November 22, 2024
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समाचार

4 दिसंबर को शनैश्चरी अमावस्या पर सूर्यग्रहण का रोचक संयोग: शनि व कालसर्प दोष से छुटकारा पाने का शुभ समय; भारत में मान्य नहीं सूतक

आचार्य विनोद शास्त्री, संस्थापक-श्री कार्त्तवीर्य नक्षत्र ज्योतिष संस्थान
हाथरस।
इस वर्ष 2021 मे दिसंबर माह मे एक ही पक्ष में दूसरा ग्रहण यानि सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ऐसे ग्रहण प्रायः न तो राजा के लिये शुभ होते है और ना ही प्रजा के लिये। अच्छी बात है कि वर्ष का अंतिम ग्रहण भारत मे दिखाई नही देगा,  इसीलिए इस ग्रहण का भारत पर या भारत की जनता तथा राजा पर कोई नकारात्मक प्रभाव नही पड़ेगा। वहीं दो नक्षत्रो में भोग करते हुए इस ग्रहण को शनिवार की अमावस्या का संयोग और रोचक तथा खास बना  रहा है।
04 दिसंबर को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण पड़ेगा। इससे पूर्व भी इसी पखवाडे मे चंद्रग्रहण पडा था। परन्तु सोलहवें दिन ये खंडग्रास सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है,  जो कि वृश्चिक राशि पर पडेगा। यह सूर्यग्रहण 04 दिसंबर को भारतीय समयानुसार प्रातः 10:59 से आरंभ होकर दोपहर 03:07 मिनट तक रहेगा।
कुल मिलाकर सूर्यग्रहण का भोग्यकाल 4:06 मिनट का रहेगा। ऐसा माना जा रहा है कि पिछले सौ वर्षो में इतनी लंबी अवधि का सूर्य ग्रहण नही पड़ा है।  वह भी शनैश्चरी अमावस्या का संयोग इस इस ग्रहण को बेहद खास बनाए हुए है। साथ ही ये सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि के अपने भोग्यकाल में दो नक्षत्रो अनुराधा और ज्येष्ठा का भोग करेगा। यानि अनुराधा नक्षत्र का भोग्यकाल प्रातः 10:46 बजे तक रहेगा, जिसके उपरांत उपरान्त ज्येष्ठा नक्षत्र मे ग्रहण पडेगा। शनि से तथा कालसर्प दोष से पीड़ितों के लिये उपाय करने का बहुत ही शुभ समय है शनैश्चरी अमावस्या।
जिन लोगो की राशि पर शनिदेवता की ढैया, पनौती,  साढ़े साती, शनिकृत दशा,  महादशा चल रही है या कालसर्प दोष की पीड़ा है तो ऐसा शनैश्चरी अमावस्या ग्रहण का संयोग पीड़ित जातको के लिये बेहद खास है।  जातको को कालसर्प दोष की शांति तथा शनिकृत दोषो को पूजा तथा दान देकर शांति अनुष्ठान करा सकते हैं। 
सूर्यग्रहण से सर्वाधिक पीड़ित राशि वृश्चिक तथा वृषभ रहेगी। मिथुन, कर्क,  सिंह, कन्या के स्वामी वुध, चन्द्रमा,  सूर्य अति पीडित रहेंगे।  ऐसी स्थिति मे वृषभ,  मिथुन,  कर्क,  सिंह,  कन्या,  वृश्चिक राशि वालो को भी अनुष्ठान-पूजा-जप-होम अवश्य करानी चाहिए!
ये सूर्य ग्रहण भारत वर्ष मे दिखाई नही देगा इसलिए इसका सूतक भारत मे मान्य नही रहेगा। सभी मंदिरों-देवालयों में पूर्व की भांति पूजा-अर्चना यथावत होना मान्य रहेगा। ये खंडग्रास सूर्य ग्रहण दक्षिण अफ्रीकी देशो,  सूरीनाम, मारीशस,  नामीबिया तथा आस्ट्रेलिया मे दिखाई देगा।
 

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