आगरा।
आगरा में शिवहरे समाज की धरोहर राधाकृष्ण मंदिर में मध्यरात्रि को कृष्ण जन्म के बाद का नजारा देखते ही बन रहा था। मंदिर में ठाकुरजी के जन्म के उपलक्ष्य में टॉफियां लुटाई जा रही थीं, जिन्हें लूटने के लिए बच्चे तो बच्चे, बड़े-बूढ़े भी पीछे नजर नहीं आए। फूलों की घाटी में तब्दील हुआ राधाकृष्ण मंदिर परिसर रात करीब सवा बजे तक कृष्ण-प्रेमियों से आबाद रहा।
इससे पूर्व शाम से ही मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए भक्तों का आना शुरू हो गया। इस दौरान मंदिर परिसर मे गेंद की गोलाई में बहते फव्वारे (फाउंटेन बॉल) के खूबसूरत नजारे और रंगीन लाइटों में जगमगाते फूल यहां आने वालों के लिए सेल्फी प्वाइंट बन गए। लेकिन, इन सब पर हावी रहा ठाकुरजी (राधा-कृष्ण) का श्रृंगार जो रानी और नीले रंग की पोशाक में अपने भक्तों का मन मोह रहे थे। भक्तों के बीच राधाकृष्ण के साथ सेल्फी लेने की होड़ लग गई। दुर्गा मां ने भी रानी और नीले वस्त्र धारण किए थे, जबकि राम दरबार में राम परिवार क्रीम और लाल रंग की पोशाक में मनोहारी दर्शन प्रदान कर रहे थे। भाजपा के प्रदेश मंत्री श्री विजय शिवहरे ने अपने पुत्र श्री उमंग शिवहरे और युवा भाजपा प्रभारी श्री नीतेश शिवहरे के साथ भगवान के दर्शन किए और भगवान श्रृंगार, मंदिर की सजावट तथा सुव्यवस्थित इंतजामों के लिए मंदिर समिति की सराहना की। दाऊजी मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री बिजनेश शिवहरे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री आशीष शिवहरे (जिज्ञासा पैलेस) ने भी राधाकृष्ण मंदिर में झांकियों के दर्शन किए। इस दौरान राधाकृष्ण मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अरविंद शिवहरे, श्री मुकुंद शिवहरे और श्री कुलभूषण गुप्ता राम भाई ने दाऊजी मंदिर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री बिजनेश शिवहरे का माला पहनाकर स्वागत किया।
रात नौ बजे से भजन संध्या शुरू हुई जिसमें राधाकृष्ण मंदिर महिला समिति की सदस्यों ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए। भजनों की स्वर लहरियों और ढोलक की थाप ने वहां मौजूद लोगों को भक्तिभाव से सराबोर कर दिया। रात 11.30 बजे प्रतिष्ठित कथावाचक एवं भागवत-मर्मज्ञ पंडित अनिल चतुर्वेदी शास्त्री ने अपनी पीठ संभाली और मंत्रोच्चार के साथ पूरे विधिविधान से भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजन कराया।
मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अरविंद गुप्ता के साथ महासचिव श्री मुकुंद शिवहरे, कोषाध्यक्ष श्री कुलभूषण गुप्ता ‘रामभाई’ और मीडिया प्रभारी श्री सोम साहू (शिवहरेवाणी) ने गर्भगृह में भगवान का अभिषेक कराया। महाआरती के बाद पंडितजी ने टॉफियो के डिब्बे खोलकर भक्तों की ओर टॉफियां उछालीं, तो लोगों ने लड्डूगोपाल के प्रसाद स्वरूप टॉफियों को पकड़ने की होड़ लग गई। बच्चे तो बच्चे, बड़े-बूढ़े भी डायबिटीज की चिंता छोड़ लड्डगोपाल की टॉफियों पाने की कोशिश करते नजर आए। अर्धरात्रि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद लोगों ने फूलों से सजे हिंडोले में विराजमान लड्डूगोपालजी को झूला झुलाया। इसके साथ ही प्रसाद वितरण का कार्य शुरू हुआ जो देर रात सवा बजे तक चला। रात एक बजे तक प्रसाद के लिए लंबी कतारें लगी रहीं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अरविंद गुप्ता के मार्गदर्शन में श्री अशोक शिवहरे ‘अस्सो भाई’, श्री मुकुंद शिवहरे, श्री कुलभूषण गुप्ता ‘राम भाई’, सचिव श्री धीरज शिवहरे, सह-उपाध्यक्ष श्री ऋषिरंजन शिवहरे, वरिष्ठ सदस्य श्री संजय शिवहरे, श्री रामगोपाल गुप्ता, श्री जगदीशचंद्र शिवहरे, श्री राजेंद्र गुप्ता ‘मास्टर साहब’, श्री मनोज शिवहरे (दयालबाग), श्री अनूप शिवहरे, श्री उदय शिवहरे का विशेष योगदान रहा।
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