आगरा।
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के हर खिलाड़ी पर हमें गर्व है। और, कई गोल बचाकर देश को कांस्य दिलाने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले कुशल गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश पर इस नाते भी फख्र कर सकते हैं कि वह कलार हैं। जी हां, पाली (राजस्थान) के वरिष्ठ समाजसेवी श्री सीएल सिसोदियाजी के सहयोग से शिवहरेवाणी ने अपनी पड़ताल में श्रीजेश के कलार होने की बात पूरी तरह सत्य पाया है और केरल के कलार समाज ने भी इसकी पुष्टी की है। केरल के इडुक्की श्री पविश ने शिवहरेवाणी को बताया है कि पी.आर. श्रीजेश एजवा कम्युनिटी से हैं जो दक्षिण भारतीय कलार समाज का एक प्रमुख वर्ग है।
बता दें कि समाज के व्हाट्सएप ग्रुपों में श्रीजेश के कलार होने के मैसेज चलने के बाद शिवहरेवाणी ने इसकी हकीकत जानने का प्रयास किया था। पी.आर. श्रीजेश केरल में एर्नाकुलम जिले के किझाक्कमबलम गांव के रहने वाले हैं। महज 23 हजार की आबादी वाले इस गांव में ईसाई बहुलता में हैं। शिवहरेवाणी को पहले अपने सूत्रों से पता चला कि श्रीजेश हिंदू हैं लेकिन इस गांव में कलार समाज की मौजूदगी नहीं है। इसके बाद शिवहरेवाणी ने समाचार भी प्रकाशित कर दिया था।
हम आभारी हैं राजस्थान के कलार समाज के प्रमुख समाजसेवी श्री सीएल सिसोदियाजी के, जिन्होंने शिवहरेवाणी से बात कर श्रीजेश के कलार होने की बात को सत्य बताते आंध्र प्रदेश के युवा सामाजिक कार्यकर्ता श्री प्रकाश गौड़ाजी और केरल के श्री पविशजी के मोबाइल नंबर हमें दिए। शिवहरेवाणी ने इन नंबरों पर बात की। श्री प्रकाश गौड़ा दक्षिण भारत में कलार समाज के बहुत सक्रिय कार्यकर्ता हैं, उन्होंने कहा कि श्रीजेश एजवा (कलार) कम्युनिटी के हैं, और उन्हें यह जानकारी काफी पहले से है।
वहीं केरल में एर्नाकुलम से महज 100 किलोमीटर दूर इडुक्की शहर के रहने वाले कलार समाज के सामाजिक कार्यकर्ता श्री पविश ने भी शिवहरेवाणी से बातचीत मे श्रीजेश के एजवा (कलार) होने की पुष्टी की है। उन्होंने बताया कि कई सामाजिक कार्यक्रमों में वह श्रीजेश के परिवारवालों और रिश्तेदारों से मिल चुके हैं। पीआर श्रीजेश का पूरा नाम परात्तू रवींद्रन श्रीजेश है। उनके पिता पीवी रवींद्रन पेशे से किसान हैं, मां श्रीमती ऊषा गृहणी है। 33 वर्षीय श्रीजेश ने पूर्व लांग जंप एथलीट अनीसिया से विवाह किया है जो पेशे से आयुर्वेद चिकित्सक भी हैं। दोनों की सात साल की बेटी अनुश्री और चार साल का बेटा श्रेयांश है।
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