कोटा।
राजस्थान के कोटा में अभेड़ा महल तिराहा पर भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की भव्य प्रतिमा स्थापित हो गई है। बुधवार को सूबे के नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने 10 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। अष्टधातु (गनमेटल) की 2 टन वजनी प्रतिमा को 11 फीट के पैडस्टल पर स्थापित किया गया। खास बात यह है कि पूरे राजस्थान में किसी सार्वजनिक स्थल भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की यह पहली प्रतिमा है।
बता दें कि अभेड़ा महल तिराहा उदयपुर के रास्ते से कोटा के प्रवेश मार्ग पर स्थित है। बीते जुलाई माह में कोटा के कलाल-कलार-कलवार समाज की काफी समय से चली आ रही मांग को मानते हुए शांति धारीवाल ने इसकी संस्तुति की थी। जिस पर नगर विकास न्यास ने चंबल नदी पार क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के अंतर्गत अभेड़ा महल तिराहे पर भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की प्रतिमा स्थापित करने के लिए 91.30 लाख रुपये का टेंडर जारी किया था। प्रतिमा का निर्माण का कार्य ग्वालियर के प्रसिद्ध स्वजातीय शिल्पकार श्री प्रभात राय ने किया जिसमें एक महीने का समय लगा। कलाल समाज कोटा के अध्यक्ष राहुल पारेता ने बताया कि प्रतिमा स्थापित करने का कार्य किन्हीं कारणों से निर्धारित समय से कुछ विलंब करना पड़ा।
इस बीच प्रतिमा अनावरण के लिए शांति धारीवाल की ओर से 5 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई। भगवान सहस्रबाहु की प्रतिमा अनावरण तिथि से लगभग एक सप्ताह पूर्व ही ग्वालियर से कोटा लाई गई जिसके बाद 11 फीट का पैडस्टल तैयार कर उस पर भगवान की प्रतिमा स्थापित कर दी गई। यह कार्य एक दिन पूर्व 4 अक्टूबर को ही पूरा हुआ था और अगले ही दिन बुधवार को शांति धारीवाल के कर-कमलों से इसका अनावरण कर दिया गया।
अनावरण समारोह में मुख्य अतिथि शांती धारीवाल के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अमित धारीवाल न अध्यक्षता की। विशिष्ट अतिथि के रूप में कलाल समाज के संरक्षक अनिल सुवालका, प्रदेश अध्यक्ष कन्हैया लाल पारेता और कोटा अध्यक्ष राहुल पारेता मंचासीन रहे। इनके साथ ही आसींद से पूर्व विधायक हंगामी लाल मेवाड़ा, पूर्व कलक्टर राकेश जायसवाल व कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष विनोद पारेता की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण रही।
विधिवत पूजा के बाद शांति धारीवाल ने प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा से पर्दा हटते ही अभेड़ा महल तिराहा तालियों की गड़गड़ाहट और सहस्रबाहु के जयकारों से उठा। इस दौरान कलाल समाज ने 51 किलो की फूलमाला पहनाकर धारीवाल का अभिनन्दन किया और उन्हें तलवार भेंट की।
मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि आराध्य देव राजराजेश्वर की प्रतिमा कलाल समाज की पुरानी मांग थी। राजस्थान में राजराजेश्वर की पहली प्रतिमा स्थापित की गई है। इससे पूर्व भी जब-जब कलाल समाज ने मांग की सिर्फ कांग्रेस ने ही मांग पूरी की। चाहे हवाई अड्डे के सामने सामुदायिक भवन की बात हो या बालिका छात्रावास के लिए भूखण्ड की मांग हो। कांग्रेस हमेशा कलाल समाज के साथ रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कोटा में चम्बल रिवर फ्रंट में भी दशावतार की प्रतिमाएं स्थापित की हैं, जो आकर्षण का केन्द्र हैं।
इसमें पूर्व वरिष्ठ समाजसेवी एवं पूर्व विधायक हंगामीलाल मेवाड़ा, पूर्व कलक्टर राकेश जायसवाल, गजानन्द मेवाड़ा समेत अन्य का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन संरक्षक अनिल सुवालका ने किया। अंत में समाज के अध्यक्ष राहुल पारेता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में कलाल समाज कोटा के कोषाध्यक्ष नरेश तलाइचा, सह-सचिव आनन्द मेवाड़ा, शांति सुवालका, जगदीश मेवाड़ा, बद्रीलाल पारेता, पवन सुवालका, पूर्व अध्यक्ष नरेश भास्कार, युवा मंडल अध्यक्ष कपिल पारेता, महिला मंडल अध्यक्ष ममता पारेता, संजय पारेता, ओम पारेता, विशाल वर्मा, प्रकाश ग्वालेरा, अनिल प्रताप मेवाड़ा समेत बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित रहे।
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कोटा में सहस्रबाहु की भव्य प्रतिमा का अनावरण; अष्टधातु की 10 फीट ऊंची 2 टन वजनी प्रतिमा; राजस्थान में पहली प्रतिमा
- by admin
- October 7, 2023
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