November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

राधा के निःशब्द प्रेम को भजनों में पिरोया शिवहरे महिलाओं ने, राधाकृष्ण मंदिर में राधा अष्टमी महोत्सव

शिवहरेवाणी नेटवर्क
आगरा। 
आगरा में शिवहरे समाज की धरोहर मंदिर श्रीराधाकृष्ण में बीते रोज राधाअष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। राधाकृष्ण महिला समिति की महिलाओं ने भजन-कीर्तन कर कृष्ण और राधारानी के प्रेम की महिमा का बखान किया। इस दौरान मंदिर मे भगवान राधा-कृष्ण के नयानाभिराम दर्शनों ने भक्तों को निहाल कर दिया। 

जब भी भगवान श्रीकृष्ण का नाम लिया जाता है तो ऐसा हो नहीं सकता कि कि राधा जी का नाम ना लिया जाए। यहां तक कि श्रीकृष्ण को  राधे-कृष्ण कहकर पुकारा जाता है । ये दो नाम एक दूसरे से हमेशा के लिए जुड़ गए हैं। राधा रानी के बिना कृष्ण जी की पूजा अधूरी मानी गई है।  यही कारण है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ठीक पंद्रह दिन बाद भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा-अष्टमी के दिन राधा और कृष्ण दोनों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि राधाष्टमी के व्रत के बिना कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का पूरा पुण्य प्राप्त नहीं मिलता है। 

शास्त्रों के अनुसार, श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं कि जीवन भर मैंने कर्म किया, ज्ञान दिया, योग सिखाया और भक्ति दी, लेकिन ये सब उस राधा के नि:शब्द प्रेम के समर्पण में ही जीवंत हुए। पुरुष रूप में जो भी श्रेष्ठ है, उसमें प्रकृतिनिष्ठ राधा और गोपियों का प्रेम ही आधार है। प्रकृति रूप राधा पुरुष रूप श्रीकृष्ण के साथ इतनी आबद्ध हैं कि संसार में उनकी जैसी चाहत को कोई बांध ही नहीं सकता। यह प्रेम का शिखर है।

राधा उस सक्रिय और गतिशील शक्ति का नाम है, जिसने हजारों साल की समय की धारा में सृजन और संबंध के कई आयामों को स्पर्श किया है। साहित्य, संगीत, नृत्य, इतिहास, संस्कृति, कला, साधना और कर्म के शिखर पर राधा नाम की छाप है। बांसुरी की धुन में, नृत्य की थिरकन में, संगीत की लय में और कर्म की साधना में श्रीराधा हैं।

राधा-कृष्ण मंदिर में बीते रोज राधाअष्टमी के उपलक्ष्य में राधाकृष्ण महिला समिति की सदस्यों ने भजन-कीर्तन कर राधारानी की इसी महिमा का गुणगान किया। राधारानी के चरण दर्शन श्रृंगार ने भक्तों को निहाल कर दिया। इस दौरान राधाकृष्ण की महाआरती भी की गई और प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। 

राधाकृष्ण महिला समिति की अध्यक्ष पूनम गुप्ता, रजनी, उर्मिला, नीमा, रितु, संध्या, साधना, भावना, राजरानी, क्षमा, रचना समेत समिति की सभी महिलाओं ने भजन संध्या में भागीदारी की। इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता और महासचिव मुकुंद शिवहरे अन्य व्यवस्थाएं संभालीं। 

 

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