August 1, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

मिसाल बनी ‘स्वाति की शादी’; ईश्वर सबको दे दीपक जैसा दामाद और नरेंद्र जैसा समधी; कुशीनगर से समाज को महान संदेश

कुशीनगर।
कुशीनगर की एक ह्रदयस्पर्शी घटना को लेकर संपूर्ण कलचुरी समाज इस बात पर गर्व कर सकता है कि श्री नरेंद्र जायसवाल जैसा व्यक्ति उनके अपने समाज से है जिसने विवाह परंपरा की महानता का एक नया आयाम स्थापित किया है। श्री नरेंद्र जायसवाल ने यह भी साबित किया कि विवाह सिर्फ लड़के और लड़की के दांपत्य का मामला नहीं है बल्कि उनके परिवारों का मिलन भी है। 

आप सोचेंग कि ऐसा क्या किया नरेंद्र जायसवाल ने, तो हम आपको पूरा मामला बताते हैं। कुशीनगर के विशुनपुरा क्षेत्र में दुदही गोला बाजार निवासी श्री नरेंद्र जायसवाल ने हाल ही में अपने बेटे दीपक जायससवाल की शादी देवरिया जिले के राघवनगर निवासी सुशील जायसवाल की बेटी स्वाति जायसवाल के साथ तय की थी। इसी साल मार्च में सगाई हुई थी और 8 दिसंबर को शादी का मुहुर्त तय हुआ।  सुशील जायसवाल ने बेटी की शादी में पांच लाख रुपये का दहेज और दावत का खर्चा उठाने का वादा किया। दोनों परिवारों ने शादी की तैयारियां शुरू कर दी थीं। 
इस बीच, जुलाई के आखिरी हफ्ते में सुशील जायसवाल की पत्नी इंदु देवी के सीने में तेज दर्द उठा। देवरिया के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान इंदु देवी की जांचें कराईं। जांच रिपोर्ट में इंदु देवी को कैंसर होने की बात सामने आई। सुशील जायसवाल के पांव तले जमीन खिसक गई, बेटी की शादी सिर पर और पत्नी को कैंसर जैसी घातक बीमारी। बेटी ब्याहे या पत्नी का इलाज कराए? इसी झंझावात में उलझे सुशील को बेटी का सपोर्ट मिला, अपनी खुशियों को ताक पर रखकर उसने कहा, ‘पापा आप शादी कैंसिल कर दीजिए, मां का इलाज कराइये..मां ठीक हो जाएगी तो शादी के बारे में सोच लेंगे।’

बेटी के इस इसरार ने सुशील को हौसला दिया, और वह दिल पक्का कर कुशीनगर में नरेंद्र जायसवाल से मिले। पत्नी को कैंसर होने की बात बताते हुए शादी करने में असमर्थता जताई। कहा, ‘अब पत्नी का इलाज मेरी प्राथमिकता है। इसीलिए दहेज के पांच लाख देना तो दूर, ब्याह-दावत का खर्चा तक उठा पाने की स्थिति में नहीं हूं।‘ इतना कहकर सुशील वहां से देवरिया लौट गए। 
नरेंद्र जायसवाल ने उस वक्त को बिना कुछ कहे सुशील जायसवाल को विदा कर दिया लेकिन उनके जाने के बाद नरेंद्र जायसवाल ने अपनी पत्नी, बड़े बेटे राजेश और छोटे पुत्र दीपक को बिठाकर विमर्श किया। तय किया कि नियति के इस खेल में स्वाति का तो कोई कसूर नहीं है, स्वाति को हमने बहू मान लिया है तो अब उसके परिवार पर आई विपदा में उनके साथ खड़े होना हमारा फर्ज बनता है। इसीलिए हम बिना दान-दहेज के बहू को लेकर आएंगे और उसकी मां के उपचार में मदद करेंगे। इस फैसले के बाद तत्काल 
परिवार के इस फैसले नरेंद्र जायसवाल ने तत्काल पंडितजी को बुलाकर शादी का दूसरा मुहूर्त दिखवाया जो पांच अगस्त का निकला। इसके बाद नरेंद्र जायसवाल लग्न पत्रिका लेकर पूरे परिवार के साथ देवरिया में दिनेश जायसवाल के घर पहुंच गए। नरेंद्र ने सुशील से कहा, ‘हमें किसी प्रकार का दान-दहेज नहीं चाहिए, हम स्वाति बिटिया को ब्याहने आए हैं। उसकी शादी भी होगी और उसकी मां का इलाज भी होगा, हम करेंगे मदद आपकी। पांच अगस्त का मुहुर्त निकला है, चलिये मंदिर में दीपक और स्वाति के फेरे करवा देते हैं।’ नरेंद्र और उसके परिवार का फैसला सुनते ही सुशील जायसवाल की आंखें डबडबा गईं, स्वाति ऐसी ससुराल पाकर खुशी से रोने लगी। बीते 5 अगस्त को कुशीनगर के सिधुवा मंदिर में दीपक और स्वाति ने सादगी भरे माहौल में सात फेरे लिये। सुशील के परिवार ने हंसी खुशी बेटी को विदा किया।
कौन विश्वास करेगा कि मुंशी प्रेमचंद की किसी कहानी सी लगने वाली यह घटना मौजूदा दौर की है, जब विवाह परंपरा की पवित्रता और सादगी पर दौलतमंदों की शोशेबाजी हावी होती जा रही है, और दान-दहेज को कुप्रथा के बजाय स्टेट सिंबल माना जाने लगा है। ऐसे में भारतीय विवाह परंपरा की महानता की लाज रखने वाले नरेंद्र जायसवाल को एक सलाम तो आपका भी बनता है। 
 

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    Uncategorized, समाचार, समाज

    ‘जेवाईएफ मुंबई’ ने जीता ‘कलाल सुपर प्रीमियर लीग’ का

    शिक्षा/करियर, समाचार, समाज

    दिल्ली में कलचुरी समाज के बच्चों को निःशुल्क कोचिंग;

    समाचार, समाज

    दिल्ली के शैलेंद्र जायसवाल एडवोकेट होंगे नए राष्ट्रीय महासचिव;

    समाचार

    गोंडा के एसएसपी विनीत जायसवाल की इसलिए हो रही

    समाचार, समाज

    2024 के नगीने हैं ये बच्चे; जयपुर में कलचुरी

    समाचार, समाज

    … ताकि हिंदीभाषी कलचुरी भी पढ़ सकें श्री नारायण