आगरा।
समाचार बहुत दुखद है। दयालबाग निवासी श्री अनिल कुमार शिवहरे की पुत्रवधु और आर्किटेक्ट नितिन शिवहरे की पत्नी श्रीमती सवर्णा शिवहरे का आकस्मिक निधन हो गया है। 24 वर्षीय सवर्णा शिवहरे को गंभीर हालत में दिल्ली के मेदांता अस्पताल रैफर किया गया था लेकिन रास्ते में ही उसने सांस छोड़ दी।
इस समाचार पर उन लोगो के लिए सहज यकीन करना मुश्किल होगा जिन्होंने बीती 11 नवंबर को नितिन और सवर्णा की नवजात बेटी के दष्ठौन समारोह में शिरकत की होगी जो बीती 22 अक्टूबर को जन्मी थी। धनतेरस के दिन घर में लक्ष्मी आने से पूरा परिवार बहुत खुश था औऱ जोर-शोर से उसका दष्ठौन किया था। दो दिन पहले ही इस समारोह के फोटो आए हैं जिसमें सवर्णा बहुत खुश और उल्लास में नजर आ रही है।
जानकारी के मुताबिक, बीती 17 नवंबर को सवर्णा को अचानक बुखार आया, डाक्टर से दवा ली लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने पर अगले ही दिन 18 नवंबर को परिजनों ने उसे शाहगंज स्थित साकेत अस्पताल में भर्ती कराया जहां तमाम जांचों के बाद उसे निमोनिया का इनफेक्शन बताया गया। अस्पताल में सवर्णा को सघन चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया, रात में प्लाज्मा भी चढ़ाया । लेकिन तबीयत बिगड़ती ही गई। चिकित्सकों की सलाह पर परिजनों ने 19 नवंबर की सुबह सवर्णा को रैनबो अश्पताल में भर्ती करा दिया, जहां दोपहर 3 बजे चिकित्सकों ने उसे मेदांता अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। परिजन सवर्णा को लेकर दिल्ली भागे, लेकिन मेदांता पहुंचने से पहले ही दिल्ली में उसने सांस छोड़ दी। नितिन शिवहरे के मामा श्री वीरेंद्र गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार, निमोनिया का इन्फेक्शन सवर्णा के पूरे शरीर में बहुत तेजी से फैल गया जिसके चलते अंगों ने काम करना बंद कर दिया। समाचार लिखे जाने तक सवर्णा के पार्थिव शरीर को दिल्ली से आगरा लाया जा रहा है। देर रात यहां पहुंचने की उम्मीद है। सवर्णा की शवयात्रा सुबह नौ बजे दयालबाग में मीना एनक्लेव स्थित नितिन के घर से ताजगंज विद्युत शवदाहगृह के लिए प्रस्थान करेगी जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बता दें कि सवर्णा महज 7-8 साल की रही होगी जब उसके पिता स्व. श्री धर्मेंद्र शिवहरे (पिंटू) और माताजी स्व. श्रीमती भावना शिवहरे का निधन हो गया था। सवर्णा का लालन-पालन उसके मामा श्री धर्मेंद्रराज शिवहरे (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, दाऊजी मंदिर समिति) ने किया था। उन्हीं ने दो साल पहले बेटी की तरह उसका विवाह किया था।
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