काठमांडु।
कलवार, कलार समाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकजुट करने की अहम पहल नेपाल की राजधानी काठमांडु से हुई है। बीती चार फरवरी को काठमांडू में दोनों देशों के स्वजातीय समाजसेवियों की एक बैठक हुई जिसमें तय हुआ कि समाज की एकता के प्रयास तभी अपनी प्रासंगिकता को साबित कर पाएंगे, जब इसका सीधा लाभ निम्न एवं मध्यम वर्ग के समाजजनों तक पहुंचेगा। इस दौरान घोषणा की गई कि आगामी 2-3 अप्रैल को सिलीगुड़ी मे समाज के एक वृहद महाकुंभ का आयोजन होगा जिसमें समाजहित में महत्वपूर्ण निर्णय किए जाएंगे।
काठमांडु के होटल साल्टी के सभागृह में हुई इस बैठक के मुख्य अतिथि बिहार के उप-मुख्यमंत्री श्री तारकेश्वर प्रसाद ने कहा कि आज समाज में एकता और समरसता की महती आवश्यकता है, लिहाजा इसके और तीव्र प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने इस दिशा में राष्ट्रीय कलचुरी महासंघ की राष्ट्रीय संयोजक श्रीमती अर्चना जायसवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भारत ही नहीं, वरन अन्य देशों में समाज के वर्गो को खोज-खोजकर उन्हें कलचुरी समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का शानदार काम किया है, इस लिहाज से उन्हें समाज की “वास्को डी गामा” कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हम सभी इनकी सक्रियता को सादर नमन करते हैं।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती अर्चना जायसवाल ने बताया कि राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ के माध्यम से हमने कश्मीर से कन्याकुमारी और कटक से कामाख्या तक समाज को प्रोत्साहित किया है। हम समाज में राजनैतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, आर्थिक एवम शैक्षणिक प्रगति के साथ-साथ मुख्य रूप से सामाजिक एकता के प्रयास कर रहे हैं, जिसका लाभ छोटे एवम मध्यम वर्ग के समाजजनों को सीधा मिल रहा है।
विशिष्ट अतिथि व्याहुत कलवार संघ सिलीगुड़ी के अध्यक्ष श्री विपिन बिहारी गुप्ता (सिलीगुड़ी) ने बताया की आगामी 2-3 अप्रैल, 2022 को सिलीगुड़ी में कलवार कलार कलाल समाज का एक वृहद महाकुंभ का आयोजन किया गया है। समाज के ऐसे चिंतनशील समाजसेवियों को आमंत्रित किया जा रहा है जो सामाजिक एकता के हिमायती हैं और इसके प्रयासरत हैं। समाजसेवी समाज की एकता, प्रगति और शिक्षा के प्रयासो पर चिंतन कर महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे।
सहस्त्रबाहु और बलभद्र के बीच की कड़ी को समाज से जोड़गें
बैठक वक्ताओं ने भगवान सहस्त्रबाहु एवम भगवान बलभद्र के अस्तित्व की बात शास्त्रों से जोड़कर की। इस दौरान तय हुआ कि भगवान श्री सहस्त्रबाहु, जो सतयुग में भगवान राम से भी पहले जन्मे थे, और भगवान श्री बलभद्र, जो हजारों हजार साल के त्रेता युग के बाद द्वापर युग में जन्मे थे, के बीच की कड़ी को समाज से जोड़ने के लिए हम समाज के ही संतो के सुझाव एवं मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। इसके लिए हरिद्वार से महामंडलेश्वर श्री संतोषानंद जी, दक्षिण भारतीय संत श्री प्रणवानंद जी सहित देश के स्वजातीय संतो को आमंत्रित किया जाएगा। बताया गया कि इसके लिए महामंडलेश्वर संतोषानंद जी महाराज एवम संत प्रणवानंद जी से सहमति प्राप्त हो गई है।
इस बैठक का आयोजन नेपाल राष्ट्र कलवार समाज इकाई के पूर्व अध्यक्ष श्री राजेंद्र प्रसाद गुप्ता एवं अध्यक्ष श्री कृष्णानंद प्रसाद ने आयोजित किया। बैठक में राजेंद्र कुमार (भूटान), श्री रामेश्वर प्रसाद (काठमांडु, नेपाल), राकेश जायसवाल (मध्यप्रदेश), श्रीमती स्मृति मेवाडा (राजस्थान), भरतप्रसाद गुप्ता (सिलीगुड़ी, असम), देवनाथ प्रसाद (सिलीगुड़ी), डा परमानंद चौधरी (काठमांडु, नेपाल), दिलीप गुप्ता, पवन कलवार, राजीव गुप्ता, महेंद्र गुप्ता, रामचंद्र प्रसाद (सभी काठमांडु, नेपाल) सहित भारत व नेपाल के कलवार कलार कलाल समाज के लगभग एक सैकड़ा डेलीगेट्स ने हिस्सा लिया। आभार कृष्णा प्रसाद ने किया। संचालन राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने किया।
बैठक के पश्चात सभी अतिथियों ने मनोज गुप्ता के सहयोग से भगवान पशुपति नाथ के दर्शन करके आशीर्वाद लाभ प्राप्त किया।
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