बंगलौर।
कलबुर्गी स्थित ब्रह्मश्री नरायाण गुरु शक्तिपीठ के पीठाधीश स्वामी श्री प्रवणानंदजी के नेतृत्व में कर्नाटक के कलवार समाज (एडिगा, बिल्लवा, एजवा, गुट्टेदार, नामधारी, नाडर समेत 26 उपवर्ग) की पदयात्रा मंगलवार 14 फरवरी को अपने आखिरी मुकाम बंगलौर के फ्रीडम पार्क पहुंच जाएगी जहां स्वामी श्री प्रवणानंदजी समाज की 10 मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।
ब्रहमर्षि नारायण गुरु शक्तिपीठ के पीठाधीश श्री प्रवणानंद स्वामी के नेतृत्व में कर्नाटक के कलवार समाज (एडिगा, बिल्लवा, एजवा, गुट्टेदार, नामधारी, नाडर समेत 26 उपवर्ग) की यह पदयात्रा 6 जनवरी को मंगलुरु के कुदरौली मंदिर से रवाना हुई थी। यह यात्रा दक्षिण कन्नड, उडुपी, उत्तर कन्नड, शिमोगा देवांगिरि, चित्तदुर्ग, तुमकुर होते हुए नेलमंगला पहुंच गई है, जहां से बंगलौर का फ्रीडम पार्क मात्र 28 किलोमीटर की दूर है। पदयात्रा में तुमकुर जिले के इडिगा संघ के महासचिव जेपी शिवन्ना, मंचेगौड़ा, संतोष, जनार्दन, नागराज नाइक, शिवकुमार दासरहाल्ली समेत कई सदस्य व पदाधिकारी यात्रा में शामिल हो गए। इस बीच एक यात्रा में शामिल सभी वर्गों की ओर से प्रेस को एक संयुक्त बयान जारी कर बताया है कि मैसूर, शिमोगा, चिंचोली, चित्तपुरा, चिकमंगलूर, हवेरी, धारवाड़, कलबुर्गी, अलांदा, बीदर, यदगिरि रायचुर, हुंसागी समेत पूरे प्रदेशभर से हजारों लोग ट्रेन, बस या अन्य वाहनों से बंगलुरु पहुंच रहे हैं। सुबह नौ बजे ये लोग यशवंतपुर रेलवे स्टेशन के निकट एकत्र होंगे और यहां से पूज्य श्री प्रवणानंद स्वामी के नेतृत्व में पदयात्रा में शामिल होंगे। यात्रा दोपहर 12 बजे फ्रीडम पार्क पहुंचेगी जहां इस यात्रा का समापन समारोह होगा और श्री प्रवणानंद स्वामी समाज की दस मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू करेंगे।
बयान में कर्नाटक सरकार को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने कलाल समाज के 26 उपवर्गो के कष्टों की बहुत अनदेखी की है जिसने पिछड़े समुदाय के हजारों लोगों को सड़क पर उतरने के लिए बाध्य किया है। समुदाय के सात विधायकों, जिनमें दो मंत्री हैं, ने इस पूरे मामले में चुप्पी साधने का अक्षम्य अपराध किया है। बयान में कहा गया है कि माननीय मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को तत्काल प्रभाव से सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत करे श्री प्रवणानंद स्वामी को उनकी मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन दे, तभी हम पीछे हटेंगे।
स्वामी श्री श्री प्रणवानंदजी की प्रमुख मांगेः-
• ब्रह्मश्री नारायण गुरु निगम का गठन किया जाए जिसके बाद सरकार की ओर से इसे 500 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाए।
• प्रदेश में ताड़ी दोहन के व्यवसाय को अनुमति दी जाए, जोकि बिल्लवा, एडिगा और नामधारी समुदायों का पैतृक व्यवसाय है।
• सरकार एडिगा समुदाय द्वारा संचालित सिंगदूर चौदेश्वरी मंदिर की प्रशासन समिति के उत्पीड़न पर रोक लगाए। (आरोप है कि सरकार इस मंदिर के प्रबंधन को उच्च जातियों के हवाले करने का षडयंत्र रच रही है।)
• प्रदेश के प्रमुख केंद्रों और हर जिले में बिल्लवा समुदाय के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण शुरू करे।
• आगामी विधानसभा चुनाव में दक्षिण कन्नड, उत्तर कन्नड, उडुपी, शिवमोगा जैसे तटीय जिलों में एडिगा, बिल्लवा, नामधारी समुदाय के लिए 14 सीटें आरक्षित की जाएं।
• बिल्लवा समुदाय का रिजर्वेशन कोटा बढ़ाया जाए। एक व्यापक सर्वे कराकर बिल्लवा समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। इससे पूरे समुदाय के राजनीतिक प्रतिनिधित्व में भी वृद्धि होगी।
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