सालासर।
राजस्थान में सालासर बालाजी की पावन भूमि पर शुक्रवार को हुई राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में समाज के चतुर्दिक उत्थान के लिए सात महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए, इस संकल्प के साथ कि आने वाले दिनों में इन प्रस्तावों पर हर स्तर पर तत्परता से काम किया जाएगा।
श्री चमेली देवी अग्रवाल धर्मशाला के सभागार में आयोजित यह कार्यक्रम एक पारस्परिक विचार-विमर्श की सूरत में हुआ जिसमें महासंघ की ओर से प्रस्तुत प्रस्तावों पर मंचासीन अतिथियों एवं पदाधिकारियों के साथ ही सभागार में मौजूद सभी लोगों ने खुलकर अपने विचार रखे।
महासंघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री शिवचरण हांडा ने अपने स्वागत उदबोधन में प्रत्येक समाजबंधु से समाज के लिए कुछ न कुछ करते रहने की अपील करते हुए सामाजिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसी क्रम में महासंघ के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री रजनीश सुवालका (भीलवाड़ा) ने आर्थिक प्रस्ताव, वयोवृद्ध समाजसेवी श्री कन्हैयालाल पारेता (कोटा) ने धार्मिक प्रस्ताव, हरियाणा की महिला अध्यक्ष श्रीमती पुष्पलता जायसवाल (गुड़गांव) ने शैक्षणिक प्रस्ताव, राष्ट्रीय सचिव श्री विष्णु शिवहरे (झांसी) ने संगठनात्मक प्रस्ताव, महासंघ के श्री राजेश राय ने राजनीतिक प्रस्ताव एवं श्री सतीश जायसवाल (ग्वालियर) ने विधिक सहायता प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इन प्रस्तावों पर वहां मौजूद स्वजातीय बंधुओं ने खुलकर अपनी राय रखी। महोबा के राजीव राय सावजी ने धार्मिक प्रस्ताव पर कहा कि अपने बच्चों को समाज के गौरवशाली इतिहास की जानकारी देना आपकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। उन्होंने आह्वान किया कि प्रत्येक कलचुरी बंधु से अपने घर में भगवान सहस्त्रबाहु की मूर्ति या प्रतिमा अवश्य लगाए। इसी तरह बांसवाड़ा से पहुंचे हरीश कलाल ने सामाजिक प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारे यहां कई वर्षों से अनोखी परंपरा बन गई है कि स्वजातीय बंधु सामूहिक विवाह के माध्यम से ही अपने बच्चों की शादी करते हैं, महासंघ अपने सामाजिक प्रस्ताव में ऐसी पहल को शामिल कर सकता है। पुष्कर स्थित ‘राजस्थान सर्ववर्गीय कलाल समाज मंदिर एवं धर्मशाला’ के अध्यक्ष श्री सत्यनारायण मेवाड़ा (केकड़ी, अजमेर) ने कहा कि महासंघ जहां भी अपने कार्यक्रम करे, उसमें वहां के स्थानीय एवं क्षेत्रीय संगठनों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए ताकि वहां का स्थानीय समाज भी राष्ट्रीय इकाई से जुड़ सके। प्रयागराज से आए श्री कमलेंद्र जायसवाल ने सांगठानिक प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि क्यों न महासंघ के बैनर तले छोटे-छोटे संगठनों को उनकी अपनी पहचान कायम रखते हुए शामिल कर लिया जाए। इसी तरह अशोक गुप्ता (जयपुर), श्रीमती पूनम चौधरी (दिल्ली), केके जायसवाल (गाजियाबाद), गोविंद जायसवाल (पटना), राजेश शिवहरे (अनूपपुर), धनेश्वरी धनावत (जयपुर), अंजना जायसवाल (जयपुर), श्रीमती कंचन हांडा, श्रीमती रश्मि राय चौकसे (गुड़गांव), डा. सोनाली जायसवाल समेत कई समाजबंधुओं ने प्रस्तुत प्रस्तावों पर अपने विचार रखें।
