग्जाम दिया। वह बताती हैं कि एमपीपीएससी एग्जाम में भी उन्होंने मैथ्स के 48 नंबर के प्रश्नों को छोड़ा, इसके बावजूद उन्हें सफलता मिली है। वह बताती हैं कि वह यह जॉब करने के साथ यूपीएससी की तैयारी भी जारी रखेंगी और इस बार मैथ्स पर फोकस बनाएंगी। ईशा की बड़ी बहन दिशा जायसवाल भी सिविल सर्विस तैयारी कर रही हैं, जबकि जीजाजी शिव जायसवाल पेशे से पायलट हैं और पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का प्राइवेट प्लेन उड़ाते थे। ईशा के दो भाई हैं अजितेश और रिषभ, दोनों के अपनी-अपनी ट्रांसपोर्ट कंपनियां हैं।
ईश्वर पर अटूट विश्वास रखने वाली ईशा शिवहरे पिता के अलावा अपनी मां श्रीमती अनीता शिवहरे को रोल मॉडल मानती हैं, जिन्होंने घर संभालने के साथ परिवार के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को आगे बढ़ाया। उनका परिवार मुल्ताई के राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में हमेशा सक्रिय और अग्रणी रहा है। उनके दादाजी स्व. श्री नारायण प्रसादजी शिवहरे नगर पालिका के उपाध्यक्ष थे। पिता स्व. श्री बबलू शिवहरे बहुत मेहनती व्यक्ति थे। एक ट्रक के साथ उन्होंने ट्रांसपोर्ट कंपनी शुरू की और जब उनकी मृत्यु हुई, उस वक्त उनके साथ साठ ट्रक थे। वह हर महीने गरीबों के लिए बड़ा भंडारा कराते थे, उन्होंने अपने ट्रांसपोर्ट के आधे से ज्यादा ड्राइवरों की शादी अपने घर से की। वहीं मां श्रीमती अनीता शिवहरे मुल्ताई में आज भी समाज की गतिविधियों में अग्रणी रहती हैं।
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