आगरा।
खुशी और समृद्धि के प्रतीक मकर संक्रांति का पावन पर्व शिवहरे समाज की महिलाओं ने राधाकृष्ण मंदिर में धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर देवी मां को नई पोशाक भेंट की और खिचड़ी का वितरण कराया।
बता दें कि मकर संक्रांति के साथ ही रात छोटी और दिन बड़े होने शुरू हो गए हैं। दिन बड़ा होने से सूर्य की रोशनी अधिक रहेगी और रात छोटी होने से अंधकार कम होगा। इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य के राशि परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। जाहिर है कि प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतनता एवं कार्य शक्ति में वृद्धि होगी। एक खास बात यह भी है कि सामान्यतः भारतीय पंचांग पद्यति की समस्त तिथियां चंद्रमा की गति को आधार मानकर निर्धारित की जाती हैं लेकिन मकर संक्रांति एकमात्र पर्व है जो सूर्य की गति से निर्धारित होता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, इसलिए भी इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा के प्रतीक चावल और शनि की प्रतीक काली उड़द की दाल की खिचड़ी दान की जाती है जिसके पीछे माना जाता है कि यह कुंडली में ग्रहों की स्थिति को मजबूती प्रदान करती है।
इसी धार्मिक आस्था के साथ शिवहरे महिलाओं ने उत्तरायण सूर्य के पर्व मकर संक्रांति पर राधाकृष्ण मंदिर में खिचड़ी वितरण कार्यक्रम कराया। इससे पूर्व मंदिर में देवी मां को नई पोशाक भी भेंट की गई। कार्यक्रम में रितु गुप्ता, रजनी गुप्ता, नीमा गुप्ता, रिंकी गुप्ता, दीपा गुप्ता, पायल गुप्ता एवं शारदा गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
Leave feedback about this