वाराणसी।
योगी सरकार में स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल एक बार फिर विधायक के रूप में मिलने वाला अपना वेतन जनता के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने सचिवालय प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर विधायक के रूप में मिलने वाले अपने वेतन की संपूर्ण धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की है।
बता दें कि रविंद्र जायसवाल वाराणसी उत्तर विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं, और प्रदेश सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्होंने 16वीं विधानसभा (2012-2017) और 17वीं विधानसभा (2017-2022) में भी विधायक रहने के दौरान अपना पूरा वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया था। बता दें कि रविंद्र जायसवाल के पिता रामशंकर जायसवाल संघ (आरएसएस) के कार्यसेवक थे। रविंद्र जायसवाल के राजनीति में आने से पहले उनके पिता ने उनसे वादा लिया था कि राजनीति का पैसा कभी घर मत लाना। इसलिए उन्होंने आज तक सैलरी का एक पैसा भी घर पर खर्च नहीं किया है।
रविंद्र जायसवाल की पत्नी अंजू जयसवाल ने बताया, ये फख्र की बात है कि मेरे पति कभी अपनी सैलरी का एक भी पैसा घर नहीं लाए। डिग्री कॉलेज की कमाई से उनका परिवार चलता है। रविंद्र जायसवाल का कहना है कि उन्हें निजी खर्चे चलाने के लिए किसी भी प्रकार के अतिरिक्त धन की आवश्यकता नहीं है। जनसेवा कार्यों से उन्हें जो अनुभूति होती है वह सरकारी वेतन के रूप में मिलने वाले धन से कहीं अधिक आत्मसंतुष्टि प्रदान करता है। रविंद्र जायसवाल ने अपनी विधायक निधि क्षेत्र में तमाम विकास कार्य कराए और कोविड काल में उन्होंने विधायक निधि से राजकीय आयुर्वेद कालेज की स्थापना कराई, एफएचएनसी मशीनें, ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे ताकि क्षेत्र की जनता की मदद हो सके।
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