आगरा।
महादेव का प्रिय महीना सावन शुरू हो चुका है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे भक्ति भाव से भोलेनाथ की पूजा करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भगवान जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करने से भोलेभंडारी खुश होते हैं। और, भोले को उनकी प्रिय वस्तु अर्पित कर दें तो वह आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। आज जानते हैं उन पुष्पों के बारे में जिन्हें पूजा में चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों को वरदान प्रदान करते हैः-
अकौआ के फूल
सबसे पहले मदार के फूलों की बात। मदार को नीला या सफेद अकौआ भी कहते हैं। भगवान शिव को सफेद रंग सबसे पसंद है, इसलिए उनकी पूजा में सफेद अकउआ के फूल अवश्य चढ़ाएं। चढ़ाना चाहिए। इसे अकाव, आंकड़ा और अर्क नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ को सावन के महीने में ये फूल अर्पित करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कनेर के फूल
कनेर के फूल को संस्कृत में करवीर पुष्पं भी कहते हैं। ये कई रंगों में पाए जाते हैं। वैसे तो कनेर के पुष्प सभी देवी-देवताओं को प्रिय हैं, लेकिन भगवान शिव को विशेष प्रिय हैं। शिवलिंग पर कनेर का फूल अर्पित करने से वैभव बढ़ता है, घर में दरिद्रता नहीं आती। सावन के महीने में ये बहुत सुलभ होते हैं।
चमेली के फूल
मखमल की तरह सफेद चमेली के सुंदर और खुश्बूदार फूल भगवान शिव को अति प्रिय हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को चमेली के फूल चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। अभिषेक के समय चमेली चढ़ाने से भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं और भक्तों को वाहन सुख की कृपा प्रदान करते हैं। चमेली को जूही भी कहा जाता है।
बेला के फूल
बेला के सुंगन्धित तथा श्वेतवर्णी पुष्पों का प्रयोग माला बनाने के लिए किया जाता है। और, सावन के महीने में भगवान शिव पर बेला के पुष्प चढ़ाने से विवाह संबंधी परेशानियां दूर होती हैं, विवाह में आ रही सभी प्रकार की रुकावटें समाप्त हो जाती हैं। अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए बेला का फूल शिव जी को चढ़ाएं। वैवाहित लोग सावन में भोलेनाथ पर बेला के पुष्प चढ़ाते हैं तो इससे उनका वैवाहिक जीवन खुशियों से भरपूर रहता है।
कमल
धन की देवी माता लक्ष्मी का सिंहासन कमल का फूल सावन के महीने में भोलेनाथ को अवश्य अर्पित करें। हालांकि शहरों में इसका नियमित मिल पाना दुर्लभ हो गया है। कमल के फूल कई रंगों के होते हैं लेकिन भगवान शिव को तो अपना प्रिय रंग ही पसंद है, यानी महादेव की पूजा में सफेद कमल चढ़ाना अति उत्तम होता है। इससे भक्तों के आर्थिक संकट दूर होते हैं। वैसे धन लाभ के लिए भोलेनाथ पर शंखपुष्पी और विल्वपत्र चढ़ाना भी अत्यंत लाभकारी होता है।
आगस्तय
आगस्तय को हम गाछ मूंगा के नाम से भी जानते हैं। सावन के महीने में भोलेनाथ पर आगस्तय का फूल अर्पित करने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है, यश-कीर्ति में वृद्धि होती है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार अगस्त्य मुनि ने इस फूल के पेड़ के नीचे तपस्या की थी, इसलिए इसका नाम अगस्त्य पड़ा। सावन में इसका मिल पाना दुर्लभ हो जाता है।
धतूरे के फूल
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ने समुद्र मंथन में निकले विष का पान कर लिया था, जिसके बाद उनकी छाती से धतूरे का पुष्प प्रकट हुआ था। कहते हैं धतूरा (फल) और धतूरे के फूल भगवान शिव जी की पूजा में शामिल करने से ईर्ष्या की भावना खत्म हो जाती हैं। सावन के महीने में शिवलिंग पर धतूरे का पुष्प अर्पित करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
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