नई दिल्ली।
गंगा किनारे बसे शहरों में बनारस को स्वच्छता सर्वेक्षण में पहला स्थान मिला है। इस उपलब्धि पर शनिवार 20 नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वाराणसी की मेयर श्रीमती मृदुला जायसवाल को प्रशस्ति पत्र और ट्राफी देकर सम्मानित किया है। इस उपलब्धि के लिए यूपी के नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन और वाराणसी के नगर आयुक्त श्री प्रणय सिंह को भी सम्मानित किया गया।
भारत सरकार के शहरी एवं आवास विकास मंत्रालय देश भर के गंगा किनारे बसे 150 ऐसे शहरों का सर्वेक्षण कराया था, जिनकी जनसंख्या एक लाख से अधिक है। इस सर्वेक्षण में घाटों के पास एवं नदी किनारे खुले स्थानों पर कूड़े की स्थिति, नदी में कचरा, घाट एवं उसके आसपास सफाई के लिए जागरूकता और पॉलीबैग के इस्तेमाल पर रोक के बिंदुओं को केंद्र में रखा गया था।
बता दें कि श्रीमती मृदुला जायसवाल ने मेयर बनने के बाद से वाराणसी में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया है। उनकी छवि एक बहुत सक्रिय और सफल महापौर की है। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी की नगरीय व्यवस्थाओं को संभालना उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी, जिसमें वह सफल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी काशी को क्योटो बनाने की बात कही थी लेकिन मृदुला जायसवाल ने मेयर बनने के बाद मीडिया से साफ कह दिया था कि वाराणसी की प्राचीनता को बनाए रखते हुए ही इसे संवारना है, काशी को क्योटो नहीं बनाना है।
मृदुला जायसवाल पूर्व सांसद स्व. शंकर प्रसाद जायसवाल की पुत्रवधु हैं। उनके पति श्री ऱाधाकृष्ण जायसवाल आटोमोबाइल कारोबारी हैं। रसायन विज्ञान से स्नातकोत्तर 41 वर्षीय मृदुला जायसवाल मेयर बनने के पहले से विश्व हिंदू परिषद में महर्षि वाल्मीकि सेवा संस्था, नौगढ़ और संघ में महिला वाहिनी से जुड़ी रही हैं। साथ ही जिला उद्योग व्यापार मंडल, रोटरी क्लब, इनरव्हील क्लब और कई अन्य सामाजिक संगठनों से भी जुड़ी रही हैं।
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