November 22, 2024
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बुरहानपुर में बन रहा है एक और ‘ताजमहल’, पत्नी को भवन भेंट करेंगे शिक्षाविद आनंद चौकसे

by Som Sahu November 20, 2017  घटनाक्रम 623

  • मैक्रोविजन स्कूल के परिसर में तैयार हो रही है ताजमहल की प्रतिकृति, घर में परिवार के साथ रहेंगे आनंद चौकसे
  • 150 इंजीनियर और मजदूर लगे हैं निर्माण हैं, छह महीने में बनकर तैयार हो जाएगा आलीशान भवन

शिवहरे वाणी नेटवर्क

बुरहानपुर

आगरा में शाहजहां-मुमताज के प्रेम  की निशानी ताजमहल भले ही दुबारा नहीं बनाया जा सकता, लेकिन प्रेम की अभिव्यक्ति अपनी-अपनी तरह से होती रही है, और होती रहेगी। ताजा मामला बुरहानपुर से जु़ड़ा है जहां मुमताज महल का मकबरा है और कहते हैं कि ताप्ती किनारे स्थित मिट्टी में दीमक नहीं होती तो ताजमहल आगरा में नहींबल्कि बुरहानपुर में ही होता। फिलहालबुरहानपुर के जाने-माने शिक्षाविद् और मैक्रोविजन स्कूल के संचालक  आनंद चौकसे अपनी पत्नी श्रीमती मंजूषा को एक ऐसा मकान भेंट करने वाले हैं जिसकी आकृति हू-ब-हू आगरा के ताजमहल की तरह होगी।

इस प्रतीकात्मक ताजमहल के अंदर मकान की तरह ही हाॅल, बैडरूम, किचन सहित अन्य जरूरी सुविधा जुटाई जाएगी। मकान में आनंद चौकसे, उनकी पत्नी मंजूषा और बच्चे साथ रहेंगे। दरअसल आनंद चौकसे एक बार अपनी पत्नी के साथ ताजमहल देखने गए थे और तभी उन्होने पत्नी के लिए एक ताज बनाने  की बात मन में ठान ली थी।  अब इस पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने मकान में ताज का आंतरिक स्ट्रक्चर बुरहानपुर, जलगांव, नासिक, पूना और इंदौर के इंजीनियरो से तैयार कराया है। खास बात यह है कि इसका डिजायन तैयार करने में ही इंजीनियरों को तीन महीने का वक्त लग गया। जैसा कि इंजीनियर प्रवीण चौकसे बताते हैं, नेट से हमने जानकारी जुटाई और आगरा जाकर भी ताजमहल की नक्काशियों को देखा।

मेक्रोविजन स्कूल परिसर की 6500 हजार वर्गफीट में यह ताज और गार्डन होगा। सीमेंट कांक्रीट का आंतरिक स्ट्रक्चर मजदूरों ने तैयार कर लिया है। ताज जैसा स्वरूप देने के लिए बंगाल, राजस्थान, बंगाल, इंदौर के इंजीनियर नक्काशी का काम कर रहे हैं। जमीन और अंदर के हिस्से में वियतनाम मार्बल, कोरियन स्टोन, मकराना मार्बल लगाए जाएंगे। भवन के ऊपर बाकायदा गुंबद और बाहर चार-चार मीनार बनाई जाएंगी। प्रतीकात्मक ताज के चारों ओर गार्डन तैयार किया जाएगा। इसका निर्माण कार्य करीब 9 माह से चल रहा है। 150 इंजीनियर, मजदूर लगे हुए हैं। इसे पूरा होने में अभी छह माह का समय और लग सकता है। इंजीनियर निर्माण की लागत का आकलन नहीं कर पाए। इंजीनियर का कहना है पूरा होने के बाद ही उसकी लागत बता पाएंगे। फिलहाल आनंद चौकसे का यह प्रोजेक्ट अब मीडिया में भी छाने लगा है।

बुरहानपुर में मैक्रोविजन एकेडमी के संचालक श्री आनंद प्रकाश चौकसे जाने-माने शिक्षाविद हैं और हाल ही में मल्टीनेशनल कंपनी एप्पल ने उन्हें दिल्ली और हैदराबाद में अपना मुख्य वक्ता नियुक्त किया था। इसके अलावा वह बुरहानपुर में कलचुरी समाज के अध्यक्ष भी हैं। आनंद चौकसे की सोच है कि बुरहानपुर शाहजहां-मुमताज से पहचाना जाता है। 14वीं संतान के जन्म समय मुमताज ने यहीं दम तोड़ा था। इनके शव को छह माह तक संजोकर रखा गया था। यमुना किनारे आगरा में ताज बनने पर शव ले जाया गया था लेकिन यहां ताज नहीं होने से उनकी एक याद बनकर रह गई थी। इसे ताजा करने और यादगार बनाने के लिए ताज का प्रतीक बना रहे हैं। चौकसे की स्कूल में पढ़ाई कर रहे देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों के परिजन जब बच्चों से मिलने आते हैं तो वे ताज, मुमताज और शाहजहां का जिक्र जरूर करते हैं। यह इमारत मेहमानों के लिए भी पर्यटन स्थल की तरह रहेगी।

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