मैंगलोर।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत नौसेना के मार्चिंग दल का नेतृत्व करेंगी। दक्षिण भारत के कलवार समाज ने अपनी बेटी की इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को शिवहरेवाणी के साथ साझा किया है। आज ‘बालिका दिवस’ पर समाजबंधुओं ने लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत के पिता श्री अमृत कुमार कुद्रोली को बधाई दी है।
आपको बता दें कि दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ को हाल ही में कर्तव्य पथ में तब्दील कर दिया गया है। और कर्तव् पथ बनने के बाद गणतंत्र दिवस की पहली परेड होगी। गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनना हर जवान के लिए गौरव की बात होती है। इस बार परेड में नारी शक्ति का प्रदर्शन होगा, और इसके लिए दिशा अमृत को नौसेना के मार्चिंग दल का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है।
29 वर्षीय दिशा अमृत मैंगलोर के तिलक नगर निवासी श्री अमृत कुमार कुद्रोली और श्रीमती लीला अमृत की बेटी हैं। कर्नाटक के कलवार समाज के बिल्लवा उपवर्ग से ताल्लुक रखने वाले श्री अमृत कुमार ने बताया कि बेटी बचपन से सेना की अधिकारी बनना चाहती थी, इसी इरादे से उसने आठवीं कक्षा में ही एनसीसी ज्वाइन कर ली थी। खास बात यह है कि स्कूल में पढ़ाई के दौरान 2008 में दिशा अमृत को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए चुना गया था।
दिशा अमृत ने प्राइमरी से पीयूसी (प्रि-यूनीवर्सिटी कोर्स, जो कर्नाटक में 12वीं कक्षा होती है) तक की पढ़ाई मैंगलोर के केनरा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से की। चूंकि केनरा इंस्टीट्यूट में एनसीसी का विकल्प नहीं था, लिहाजा एलॉयसिस यूनिट से एनसीसी का प्रशिक्षण प्राप्त करती रही। बाद में, दिशा अमृत ने बैंगलोर के बीएमएस एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से बीई (कंप्यूटर साइंस) की पढ़ाई की। जिसके बाद कैंपस रिक्रूटमेंट के जरिये उसका चयन एक सॉफ्टवेयर कंपनी में हो गया जहां उसने करीब डेढ़ वर्ष नौकरी की। इन सबके साथ दिशा नौसेना में जाने के अपने सपने का पीछा करती रही। इंजीनियरिंग करने के दौरान से वही वह नौसेना की चयन परीक्षाएं दे रही और चार बार नाकाम होने के बाद भी कोशिश नहीं छोड़ी। 2016 में अंततः कामयाबी मिल ही गई। दिशा को नौसेना में एविएशन स्पेशलाइजेशन ऑब्जर्वर के नियुक्ति मिल गई। एक साल के प्रशिक्षण के बाद 2017 में दिशा अमृत को अंडमान-निकोबार में तैनाती मिली, तब से वहीं तैनात हैं। लेफ्टिनेंट कमांड दिशा अमृत वर्तमान में नौसेना की वायु संचालन अधिकारी हैं। 26 जनवरी की परेड के लिए दिशा का चयन 9 और 10 नवंबर को आयोजित प्रक्रिया के माध्यम से हुआ है और 18 नवंबर से इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लेफ्टिनेंट दिशा अमृत नौसेना के 144 युवा नाविकों के दल का नेतृत्व करेंगी।
लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत का कहना है कि 2008 में जब एनसीसी कैडेट के तौर पर नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया था, तभी निश्चय कर लिया था कि एक दिन गणतंत्र दिवस पर होने वाली सशस्त्र बल की परेड का हिस्सा भी बनना है। उन्होंने कहा कि नौसेना ने मुझे गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व करने का अदभुत अवसर प्रदान किया है। खास बात यह है कि दिशा अमृत एक महिला अधिकारी के रूप में नहीं, वरन एक कुशल अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहती थीं। उनका कहना है कि मैं अपने पुरुष समकक्षों के बराबर हूं और यह मैंने साबित कर दिया है। दिशा अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पिता को देती हैं जो अनुशासन पसंद व्यक्ति हैं और अपने बच्चों के दिमाग में देशभक्ति का जज्बा पैदा किया। दिशा की बड़ी बहन ज्योत्सना को भी प्रेरणास्रोत मानती हैं जिन्होंने सेना में भर्ती के लिए दो बार एग्जाम दिया था।
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