November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

भक्ति में शक्ति: 3200 किमी साइकिल चलाकर खाटू श्याम पहुंचे सीहोर के सचिन चेतन गुप्ता (शिवहरे); व्यापार छोड़ खाटू श्याम को समर्पित किया जीवन, अब भजन सिंगर की ख्याति

सीकर/सीहोर/आगरा। 
राजस्थान के सीकर में खाटू श्याम मंदिर यूं तो रोज हजारों लोग आते हैं, लेकिन कुछ लोग भक्ति की ऐसी छाप छोड़ देते हैं जिसके चर्चे हो ही जाते हैं। इन दिनों चर्चा है एक ऐसे भक्त का जो कन्याकुमारी से निशान (झंडा) लेकर 3200 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर 27 दिनों में खाटू श्याम मंदिर पहुंचा और भगवान को निशान अर्पित किया। यह हैं सीहोर (मध्य प्रदेश) के सचिन चेतन गुप्ता (शिवहरे)।
सचिन चेतन गुप्ता बीती 18 जुलाई को कन्याकुमारी से चले थे और औसतन 120 किलोमीटर प्रतिदिन साइकिल चलाते हुए बीते 15 अगस्त को रिंगस पहुंचे और वहां से निशान यात्रा निकालते हुए खाटू श्याम मंदिर गए। यहां उनका पूरा परिवार और रिश्तेदार-मित्र भी उनके साथ थे। सचिन चेतन गुप्ता ने 27 दिन की यात्रा में केवल एक दिन का विश्राम बंगलुरू में और एक दिन का विश्राम जयपुर में लिया था। सचिन चेतन गुप्ता के बारे में बता दें कि कुछ वर्ष पहले तक सीहोर के मुख्य बाजार में उनकी मोबाइल की दुकान थी। अच्छी दुकानदारी थी, परिवार भी ठीकठाक चल रहा था। बचपन से गायकी का शौकीन सचिन चेतन गुप्ता तो कुछ वर्ष पहले कहीं से ऐसी प्रेरणा मिली कि उन्होंने अपना जीवन खाटू श्याम के हवाले कर दिया। अच्छी खासी चलती दुकान बंद कर दी और खाटू श्याम के भजन गाने लगे। आज वह एक खाटू श्याम के भजन गाने वाले सिंगर के रूप में प्रतिष्ठित हैं। खाटू श्यामजी के भजन गाते हैं, जागरण करते हैं। अब तक नेपाल, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश में विभिन्न जगहों पर 250-300 प्रोग्राम कर चुके हैं। 
सचिन चेतन गुप्ता ने शिवहरेवाणी को बताया कि वह अपने जीवन को खाटू श्याम की कृपा मानते हैं, उन्हीं की वजह से जीवन चल रहा है, उन्हीं के भजन गाते हैं। खास बात यह है कि सचिन चेतन गुप्ता ज्यादातर अपने लिखे भजन और गाने ही गाते हैं। वह अपने लेखन और गायन को खाटू श्यामजी की महिमा मानते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने जन कल्याण की भावना के साथ बीती 18 जुलाई को अपने तीन अन्य मित्रों उमेश चावड़ा, दीपेश राठौर और हर्ष राठौर के साथ कन्याकुमारी से अपनी साइकिल यात्रा शुरू की थी। नागपुर में उनका छोटा भाई सुमित गुप्ता भी उनके साथ हो लिया। वह रोज सुबह साइकिल से निकलते और शाम तक अपने अगले मुकाम पर पहुंचकर रात्रि विश्राम करते, फिर अगली सुबह वही क्रम शुरू हो जाता था। रिंगस से खाटू श्याम तक आखिरी करीब 15 किलोमीटर की दूरी निशान यात्रा के रूप में तय की। रिंगस से उनके साथ उनके पिता महेश गुप्ता, माताजी श्रीमती साधना गुप्ता, पत्नी शिखा, बेटी अभिती, पुत्र आदित्य, दोनों भाई सुमित और दीपेश समेत कई परिवारीजन और रिश्तेदार भी आ पहुंचे थे। शिवहरेवाणी से बातचीत में सचिन चेतन गुप्ता ने बताया कि वह अपने वर्तमान से पूरी तरह संतुष्ट हैं, और अपना आगे का भी जीवन भी यूं ही खाटू श्यामजी की महिमा का गुणगान करते हुए बिताना चाहते हैं। 
सचिन चेतन गुप्ता का आगरा से भी निकट का रिश्ता है। उनकी पत्नी श्रीमती शिखा गुप्ता की ननिहाल आगरा में हल्का मदन, नाई की मंडी में हैं। यहां रहने वाले राजीव शिवहरे राजू उनके मामा हैं, स्व. श्री मानिकचंद शिवहरे उनके नानाजी थे। राजीव शिवहरे ‘राजू’ भी अपने परिवार के साथ निशान यात्रा में शामिल हुए थे।

 

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