August 2, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

कोयंबटूर में खास पहचान बना रहा जायसवाल समाज; भारत कला संगमम ने महज 50 परिवारों का समाज को दी बड़ी मान्यता

कोयंबटूर।
‘दक्षिण भारत का मैनचेस्टर’ कहे जाने वाले तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर में छोटे से हिंदीभाषी जायसवाल समाज ने व्यावसायिक क्षेत्र के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी अपनी खास पहचान बनाई है। तस्दीक इस बात से होती है कि कोयंबटूर की प्रतिष्ठित सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘भारत कला संगमम’ ने जायसवाल समाज को 18वें समाज के तौर पर शामिल किया है। बीते रोज हुए एक कार्यक्रम में भारत कला संगमम ने जायसवाल समाज कोयंबटूर के शीर्ष पदाधिकारियों को आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित किया। वहीं कोयंबटूर का जायसवाल समाज भी इसे एक उपलब्धि के तौर पर देख रहा है।
बीती 20 मार्च को भारत कला संगमम की एक महत्वपूर्ण बैठक में चेयरमैन श्री गुरमीत सिंह आनंद ने जायसवाल समाज कोयंबटूर के संस्थापक श्री अटल कुमार गुप्ता, अध्यक्ष श्री मंगल प्रसाद जायसवाल, संरक्षक श्री विमल जायसवाल और महामंत्री श्री संजीवन जायसवाल का शॉल पहनाकर संस्था में समाज की आगवानी की। आपको बता दें कि कोयंबटूर तमिलनाडु का एक बड़ा औद्योगिक शहर हैं जो प्रमुख तौर पर तो कपड़ा उद्योग के लिए जाना जाता है लेकिन अब ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, आईटी इंडस्ट्री, मोटरपंप उद्योग समेत कई उद्योगों का बड़ा केंद्र बन चुका है। बड़ी-बड़ी कंपनियों के बड़े-बड़े कारखाने और ऑफिस यहां हैं। जाहिर है कि औद्योगिकरण बढ़ने के साथ इस शहर की डेमोग्राफी (जनसंख्या विन्यास) भी बदली है। चेन्नई की तरह ही कोयंबटूर में भी अब देशभर से आए विभिन्न भाषाभाषी और संस्कृति के लोग खासी संख्या में हैं। ‘भारत कला संगमम’ भाषायी और सांस्कृतिक तौर पर बहुविध समाज को एक प्लेटफार्म पर लाने और स्थानीय समाज के साथ उनका सामंजस्य स्थापित करने में बहुत अहम भूमिका निभा रहा है। इस लिहाज से ‘भारत कला संगमम’ का हिस्सा बनना स्वतः इस बात का प्रमाण है कि जायसवाल समाज ने अपने व्यापार कौशल और सामाजिक व्यवहार के बल पर बहुत कम समय में इस औद्योगिक नगरी में मुख्तलिफ पहचान और प्रतिष्ठा बनाने में कामयाबी हासिल की है। 
कोयंबटूर में हिंदीभाषी जायसवाल समाज का इतिहास बहुत पुराना नहीं है। वर्तमान में यहां जायसवाल समाज के 50 परिवार रहते हैं और ये सभी विभिन्न व्यापारों से जुड़े हैं। खास बात यह है कि इनमें ज्यादातर परिवार (लगभग सभी) का मूल पूर्वी उत्तर प्रदेश में है। कुछ परिवार सीधे पूर्वी यूपी से यहां आए हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो पहले यूपी से कोलकाता में स्थापित हुए और अब वहां से अपने व्यापार लेकर कोयंबटूर आ बसे हैं। 16 वर्ष पूर्व जायसवाल समाज की स्थापना अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र प्रभारी श्री अटल कुमार गुप्ता और श्री जुग्गीलाल जायसवाल (अब स्वर्गवासी) ने की थी। श्री नंदलाल जायसवाल इसके पहले अध्यक्ष थे। वर्तमान में श्री मंगल प्रसाद जायसवाल इसके अध्यक्ष हैं। 

सबसे नया और 18वां सदस्य है जायसवाल समाज कोयंबटूर
कोयंबटूर का ‘भारत कला संगमम’ सांस्कृतिक, भाषायी और क्षेत्र के लिहाज विभिन्न समाजों के बीच एकता और सामंजस्य की स्थापना में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। वर्तमान में 18 समाजों के प्रतिनिधि संगठन इस संस्था से जुड़े हैं। जायसवाल समाज कोयंबटूर इसका सबसे नया और 18वां समाज है। इससे पहले राजस्थानी संघ, अग्रवाल समाज, महेश्वरी समाज, गुजराती समाज, कोंकणी समाज, गुरुद्वारा सिंह सभा, तेलुगु समाज, कर्नाटका एसोसिएशन, सिंधी एसोसिएशन, कारीकल समाज, बंगाली एसोसिएशन, पंजाब एसोसिएशन, केरला कल्चरल सेंटर, यूपी आदर्श समाज, मलयाली एसोसिएशन समेत 17 समाजों के प्रतिनिधि संगठन इसका हिस्सा हैं। अध्यक्ष श्री गुरमीत सिंह आनंद गुरुद्वारा सिंह सभा से हैं।
 

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