भोपाल।
मध्य प्रदेश में तेज होतीं चुनावी सरगर्मियों के बीच कलचुरी समाज ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व से आगामी विधानसभा चुनाव में कम से कम 20 टिकटों की मांग रखी है। इस संबंध में कलचुरी कलवार समाज का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक जायसवाल (इंदौर) के नेतृत्व में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह समेत कई शीर्ष कांग्रेस नेताओं से मिलकर चार नामों की पैरवी पुरजोर तरीके से की, जिसमें सीहोर से राकेश राय, बेतूल जिले की चिचोली सीट से मनोज आर्य, उज्जैन से पाठाखेड़ा से भरत पोरवाल और मंदसौर के शामगढ़ से कमलेश जायसवाल सोनू शामिल हैं।
अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि मुलाकात बहुत अच्छी और उत्साहजनक रही। प्रदेश कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय ने उनकी बात को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि कलवार-कलवार समाज के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और जीत की प्रबंल संभावनाओं वाले प्रत्याशी टिकट से वंचित नहीं होंगे। प्रतिनिधिमंडल ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इनके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय ‘इंदिरा भवन’ में कांग्रेस मीडिया प्रभारी चंद्रप्रभास शेखर, वरिष्ठ नेता केके मिश्रा, महामंत्री एवं कार्यालय प्रभारी राजीव सिंह से भी मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष कलार-कलवार समाज के नेताओं को पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने की मांग भी की। इनमें बीना से श्री छोटेबाबू राय एवं श्रीमती शशि राय, छिंदवाड़ा से श्रीमती आशा राय, बालाघाट से श्रीमती अंजू जायसवाल जैसे कर्मठ और जुझारू कार्यकर्ताओं के नाम भी नेतृत्व को सुझाए।
अशोक जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि कांग्रेस नेतृत्व के साथ हमारा यह पहला संवाद था, आने वाले दिनों में ऐसे और समाजबंधुओं के नाम प्रस्तावित किए जाएंगे जो कांग्रेस के प्रति समर्पित कर्मठ और जुझारू कार्यकर्ता हैं और अपने क्षेत्र की जनता में लोकप्रिय भी हैं। फिलहाल जिन चार दावेदारों के नाम प्रस्तुत किए हैं, उनकी जीत का दावा प्रतिनिधिमंडल ने शीर्ष नेताओं के समक्ष किया। साफ कहा कि कांग्रेस को यदि सीहोर, चिचोली, पाठाखेड़ा और शामगढ़ सीट जीतनी है तो क्रमशः राकेश राय, मनोज आर्य, भरत पोरवाल और कमलेश जायसवाल सोनू को टिकट देना ही होगी।
आपको बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव से पहले अब तक सत्ताविरोधी माहौल देखा जा रहा है, यह कांग्रेस के लिए अच्छी बात है लेकिन टिकट के दावेदारों की बढ़ती संख्या ने नेतृत्व खासी दुविधा में डाल दिया है। लिहाजा मुलाकात के पीछे प्रतिनिधिमंडल का एक उद्देश्य टिकट के दावेदार स्वजातीय नेताओं के साथ समाज की ताकत प्रदर्शित करना भी था। प्रतिनिधिमंडल में कलार-कलवार समाज के 43 लोग शामिल थे।
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