ग्वालियर।
ग्वालियर की श्रीमती रिचा शिवहरे ने भी अपने शहर को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने की जुगाड़ निकाल ली है। रिचा शिवहरे ने अपने ग्रुप के सहयोग से प्लास्टिक की खाली बोतलों और कचरे से एमएलबी कॉलेज ग्राउंड में एक जुगाड़ु बेंच का निर्माण किया है जिसका लोकार्पण बीते गुरुवार को ग्वालियर के नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन ने किया।
शहर की इस पहली जूगाडू बेंच में 200 प्लास्टिक बोतल और लगभग 100 किलो अनुपयोगी प्लास्टिक का उपयोग किया गया है। नगर निगम आयुक्त श्री माकिन ने ग्रुप के सदस्यों के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि अनुपयोगी एवं बेकार प्लास्टिक का इस प्रकार से उपयोग बहुत ही सराहनीय है, इसे हम सभी को मिलकर और सहयोग करना चाहिए।
रिचा शिवहरे ने अपनी साथी पूजा कुशवाह के साथ मिलकर दो महीने पहले ‘जुगाड़ु ग्रुप’ के नाम से एक ग्रुप बनाया था। रिचा ने शिवहरेवाणी को बताया, “जुगाड़ू ग्रुप एक पर्यावरण सुधारक ग्रुप है जिसका उद्देश्य अनुपयोगी प्लास्टिक को एकत्रित उसे समाज कल्याण में उपयोग कर सुंदर आकृति बनाना है। घरेलू प्लास्टिक से ईको ब्रिक्स बनाकर हम बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराते है एवं पर्यावरण को नुकसान से बचाते है। इको ब्रिक्स को बनाने का उद्देश्य ना सिर्फ प्लास्टिक का सदुपयोग करना है बल्कि शहर को प्रदूषण से मुक्त बनाने और कचरे में भोजन तलाशने वाले जानवरो को प्लास्टिक के सेवन से बचाना भी है जो उनके लिए जानलेवा हो सकता है।”
इसमें कोई दो राय नहीं कि प्लास्टिक कचरे ने पर्यावरण के सामने गंभीर चुनौती पेश कर दी है, और लगभग हर शहर इससे प्रभावित है। वहीं दूसरी ओर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से प्लास्टिक कचरे के रियूज और रिसाइकल की दिशा में तमाम प्रयास हो रहे हैं, और प्लास्टिक ब्रिक ने तो इस क्षेत्र में जैसे क्रांति ही ला दी है। लेकिन सिर्फ सरकारी संस्थाओं के प्रयासों से बात नहीं बनने वाली, नागरिकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे हर प्रयास में अग्रणी भूमिका निभाएं। भिंड-मुरैना संभाग के पूर्व कमिश्नर श्री अशोक शिवहरे की पुत्रवधु श्रीमती रिचा शिवहरे का प्रयास निःसंदेह प्रेरणादायी, सराहनीय और अनुकरणीय है।
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