अंत में कार्यक्रम अध्यक्षता कर रहीं महासंघ की राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि महासंघ ने जमीनी स्तर पर श्रम कर ये प्रस्ताव तैयार किए हैं, जबकि इनके कई बिंदुओं पर पहले ही काम शुरू किया जा चुका है। मसलन शिक्षा प्रस्ताव में ऐसी व्यवस्था बनाने का संकल्प है कि समाज का किसी भी प्रतिभाशाली बच्चे को पैसों की कमी के चलते शिक्षा से वंचित न होना पड़े। महासंघ ने अब तक स्वजातीय बंधुओं द्वारा संचालित 15 बड़े शैक्षणिक संस्थानों की सूची तैयार कर ली है। जल्द से इनसे संपर्क कर जरूरतमंद स्वजातीय बच्चों की सहायता के लिए एक संरचना विकसित की जाएगी। राज्य स्तर पर एक शिक्षा सहायता फंड बनाने की पहल भी की जाएगी, जिसका संचालन अनुभवी समाजबंधुओं की कमेटी करेगी जो पात्रता की जांच कर फंड का सही उपयोग सुनिश्चित करे। महासंघ की ओर से हर राज्य और हर जिले में स्थानीय इकाइयों द्वारा प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। सामाजिक एवं धार्मिक प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में महासंघ की स्थानीय इकाई भगवान सहस्त्रबाहु की प्रतिमा की स्थापना सुनिश्चित करे, इसके लिए राष्ट्रीय इकाई हर प्रकार की सहायता प्रदान करने को तत्पर रहेगी। राजनीतिक प्रस्ताव का ऐलान करते हुए श्रीमती जायसवाल ने कहा कि समाज सर्वोपरि है, हमारे समाज का व्यक्ति किसी भी पार्टी से चुनाव लड़े, हम सबको मिलकर उसकी जीत सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भोपाल में मेयर पद पर श्रीमती मालती राय की जीत समाज के समर्थक की एक मिसाल है। महासंघ समाज के राजनीतिक चेतना के विकास के लिए कार्य करेगी। संगठनात्मक प्रस्ताव पर हुई चर्चा पर अर्चना जायसवाल ने आश्वस्त किया कि अगली मीटिंग में अन्य संगठनों को भी आमंत्रित किया जाएगा। धार्मिक प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि महासंघ मध्य प्रदेश में भगवान सहस्त्रबाहु जयंती पर सरकारी छुट्टी फिर से चालू किए जाने की पुरजोर मांग करेगा।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि श्री श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर संतोषानंद जी (हरिद्वार) ने भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विशिष्ट अतिथि श्री चंद्रप्रकाश शास्त्री (नागौर), श्री पप्पू आचार्यजी (मकराना), वयोवृद्ध साजसेवी श्री कन्हैयालाल पारेता (कोटा), कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती अर्चना जायसवाल के साथ महासंघ के श्री शिवचरण हांडा, श्री रजनीश सुवालका, श्री सतीश जायसवाल, श्री विष्णु शिवहरे, श्रीमती डॉली मालवीय, श्रीमती पुष्पलता जायसवाल मंचासीन रहे। कार्यक्रम में लगभग बीस प्रशासनिक अधिकारियों जिसमे आईएएस, आरएएस के साथ ही जयपुर एसएमएस के डा. संजीव जायसवाल, जयपुर की चिकित्साधिकारी डा. सीमा जायसवाल एवं भीलवाड़ा की एडीजे श्रीमती वीना वर्मा को भी सम्मानित किया गया। जाने-माने फिल्म निर्देशक श्री मुकेश आरके चौकसे एवं अभिनेत्री प्रीती चौकसे की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही। श्री चौकसे ने भगवान सहस्त्रबाहु पर आधारित अपनी फिल्म एवं टीवी सीरियल के बारे में मंच से कई शानदार जानकारियां साझा की।
