Shiv Hare Vaani 2017 सृजन 211 श्री त्रिलोकीनाथजी गुप्ता की लिखी यह कविता 1974 में प्रकाशित पत्रिका शिवहरे संदेश से ली गई है। श्री त्रिलोकीनाथजी उस समय 23/
कलचुरी, कलवार, कलार समाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकता के सूत्र में पिरोने के लिए और समाज की प्रतिष्ठा को और बढ़ाने के लिए "शिवहरेवाणी" पोर्टल बनाया गया है। "