Shiv Hare Vaani धरोहर 188 गतांक से आगे शिवहरे नवयुवक मित्र मंडल के प्रयासों से देखते ही उस समय के ज्यादातर युवक परंपरागत आबकारी व्यवस
कलचुरी, कलवार, कलार समाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकता के सूत्र में पिरोने के लिए और समाज की प्रतिष्ठा को और बढ़ाने के लिए "शिवहरेवाणी" पोर्टल बनाया गया है। "