भीलवाड़ा के युवा उद्यमी ध्रुव सुवालका को युवा गौरव सम्मान से नवाजा गया। बता दें कि ध्रुव सुवालका अपने ब्रेनीवुड एप के माध्यम से बच्चों को लर्निंग टैक्निक्स सिखाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कलचुरी समाज की गतिविधियों और उपलब्धियों को प्रसारित करने वाले न्यूज पोर्टल एवं मैगजीन शिवहरेवाणी (www.shivharevaani.com) के संपादक सोम साहू (आगरा) ने जल्द ही मोबाइल एप लांच करने और न्यूज पोर्टल पर महासंघ का एक अलग पेज शुरू करने की घोषणा की। कलचुरी एकता महासंघ की बहुउद्देशीय पत्रिका का विमोचन भी मंचासीन अतिथियों ने किया। इस पत्रिका का संपादन अनिल जायसवाल ने किया है। महासंघ के प्रदेश युवा अध्यक्ष श्री सुशील शिवहरे (छतरपुर) को नगर पालिका का पार्षद चुने जाने पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने स्वजातीय संत महामंडलेश्वर श्री संतोषानंदजी के पांव पखारे। इस दौरान राजस्थान के कलाल समाज की ओर से श्री सत्यनारायण मेवाड़ा (केकड़ी, अजमेर) और श्री हरीश कलाल (बांसवाड़ा) व अन्य साथियों ने महामंडलेश्वर को सम्मान स्वरूप तलवार भेंट की।
कार्यक्रम का संचालन महासंघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री किशोर राय ने किया। कार्यक्रम में पुनर्विवाह के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले श्री कैलाश राय (बरेली, रायसेन) की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण रही। व्यवस्थाओं में राजेश राय (उज्जैन), पन्ना से भगवत जायसवाल, महादेव शिवहरे, मनीष शिवहरे एवं बारेलाल ओमरे, महिला प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती रागिनी जायसवाल (बुरहानपुर), प्रदेश कोषाध्यक्ष मीना चौकसे (बुरहानपुर), सुधाकर राउत (भोपाल), यशवंत राय (उदयपुरा, रायसेन), कैलाश राय (बरेली, रायसेन), आरबी जायसवाल, अरुण जायसवाल, मनीष राय (डिंढोरी), श्रीमती सुनीता शिवहरे, श्रीमती सुषमा शिवहरे, श्रीमती संगीता भमोरे, नीलम पारेता, बुरहानपुर से सुश्री श्रेया जायसवाल एवं सुश्री दीप्ति चौकसे आदि का सहयोग रहा।
श्रीमती डौली मालवीय (भोपाल), जयपुर से राष्ट्रीय हैहय वंश कलार सभा के महामंत्री उत्तमचंद चौधरी, श्रीमती भावना जायसवाल, डा. रामअवतार जायसवाल, अवि जायसवाल, सत्यनारायण सिंह, राजकिशोर चौधरी एवं महेश जायसवाल, नागौर से दिनेश कुमार सोनी एवं प्रकाश सोनगरा, रायसेन से ओमप्रकाश राय (सिलवानी) एवं जीवन राय (उदयपुरा), बुरहानपुर से श्रीमती नीता चौकसे, श्रीमती मीना जयप्रकाश चौकसे, श्रीमती संगीता भमौरे एवं श्री अरविंद भमौरे, कोटा के मनोहरपुरा थाना के विधायक श्री जगन्नाथजी वर्मा की पुत्री श्रीमती नीलम पारेता एवं श्री अनिल पारेता, अलवर से गोपेश धारवाल, ग्वालियर से श्री ओमप्रकाश राय एवं श्री हुकुमचंद जायसवाल, दिल्ली से श्रीमती दीपा एवं कृष्णगोपाल शिवहरे, सरिका चौकसे (इंदौर), झांसी से श्री अमित राय एवं श्रीमती हेमा राय समेत राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों से 180 से अधिक समाजबंधुओं ने शिरकत की।
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